25.1 C
Gujarat
गुरूवार, अक्टूबर 30, 2025

अगस्त्यकृतम् शिवस्तोत्रम्

Post Date:

अगस्त्यकृतम् शिवस्तोत्रम् Agasthyakritam Shivastotram

अद्य मे सफलं जन्म चाद्य मे सफलं तपः ।
अद्य मे सफलं ज्ञानं शंभो त्वत्पाददर्शनात् ॥१॥

कृतार्थोऽहं कृतार्थोऽहं कृतार्थोऽहं महेश्वर ।
अद्य ते पादपद्मस्य दर्शनात् भक्तवत्सल ॥२॥

शिवः शंभुः शिवः शंभुः शिवः शंभुः शिवः शिवः ।
इति व्याहरतो नित्यं दिनान्यायान्तु यान्तु मे ॥३॥

शिवे भक्तिः शिवे भक्तिः शिवे भक्तिर्भिवे भवे ।
सदा भूयात् सदा भूयात् सदा भूयात् सुनिश्चला ॥४॥

वयं धन्या वयं धन्या वयं धन्या जगत्त्रये ।
आदिदेवो महादेवो यदस्मत् कुलदैवतम् ॥५॥

हर शंभो महादेव विश्वेशामरवत्सल ।
शिवशंकर सर्वात्मन् नीलकण्ठ नमोऽस्तु ते ॥६॥

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

धन्वन्तरिस्तोत्रम् | Dhanvantari Stotram

धन्वन्तरिस्तोत्रम् | Dhanvantari Stotramॐ नमो भगवते धन्वन्तरये अमृतकलशहस्ताय,सर्वामयविनाशनाय, त्रैलोक्यनाथाय...

दृग तुम चपलता तजि देहु – Drg Tum Chapalata Taji Dehu

दृग तुम चपलता तजि देहु - राग हंसधुन -...

हे हरि ब्रजबासिन मुहिं कीजे – He Hari Brajabaasin Muhin Keeje

 हे हरि ब्रजबासिन मुहिं कीजे - राग सारंग -...

नाथ मुहं कीजै ब्रजकी मोर – Naath Muhan Keejai Brajakee Mor

नाथ मुहं कीजै ब्रजकी मोर - राग पूरिया कल्याण...
error: Content is protected !!