29.2 C
Gujarat
गुरूवार, नवम्बर 21, 2024

मत्स्य स्तोत्रम्

Post Date:

मत्स्य स्तोत्रम् Matsya Stotram Lyrics

श्रीगणेशाय नमः ॥
नूनं त्वं भगवान्साक्षाद्धरिर्नारायणोऽव्ययः ।
अनुग्रहाय भूतानां धत्से रुपं जलौकसाम् ॥ १ ॥


नमस्ते पुरुषश्रेष्ठ स्थित्युत्पत्त्यप्ययेश्‍वर ।
भक्‍तानां नः प्रपन्नानां मुख्यो ह्यात्मगतिर्विभो ॥ २ ॥


सर्वे लीलावतारास्ते भूतानां भूतिहेतवः ।
ज्ञातुमिच्छाम्यदो रूपं यदर्थं भवता धृतम् ॥ ३ ॥


न तेऽरविन्दाक्ष पदोपसर्पणं मृषा भवेत्सर्वसुह्रत्प्रियात्मनः ।
यथेतरेषां पृथगात्मनां सतामदीदृशो यद्वपुरद्‌भुतं हि नः ॥ ४ ॥


इति श्रीमद्भागवतातर्गतं मत्स्यस्तोत्रं सपूर्णम् ।

 

 

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

अंगारक नामावली स्तोत्रम् Angaraka Namavali Stotram

अंगारक नामावली स्तोत्रम् Angaraka Namavali Stotramhttps://youtu.be/YIwnTBfgG6c?si=x85GbFT0sA-aHA13अंगारक नामावली स्तोत्रम् एक...

चंद्र कवचम् Chandra Kavacham

चंद्र कवचम् Chandra Kavachamhttps://youtu.be/J9ejFmCLzWI?si=KTCgWqu5p7tWj5G5गौतम ऋषि द्वारा रचित चंद्र कवचम्...

बुध कवचम् Budha Kavacham

बुध कवचम् Budha Kavachamबुध कवचम् एक महत्वपूर्ण वैदिक स्तोत्र...

बृहस्पति कवचम् Brihaspati Kavacham

बृहस्पति कवचम् Brihaspati Kavachamबृहस्पति कवचम् एक धार्मिक स्तोत्र है,...
error: Content is protected !!