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मंगलवार, जनवरी 21, 2025

Bhadrakali Stuti – भद्रकाली स्तुतिः

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भद्रकाली स्तुतिः(Bhadrakali Stuti) हिंदू धर्म में देवी भद्रकाली की स्तुति और उपासना का एक महत्त्वपूर्ण ग्रंथ या मंत्र है। भद्रकाली, देवी दुर्गा का एक उग्र रूप मानी जाती हैं, जो अपने भक्तों की रक्षा करने और दुष्टों का नाश करने के लिए प्रकट होती हैं। यह स्तुति देवी की शक्ति, करुणा और भय से मुक्ति प्रदान करने की अद्भुत क्षमता का वर्णन करती है।

भद्रकाली का उल्लेख विभिन्न पुराणों और ग्रंथों में मिलता है। उन्हें शक्ति और विजय की देवी माना जाता है। वह महाकाली का एक सौम्य और कल्याणकारी रूप हैं, जो भक्तों के सभी प्रकार के संकटों को दूर करती हैं। ‘भद्र’ शब्द का अर्थ शुभ और कल्याणकारी है, जबकि ‘काली’ का अर्थ समय और शक्ति है। इस प्रकार, भद्रकाली का अर्थ है वह शक्ति जो शुभता और कल्याण लेकर आती है।

भद्रकाली स्तुतिः का महत्व Importance of Bhadrakali Stuti

भद्रकाली स्तुतिः को पाठ करने से साधक को कई लाभ प्राप्त होते हैं:

  1. संकटों का निवारण: यह स्तुति जीवन के कष्टों और बाधाओं को दूर करने में सहायक है।
  2. आत्मबल की प्राप्ति: भद्रकाली स्तुति व्यक्ति में आत्मबल और साहस का संचार करती है।
  3. दुष्ट शक्तियों से रक्षा: यह मंत्र दुष्ट आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा प्रदान करता है।
  4. मनोकामना पूर्ति: देवी की कृपा से भक्त की इच्छाएं पूर्ण होती हैं।

भद्रकाली पूजा विधि

भद्रकाली स्तुति का पाठ करने से पहले साधक को कुछ नियमों का पालन करना चाहिए:

  1. सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. देवी की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाएं।
  3. लाल फूल और चंदन अर्पित करें।
  4. शुद्ध मन से भद्रकाली स्तुति का पाठ करें।
  5. पाठ के अंत में देवी से अपने कष्टों और इच्छाओं के लिए प्रार्थना करें।

भद्रकाली स्तुति के लाभ Benifits of Bhadrakali Stuti

  1. आध्यात्मिक उन्नति और ध्यान में वृद्धि।
  2. मानसिक शांति और आत्मविश्वास।
  3. शत्रुओं और बुराई पर विजय।
  4. जीवन में सफलता और समृद्धि।

भद्रकाली स्तुति Bhadrakali Mantra

कालि कालि महाकालि भद्रकालि नमोऽस्तु ते।
कुलं च कुलधर्मं च मां च पालय पालय।
भद्रकालि नमस्तुभ्यं भद्रे विद्रावितासुरे।
रुद्रनेत्राग्निसंभूते भद्रमाशु प्रयच्छ मे।

kaali kaali mahaakaali bhadrakaali namo’stu te.
kulam cha kuladharmam cha maam cha paalaya paalaya.
bhadrakaali namastubhyam bhadre vidraavitaasure.
rudranetraagnisambhoote bhadramaashu prayachchha me.

Bhadrakali Mantra Meaning

O Kali, great Kali, O Bhadra Kali, I bow to you. Protect my family, the family traditions, and me. O Bhadra Kali, I bow to you, O auspicious one who has driven away the demons. Born from the fire of Rudra’s eye, grant me well-being quickly.

भद्रकाली स्तुतिः पर पूछे जाने वाले प्रश्न

भद्रकाली स्तुतिः क्या है?

उत्तर: भद्रकाली स्तुतिः एक प्राचीन स्तोत्र है जो देवी भद्रकाली की स्तुति में गाया जाता है। यह स्तोत्र भद्रकाली की महिमा और उनके गुणों का वर्णन करता है।

भद्रकाली कौन हैं?

उत्तर: भद्रकाली हिंदू धर्म में मां दुर्गा का एक रूप हैं। उन्हें शक्ति, संहारक और कल्याणकारी देवी माना जाता है।

भद्रकाली स्तुतिः का पाठ कब किया जाता है?

भद्रकाली स्तुतिः का पाठ आमतौर पर नवरात्रि, शक्तिपूजन या किसी विशेष तिथि पर सिद्धि और कल्याण के लिए किया जाता है।

भद्रकाली स्तुतिः का लाभ क्या है?

इस स्तोत्र का पाठ करने से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं, मानसिक शांति मिलती है, और साहस व शक्ति में वृद्धि होती है।

भद्रकाली स्तुतिः का पाठ कैसे करें?

इस स्तोत्र का पाठ शुद्ध मन और श्रद्धा के साथ करना चाहिए। पाठ के पहले स्नान करके स्वच्छता का ध्यान रखें और देवी को फूल, दीपक और नैवेद्य अर्पित करें।

भद्रकाली स्तुतिः का शाब्दिक अर्थ क्या है?

“भद्र” का अर्थ है शुभ या कल्याणकारी और “काली” का अर्थ है काली देवी। अतः भद्रकाली का अर्थ है शुभ और कल्याणकारी देवी।

क्या भद्रकाली स्तुतिः का कोई विशेष पाठ या अनुष्ठान है?

हां, भद्रकाली स्तुतिः के साथ विशेष अनुष्ठान करने से अधिक फलदायी माना जाता है, जिसमें हवन, यज्ञ और भोग अर्पित करना शामिल है।

भद्रकाली की पूजा में कौन-कौन से सामग्री की आवश्यकता होती है?

भद्रकाली की पूजा में आमतौर पर फूल, फल, दीपक, धूप, कुमकुम, और प्रसाद की आवश्यकता होती है।

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