25.8 C
Gujarat
बुधवार, दिसम्बर 3, 2025

स्याम मोहिं तुम बिनु कछु न सुहावै | Syam Mohin Tum Binu Kachu Na Suhavai

Post Date:

स्याम मोहिं तुम बिनु कछु न सुहावै

Syam Mohin Tum Binu Kachu Na Suhavai

 

स्याम मोहिं तुम बिनु कछु न सुहावै ।

जबतें तुम तजि ब्रज, गये मथुरा, हिय उथल्योई आवै ॥

बिरह बिथा सगरे तनु व्यापी, तनिक न चैन लखावै ।

कल नहिं परत निमेष एक मोहि, मन-समुद्र लहरावै ।।

नंद-घर सूनो, मधुबन सूनो, सूनी कुंज जनावै ।

गोठ, बिपिन, जमुना-तट सूनो, हिय सूनो बिलखावै ।।

अति बिह्वल वृषभानुनंदिनी, नैर्नान नीर बहावै ।

सकुच बिहाइ पुकारि कहति सो, स्याम मिलें सुख पावै।।

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् एक अत्यंत पवित्र...

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम् (Lakshmi Sharanagati Stotram) एक...

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रं

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रंलक्ष्मीभर्तुर्भुजाग्रे कृतवसति सितं यस्य रूपं...

द्वादश ज्योतिर्लिंङ्ग स्तोत्रम्

द्वादश ज्योतिर्लिंङ्ग स्तोत्रम्द्वादशज्योतिर्लिंगस्तोत्र एक प्रसिद्ध स्तोत्र है जिसमें भगवान...
error: Content is protected !!