38.1 C
Gujarat
मंगलवार, मार्च 25, 2025

मत्स्य स्तोत्रम्

Post Date:

मत्स्य स्तोत्रम् Matsya Stotram Lyrics

श्रीगणेशाय नमः ॥
नूनं त्वं भगवान्साक्षाद्धरिर्नारायणोऽव्ययः ।
अनुग्रहाय भूतानां धत्से रुपं जलौकसाम् ॥ १ ॥


नमस्ते पुरुषश्रेष्ठ स्थित्युत्पत्त्यप्ययेश्‍वर ।
भक्‍तानां नः प्रपन्नानां मुख्यो ह्यात्मगतिर्विभो ॥ २ ॥


सर्वे लीलावतारास्ते भूतानां भूतिहेतवः ।
ज्ञातुमिच्छाम्यदो रूपं यदर्थं भवता धृतम् ॥ ३ ॥


न तेऽरविन्दाक्ष पदोपसर्पणं मृषा भवेत्सर्वसुह्रत्प्रियात्मनः ।
यथेतरेषां पृथगात्मनां सतामदीदृशो यद्वपुरद्‌भुतं हि नः ॥ ४ ॥


इति श्रीमद्भागवतातर्गतं मत्स्यस्तोत्रं सपूर्णम् ।

 

 

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

मार्कण्डेयपुराण

Markandey Puranमार्कण्डेय पुराण(Markandey Puran) हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों...

Shodasha Bahu Narasimha Ashtakam In Hindi and Sanskrit

Shodasha Bahu Narasimha Ashtakam (श्री षोडश बाहु नृसिंह अष्टकम)श्री...

श्री गङ्गाष्टकम्

Ganga Ashtakam In Hindiश्री गङ्गाष्टकम् एक प्रसिद्ध संस्कृत स्तोत्र...

गोविन्दाष्टकम

https://youtu.be/YEiOXNodAEQ?si=Wn_JC_oWNZ3v7TvEगोविन्दाष्टकमश्री गोविन्दाष्टकम(Govindashtakam) एक प्रसिद्ध वैष्णव स्तोत्र है, जिसमें भगवान...