35.9 C
Gujarat
शुक्रवार, मई 16, 2025

ऐसो को उदार जगमाहीं

Post Date:

ऐसो को उदार जगमाहीं लिरिक्स

ऐसो को उदार जगमाहीं ।

बिनु सेवा जो द्रबै दीनपर, राम सरिस कोउ नाहीं ॥ १ ॥

जो गति जोग विराग जतन करि, नहिं पात्रत मुनि ग्यानी ।

सो गति देत गोध सबरी कहँ, प्रभु न बहुत जिय जानी ॥ २ ॥

जो संपति दस सीस अरपि करि, रावन सित्र पहँ लीन्हीं ।

सो सम्पदा बिभीषन कहँ अति, सकुच सहित हरि दीन्हीं ॥ ३ ॥

तुलसिदास सब भाँति सकल सुख जो चाहसि मन मेरो ।

तौ भजु राम, काम सब पूरन, करहिं कृपानिधि तेरो ॥ ४ ॥

 

 

Aiso Ko Udaar Jagamaaheen Tulsidas Bhajan English Lyrics

Aiso Ko Udaar Jagamaaheen .

Binu Seva Jo Drabai Deenapar, Raam Saris Kou Naaheen . 1 .

Jo Gati Jog Viraag Jatan Kari, Nahin Paatrat Muni Gyaanee .

So Gati Det Godh Sabaree Kahan, Prabhu Na Bahut Jiy Jaanee . 2 .

Jo Sampati Das Sees Arapi Kari, Raavan Sitr Pahan Leenheen .

So Sampada Bibheeshan Kahan Ati, Sakuch Sahit Hari Deenheen . 3 .

Tulasidaas Sab Bhaanti Sakal Sukh Jo Chaahasi Man Mero .

Tau Bhaju Raam, Kaam Sab Pooran, Karahin Krpaanidhi Tero . 4 .

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

रश्मिरथी – द्वितीय सर्ग – भाग 2 | Rashmirathi Second Sarg Bhaag 2

रश्मिरथी द्वितीय सर्ग का भाग 2 दिनकर की विलक्षण...

रश्मिरथी – द्वितीय सर्ग – भाग 1 | Rashmirathi Second Sarg Bhaag 1

रश्मिरथी के द्वितीय सर्ग के प्रथम भाग में रामधारी...

रश्मिरथी – प्रथम सर्ग – भाग 6 | Rashmirathee Pratham Sarg Bhaag 6

रश्मिरथी" प्रथम सर्ग, भाग 6 रामधारी सिंह 'दिनकर' की...

रश्मिरथी – प्रथम सर्ग – भाग 7 | Rashmirathee Pratham Sarg Bhaag 7

"रश्मिरथी" के प्रथम सर्ग के भाग 7 में रामधारी...
error: Content is protected !!