28.9 C
Gujarat
रविवार, जून 1, 2025

किरातमूर्तिस्तोत्रम्

Post Date:

किरातमूर्तिस्तोत्रम् Kiratmurti Stotram

नमः शिवाय भर्गाय लीलाशबररूपिणे ।
प्रपन्नार्तपरित्राणकरुणामसृणात्मने ॥१॥
पिञ्छोत्तंसं समानीलश्मश्रुविद्योतिताननम् ।
उदग्रारक्तनयनं गौरकौशेयवाससम् ॥२॥
कैलासशिखरोत्तुङ्गं छुरिकाचापधारिणम् ।
किरातमूर्तिं ध्यायामि परमं कुलदैवतम् ॥३॥
दुर्जनैर्बहुधाऽऽक्रान्तं भयसंभ्रान्तमानसम् ।
त्वदेकशरणं दीनं परिपालय नाथ, माम् ॥४॥
मह्यं द्रुह्यन्ति रिपवो बाह्याश्चाभ्यन्तराश्च ये ।
विद्रावय दयासिन्धो चापज्यानिस्वनेन तान् ॥५॥
कूटकर्मप्रसक्तानां शत्रूणां शातनाय भोः ।
चालय छुरिकां घोरां शतकोटिसमुज्ज्वलाम् ॥६॥
विपद्दावानलज्वालासन्तप्तं रोगपीडितम् ।
कर्तव्यताविमूढं मां त्रायस्व गिरिशात्मज ॥७॥
नमः किरातवपुषे नमः क्षेमङ्कराय च ।
नमः पापविघाताय नमस्ते धर्मसेतवे ॥८॥

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

लक्ष्मी द्वादश नाम स्तोत्रम्

लक्ष्मी द्वादश नाम स्तोत्रम्लक्ष्मी द्वादश नाम स्तोत्रम् एक अत्यंत...

अष्टलक्ष्मी स्तुति

अष्टलक्ष्मी स्तुतिअष्टलक्ष्मी स्तुति एक अत्यंत प्रभावशाली और लोकप्रिय स्तोत्र...

लक्ष्मी विभक्ति वैभव स्तोत्रम्

लक्ष्मी विभक्ति वैभव स्तोत्रम्लक्ष्मी विभक्ति वैभव स्तोत्रम् एक अत्यंत...

दुर्गा प्रणति पंचक स्तोत्रम

Durga Pranati Panchaka Stotramदुर्गा प्रणति पंचक स्तोत्रम एक अत्यंत...
error: Content is protected !!