23 C
Gujarat
बुधवार, नवम्बर 12, 2025

श्री जुगलकिशोर जी की आरती 

Post Date:

आरती जुगलकिशोर की कीजै।
तन मन धन न्यौछावर कीजै।

रवि शशि कोटि बदन की शोभा।
ताहि निरखि मेरी मन लोभा।

गौर श्याम मुख निखरत रीझै।
प्रभु को स्वरूप नयन भरि पीजै।

कंचन थार कपूर की बाती।
हरि आए निर्मल भई छाती।

फूलन की सेज फूलन की माला।
रतन सिंहासन बैठे नन्दलाला।

मोर मुकुट कर मुरली सोहे।
नटवर वेष देखि मन मोहे।

ओढ़यो नील-पीत पटसारी,
कुंज बिहारी गिरवरधारी।

आरती करत सकल ब्रजनारी।
नन्दनन्दन वृषभानु किशोरी।

परमानन्द स्वामी अविचल जोड़ी।
आरती जुगल किशोर की कीजै।


श्री जुगलकिशोर जी मंदिर से जुडी सभी बाते जाने ने की लिए यहाँ जाए Click Here

452432691 891229043045001 5184912955823463100 n

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

अर्ध नारीश्वर अष्टकम्

अर्ध नारीश्वर अष्टकम्अर्धनारीश्वर अष्टकम्(Ardhanareeswara Ashtakam) शिव और शक्ति के...

कालभैरवाष्टकम्

Kalabhairava Ashtakam In Englishकालभैरवाष्टकम्(Kalabhairava Ashtakam) एक प्रसिद्ध स्तोत्र है, जो भगवान...

कालभैरवाष्टकम् 

काल भैरव अष्टकदेवराजसेव्यमानपावनांघ्रिपङ्कजं व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम् ।नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे...

बिल्वाष्टकम्

बिल्वाष्टकम्बिल्वाष्टकम्(Bilvashtakam) भगवान शिव को समर्पित एक अद्भुत स्तोत्र है,...
error: Content is protected !!