31.7 C
Gujarat
मंगलवार, जून 3, 2025

कालिका अष्टकम

Post Date:

Kalika Ashtakam In Hindi

कालिका अष्टकम आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक प्रसिद्ध स्तोत्र है, जिसमें देवी काली की महिमा का वर्णन किया गया है। यह स्तोत्र आठ श्लोकों में विभाजित है और इसे तांत्रिक साधना में विशेष महत्व प्राप्त है। कालिका अष्टकम में देवी काली की अलौकिक शक्ति, उनकी उपासना और उनके स्वरूप का वर्णन अत्यंत मनोहारी रूप में किया गया है। इस स्तोत्र के माध्यम से साधक देवी काली से अपनी प्रार्थना और भक्ति प्रकट करते हैं।

कालिका अष्टकम का महत्व

कालिका अष्टकम का पाठ मुख्य रूप से नवरात्रि, अमावस्या या विशेष तांत्रिक अनुष्ठानों के दौरान किया जाता है। यह स्तोत्र साधक को आंतरिक शक्ति, साहस और आत्मिक शांति प्रदान करता है। देवी काली को शत्रु बाधा निवारण, आध्यात्मिक उन्नति और भयमुक्ति की देवी माना जाता है।

इस स्तोत्र के श्लोक न केवल देवी काली के तेजस्वी रूप को दर्शाते हैं, बल्कि उनके माध्यम से साधक को यह बोध होता है कि जीवन और मृत्यु के परे एक निराकार सत्य है। यह स्तोत्र साधना में ध्यान और मन की एकाग्रता बढ़ाने के लिए उपयोगी माना जाता है।

देवी काली का स्वरूप

देवी काली को चार भुजाओं वाली देवी के रूप में चित्रित किया गया है। उनके एक हाथ में खड्ग (तलवार) और दूसरे हाथ में एक कटे हुए सिर को दर्शाया गया है, जो अहंकार और अज्ञान का प्रतीक है। शेष दो हाथ अभय मुद्रा और वर मुद्रा में होते हैं, जो उनके भक्तों को सुरक्षा और आशीर्वाद प्रदान करते हैं। देवी काली का गहन काला रंग ब्रह्मांड की गहनता और अज्ञात शक्ति को इंगित करता है।

कालिका अष्टकम का पाठ करने के लाभ

  1. आध्यात्मिक उन्नति: कालिका अष्टकम का नियमित पाठ साधक के भीतर आत्मज्ञान और ब्रह्मांडीय सत्य को समझने की क्षमता उत्पन्न करता है।
  2. शत्रु बाधा निवारण: देवी काली की कृपा से शत्रुओं से रक्षा होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
  3. भयमुक्ति: देवी काली के स्मरण से साधक सभी प्रकार के भय, चिंता और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त हो जाता है।
  4. आंतरिक शक्ति: यह स्तोत्र साधक के मन में साहस और आत्मविश्वास का संचार करता है।
  5. ध्यान और साधना में सहायक: यह पाठ ध्यान और तांत्रिक साधना में सहायक होता है, जिससे साधक के मन की एकाग्रता बढ़ती है।

कालिका अष्टकम के श्लोक

करालास्ये कृपामूले भक्तसर्वार्तिहारिणि ।
कालिके किं करिष्यामि भक्तोऽहं त्वत्कृपां विना ।।
मुण्डमाले महारौद्रे घनारण्यनिवासिनि ।
कालिके किं करिष्यामि भक्तोऽहं त्वत्कृपां विना ।।
रात्रिवर्णे रतप्रीते राक्षसान्वयनाशिनि ।
कालिके किं करिष्यामि भक्तोऽहं त्वत्कृपां विना ।।
कल्याणि कलिदर्पघ्ने कालमातः कलामयि ।
कालिके किं करिष्यामि भक्तोऽहं त्वत्कृपां विना ।।
कपालपात्रे कामाख्ये कामपीठनिवासिनि ।
कालिके किं करिष्यामि भक्तोऽहं त्वत्कृपां विना ।।
भयोत्पादककीटादिजीविनाशनतत्परे ।
कालिके किं करिष्यामि भक्तोऽहं त्वत्कृपां विना ।।
गुणाधारे जये श्रेष्ठे भद्रकालि मनोमये ।
कालिके किं करिष्यामि भक्तोऽहं त्वत्कृपां विना ।।
रक्षःकुलान्तके राजवरदे भीतिनाशिनि ।
कालिके किं करिष्यामि भक्तोऽहं त्वत्कृपां विना ।।
कालिकाष्टकमेतद्यः पठेद्भक्त्या पुमान् मुहुः ।
कालिकायाः कृपां प्राप्य सन्तुष्टो भवति ध्रुवम् ।।

पाठ की विधि

  1. कालिका अष्टकम का पाठ प्रातःकाल या रात्रि में शांत वातावरण में करें।
  2. पाठ के दौरान देवी काली के चित्र या मूर्ति के सामने दीपक और धूप प्रज्वलित करें।
  3. ध्यानमग्न होकर मंत्रों का उच्चारण करें और हर श्लोक का अर्थ समझने का प्रयास करें।
  4. देवी काली से अपनी समस्याओं का समाधान और आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करें।

कालिका अष्टकम पर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. कालिका अष्टकम क्या है?

    कालिका अष्टकम देवी काली की स्तुति में रचित एक पवित्र स्तोत्र है, जो भक्ति और साधना के लिए प्रयोग होता है।

  2. कालिका अष्टकम का पाठ क्यों किया जाता है?

    कालिका अष्टकम का पाठ देवी काली की कृपा प्राप्त करने, नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा और आत्मिक शांति के लिए किया जाता है।

  3. कालिका अष्टकम किसने लिखा है?

    कालिका अष्टकम का रचनाकार आदि शंकराचार्य माने जाते हैं।

  4. कालिका अष्टकम में कितने श्लोक होते हैं?

    कालिका अष्टकम में कुल आठ श्लोक होते हैं, जो देवी काली के गुणों और महिमा का वर्णन करते हैं।

  5. कालिका अष्टकम का पाठ किस समय करना शुभ होता है?

    कालिका अष्टकम का पाठ प्रातःकाल या रात्रि के समय, एकांत और शांत वातावरण में करना शुभ माना जाता है।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

लक्ष्मी द्वादश नाम स्तोत्रम्

लक्ष्मी द्वादश नाम स्तोत्रम् लक्ष्मी द्वादश नाम स्तोत्रम् एक अत्यंत...

अष्टलक्ष्मी स्तुति

अष्टलक्ष्मी स्तुति अष्टलक्ष्मी स्तुति एक अत्यंत प्रभावशाली और लोकप्रिय स्तोत्र...

लक्ष्मी विभक्ति वैभव स्तोत्रम्

लक्ष्मी विभक्ति वैभव स्तोत्रम् लक्ष्मी विभक्ति वैभव स्तोत्रम् एक अत्यंत...

दुर्गा प्रणति पंचक स्तोत्रम

Durga Pranati Panchaka Stotram दुर्गा प्रणति पंचक स्तोत्रम एक अत्यंत...
error: Content is protected !!