40 C
Gujarat
शुक्रवार, मई 23, 2025

स्कन्द पुराण

Post Date:

Skanda Purana

स्कन्द पुराण हिन्दू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक है और यह भगवान स्कन्द (कार्तिकेय), जो भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं, को समर्पित है। यह पुराण अपने विशाल आकार और व्यापक विषय-वस्तु के लिए जाना जाता है। स्कन्द पुराण को सबसे बड़े पुराणों में से एक माना जाता है, जिसमें लगभग 81,000 श्लोक हैं। यह पुराण धार्मिक, ऐतिहासिक, और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें तीर्थ स्थानों, देवी-देवताओं की कथाएं, और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर शिक्षाएं शामिल हैं।

स्कन्द पुराण का संक्षिप्त परिचय

स्कन्द पुराण का नाम भगवान स्कन्द के नाम पर रखा गया है, जो युद्ध के देवता और सेनापति के रूप में विख्यात हैं। इस पुराण की रचना का श्रेय महर्षि वेदव्यास को दिया जाता है, जिन्होंने अन्य महापुराणों की भी रचना की थी। यह पुराण मूल रूप से संस्कृत भाषा में लिखा गया है और इसमें सात खंड (खण्ड) शामिल हैं, जिन्हें “संहिता” कहा जाता है। ये सात संहिताएं हैं:

  1. माहेश्वर खण्ड
  2. वैष्णव खण्ड
  3. ब्रह्म खण्ड
  4. काशी खण्ड
  5. आवन्त्य खण्ड
  6. नागर खण्ड
  7. प्रभास खण्ड

हालांकि, कुछ विद्वानों का मानना है कि स्कन्द पुराण का मूल स्वरूप समय के साथ बदल गया है और इसके विभिन्न संस्करण प्रचलित हैं। फिर भी, यह पुराण हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र और प्रेरणादायक माना जाता है।

Skanda Purana in Englsih

स्कन्द पुराण की संरचना और विषय-वस्तु

स्कन्द पुराण की संरचना अन्य पुराणों की तरह ही है, जिसमें पांच प्रमुख लक्षणों (पंचलक्षण) पर ध्यान दिया गया है:

  1. सर्ग (सृष्टि का वर्णन)
  2. प्रतिसर्ग (सृष्टि का पुनर्जनन)
  3. वंश (देवताओं और ऋषियों के वंश का वर्णन)
  4. मन्वन्तर (मनु के कालखंडों का वर्णन)
  5. वंशानुचरित (वंशों की कथाएं और इतिहास)

हालांकि, स्कन्द पुराण का मुख्य जोर तीर्थ स्थानों के महत्व, भक्ति, और धर्म के मार्ग पर है। इसमें कई कथाएं हैं जो भगवान शिव, विष्णु, और अन्य देवी-देवताओं से संबंधित हैं। इसके अलावा, यह पुराण विभिन्न तीर्थों जैसे काशी, प्रभास, और अवन्ती (उज्जैन) के माहात्म्य को विस्तार से वर्णन करता है।

स्कन्द पुराण की प्रमुख कथाएं

  1. स्कन्द की उत्पत्ति: इस पुराण में भगवान स्कन्द के जन्म की कथा विस्तार से वर्णित है। इसमें बताया गया है कि कैसे उनका जन्म तारकासुर नामक राक्षस का वध करने के लिए हुआ था। माता पार्वती और भगवान शिव की शक्ति से उत्पन्न स्कन्द को छह माताओं (कृत्तिकाओं) ने पाला, जिसके कारण उन्हें “कार्तिकेय” भी कहा जाता है।
  2. तीर्थ माहात्म्य: काशी खण्ड में काशी (वाराणसी) के धार्मिक महत्व का वर्णन है। यह बताया गया है कि काशी में मृत्यु होने पर व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  3. शिव-पार्वती विवाह: माहेश्वर खण्ड में भगवान शिव और पार्वती के विवाह की कथा भी शामिल है, जो हिन्दू धर्म में अत्यंत लोकप्रिय है।
skanda purana3

स्कन्द पुराण का महत्व

स्कन्द पुराण का महत्व केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी है। यह पुराण प्राचीन भारत के भूगोल, समाज, और परंपराओं का एक दर्पण है। इसके अतिरिक्त, यह भक्ति और कर्मकांड के महत्व को भी रेखांकित करता है।

  1. धार्मिक महत्व: यह पुराण भक्तों को यह सिखाता है कि भक्ति और सच्चे हृदय से की गई पूजा ही ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग है। इसमें विभिन्न मंत्रों और पूजा-विधियों का भी उल्लेख है।
  2. ऐतिहासिक महत्व: स्कन्द पुराण में उल्लिखित तीर्थ स्थानों और घटनाओं से प्राचीन भारत के इतिहास की झलक मिलती है।
  3. सांस्कृतिक महत्व: यह पुराण भारतीय संस्कृति के मूल्यों जैसे धर्म, कर्म, और परिवार के प्रति कर्तव्य को दर्शाता है।

स्कन्द पुराण के खण्डों का संक्षिप्त वर्णन

  1. माहेश्वर खण्ड: यह खण्ड भगवान शिव को समर्पित है और इसमें उनकी लीलाओं और तीर्थों का वर्णन है।
  2. वैष्णव खण्ड: भगवान विष्णु की महिमा और उनके अवतारों की कथाएं इसमें शामिल हैं।
  3. ब्रह्म खण्ड: सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा और उनके कार्यों का वर्णन इस खण्ड में है।
  4. काशी खण्ड: काशी के तीर्थ माहात्म्य और वहां की पवित्र संहिता में विस्तार से बताया गया है।
  5. आवन्त्य खण्ड: उज्जैन और महाकालेश्वर की महिमा का वर्णन करता है।
  6. नागर खण्ड: इसमें प्राचीन नगरों और उनके इतिहास का उल्लेख है।
  7. प्रभास खण्ड: प्रभास क्षेत्र (सोमनाथ) के धार्मिक महत्व को दर्शाता है।

स्कन्द पुराण कल्याण Skanda Purana Kalyan


स्कन्द पुराण गिताप्रेश Skanda Purana Gita Press


skanda purana2

Skanda Purana English

1
Skanda Purana English Part 1
2
Skanda Purana English Part 2
3
Skanda Purana English Part 3
4
Skanda Purana English Part 4
5
Skanda Purana English Part 5
6
Skanda Purana English Part 6
7
Skanda Purana English Part 7
8
Skanda Purana English Part 8
9
Skanda Purana English Part 9
10
Skanda Purana English Part 10
11
Skanda Purana English Part 11
12
Skanda Purana English Part 12
13
Skanda Purana English Part 13
14
Skanda Purana English Part 14
15
Skanda Purana English Part 15
16
Skanda Purana English Part 16
17
Skanda Purana English Part 17
18
Skanda Purana English Part 18
19
Skanda Purana English Part 19
20
Skanda Purana English Part 20

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

रश्मिरथी – षष्ठ सर्ग – भाग 13 | Rashmirathi Sixth Sarg Bhaag 13

रश्मिरथी - षष्ठ सर्ग - भाग 13 | Rashmirathi...

रश्मिरथी – षष्ठ सर्ग – भाग 12 | Rashmirathi Sixth Sarg Bhaag 12

रश्मिरथी - षष्ठ सर्ग - भाग 12 | Rashmirathi...

रश्मिरथी – षष्ठ सर्ग – भाग 11 | Rashmirathi Sixth Sarg Bhaag 11

रश्मिरथी - षष्ठ सर्ग - भाग 11 | Rashmirathi...

रश्मिरथी – षष्ठ सर्ग – भाग 9 | Rashmirathi Sixth Sarg Bhaag 9

रश्मिरथी - षष्ठ सर्ग - भाग 9 | Rashmirathi...
error: Content is protected !!