22.8 C
Gujarat
मंगलवार, दिसम्बर 2, 2025

Rahu Mantra

Post Date:

Rahu Mantra

राहु ग्रह वैदिक ज्योतिष में एक छाया ग्रह (Shadow Planet) माना जाता है, जिसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है, लेकिन इसका प्रभाव अत्यंत गहन और रहस्यमय होता है। राहु ग्रह को विशेष रूप से भ्रम, मायाजाल, भटकाव, आकस्मिक लाभ या हानि, विदेशी संपर्क, तकनीकी क्षेत्र, राजनीति, और सांसारिक भोग से जोड़ा जाता है।

राहु ग्रह मंत्र

विनियोग:

ॐ अस्य श्री राहू मंत्रस्य, ब्रह्मा ऋषि:, पंक्ति छन्द:, राहू देवता, रां बीजं, देश: शक्ति: श्री राहू प्रीत्यर्थे जपे विनियोग:

विनियोग के पश्चात् गुरु का ध्यान करे :

वन्दे राहुं धूम्र वर्ण अर्धकायं कृतांजलिं

विकृतास्यं रक्त नेत्रं धूम्रालंकार मन्वहम्

ध्यान करेने के पश्चात् साधक पुन एक बार: राहु यंत्र का पूजन करे और पूर्ण आस्था के साथ माला से या रुद्राक्ष माला से राहु गायत्री मंत्र की और राहु सात्विक मंत्र की एक एक माला का मंत्र जाप करें.
pngtree rahu at the temple name of thailand sight thailand belief photo picture image 6542227

राहु गायत्री मंत्र

ॐ शिरोरूपाय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहु: प्रचोदयात

राहु सात्विक मंत्र – राहु शांति मंत्र (Rahu Peace Mantra)

॥ ॐ रां राहवे नम: ॥

इसके पश्चात् साधक राहु तांत्रोक मंत्र की नित्य २३ माला ११ दिन तक जाप करे यह सरल मंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो नियमित जप नहीं कर पाते। यह मंत्र राहु के कुप्रभावों को शांत करने के लिए जपा जाता है।

राहू बीज मंत्र

ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहुवे नमः

यह बीज मंत्र राहु के प्रभाव को शांत करने, उसके अशुभ प्रभावों को कम करने और उसके शुभ प्रभावों को जागृत करने के लिए जपा जाता है। इसमें “भ्रां भ्रीं भ्रौं” ध्वनि से राहु की ऊर्जा को नियंत्रित किया जाता है।

  • जप की संख्या: प्रतिदिन या विशेष अवसरों पर 108 बार जप करना श्रेष्ठ माना जाता है।
  • जप का समय: राहुकाल या रात्रि का समय श्रेष्ठ रहता है।
  • माला: रुद्राक्ष या क्रिस्टल (स्फटिक) की माला से जप करें।

राहु स्तोत्र

रोज मन्त्र जाप के पश्चात् राहु स्तोत्र का पाठ अवश्य करें

राहुर्दानवमंत्री च सिंहिकाचित्तनन्दन:
अर्धकाय: सदा क्रोधी चन्द्रादित्य विमर्दन: ॥1॥

रौद्रो रूद्रप्रियो दैत्य: स्वर्भानु र्भानुभीतिद:
ग्रहराज सुधापायी राकातिथ्यभिलाषुक: ॥2॥

कालदृष्टि: कालरूप: श्री कंठह्रदयाश्रय:।
बिधुंतुद: सैंहिकेयो घोररूपो महाबल: ॥3॥

ग्रहपीड़ाकरो दंष्टो रक्तनेत्रो महोदर:।
पंचविंशति नामानि स्मृत्वा राहुं सदानर: ॥4॥

य: पठेन्महती पीड़ा तस्य नश्यति केवलम्।
आरोग्यं पुत्रमतुलां श्रियं धान्यं पशूंस्तथा ॥5॥

ददाति राहुस्तस्मै य: पठेत स्तोत्र मुत्तमम्।
सततं पठते यस्तु जीवेद्वर्षशतं नर: ॥6॥

अगर उसके बाद साधक इच्छुक हो तो राहु कवचम् का पाठ भी कर सकता हे उससे राहू देव की और कृपा बरसेगी.

राहु मंत्र जप के लाभ

  1. राहु की दशा/अंतर्दशा में कष्ट निवारण
  2. मायाजाल और भ्रम से मुक्ति
  3. मनोविकार, मानसिक तनाव और डर से राहत
  4. राहु दोष से उत्पन्न बीमारी या अपयश से रक्षा
  5. राजनीति, तकनीकी या फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी
  6. विदेश यात्रा, वीजा संबंधी कार्यों में सफलता

मंत्र जप की विधि

  1. स्नान आदि कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  2. काले वस्त्र या काले आसन का प्रयोग करें।
  3. राहु के प्रतीक (नाग या राहु यंत्र) के सामने दीपक जलाएं।
  4. काली तिल, नीला पुष्प, धूप आदि अर्पित करें।
  5. मंत्र का मन, वचन और कर्म से उच्चारण करें।
  6. हर शनिवार या राहु काल में विशेष फल मिलता है।

राहु दोष के विशेष उपाय

  • राहु दोष हो तो काले तिल का दान करें।
  • शनिवार के दिन नीले वस्त्र धारण करें।
  • नीलम या गोमेद रत्न (विशेषज्ञ ज्योतिषी की सलाह पर) धारण करें।
  • काले कुत्ते या काले रंग के पक्षियों को भोजन देना शुभ होता है।
  • राहु के दोष के लिए शिव की आराधना, दुर्गा सप्तशती पाठ भी अत्यंत प्रभावी माना जाता है।

राहु मंत्र जप कब करना चाहिए?

  • राहु की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो।
  • राहु 6वें, 8वें या 12वें भाव में स्थित हो।
  • राहु चंद्र या सूर्य के साथ युति में हो।
  • कुंडली में कालसर्प योग या पितृ दोष हो।
  • अचानक समस्याएं, दुर्घटनाएं, मानसिक अस्थिरता, या असाधारण बाधाएं आ रही हों।
पिछला लेख
अगला लेख

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् एक अत्यंत पवित्र...

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम् (Lakshmi Sharanagati Stotram) एक...

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रं

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रंलक्ष्मीभर्तुर्भुजाग्रे कृतवसति सितं यस्य रूपं...

द्वादश ज्योतिर्लिंङ्ग स्तोत्रम्

द्वादश ज्योतिर्लिंङ्ग स्तोत्रम्द्वादशज्योतिर्लिंगस्तोत्र एक प्रसिद्ध स्तोत्र है जिसमें भगवान...
error: Content is protected !!