पित्तर जी की आरती Pitar Ji Ki Aarti
जय जय पितरजी महाराज, मैं शरण पड़यो हूँ थारी।
शरण पड़यो हूँ थारी बाबा, शरण पड़यो हूँ थारी ॥
आप ही रक्षक आप ही दाता, आप ही खेवनहारे।
मैं मूरख हूँ कछु नहि जाणू, आप ही हो रखवारे । जय”
आप खड़े हैं हरदम हर घड़ी, करने मेरी रखवारी।
हम सब जन हैं शरण आपकी, है ये अरज गुजारी ॥ जय”
देश और परदेश सब जगह, आप ही करो सहाई।
काम पड़े पर नाम आपको, लगे बहुत सुखदाई ॥ जय”
भक्त सभी हैं शरण आपकी, अपने सहित परिवार।
रक्षा करो आप ही सबकी, रहूँ मैं बारम्बार ॥ जय”