21.9 C
Gujarat
मंगलवार, जनवरी 21, 2025

श्री चिन्तपूर्णी देवी जी की आरती

Post Date:

Chintapurni Devi Aarti

चिन्तपूर्णी चिन्ता दूर करनी,
जन को तारो भोली माँ॥

काली दा पुत्र पवन दा घोडा,
सिंह पर भई असवार, भोली माँ॥१॥

एक हाथ खड़ग दूजे में खांडा,
तीजे त्रिशूलसम्भालो, भोली माँ॥२॥

चौथे हथ चक्कर गदा पांचवे,
छठे मुण्डों दी माल भोली माँ॥३॥

सातवें से रुण्ड-मुण्ड बिदारे,
आठवें से असुर संहारे, भोली माँ॥४॥

चम्पे का बाग लगा अति सुन्दर,
बैठी दीवान लगाय, भोली माँ॥५॥

हरि हर ब्रह्मा तेरे भवन विराजे,
लाल चंदोया बैठी तान, भोली माँ॥६॥

औखी घाटी विकटा पैंडा,
तले बहे दरिया, भोली माँ॥७॥

सुमर चरन ध्यानू जस गावे,
भक्तां दी पज निभाओ, भोली माँ॥८॥

माता चिंतपूर्णी मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा को जानने की लिए यहाँ जाए.

Maa chintapurni devi

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

Totakashtakam तोटकाष्टकं

तोटकाष्टकं(Totakashtakam)आदि शंकराचार्य के चार प्रमुख शिष्यों में से एक,...

Shiva Panchakshari Stotram शिव पञ्चाक्षरि स्तोत्रम्

शिव पञ्चाक्षरि स्तोत्रम्(Shiva Panchakshari Stotram) भगवान शिव की स्तुति...

Bilvaashtakam – बिल्वाष्टकम्

बिल्वाष्टकम्(Bilvaashtakam) भगवान शिव को समर्पित एक अद्भुत स्तोत्र है,...

Lingashtakam in Sanskrit लिङ्गाष्टकम्

लिङ्गाष्टकम्(Lingashtakam) भगवान शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध स्तोत्र है।...
error: Content is protected !!