37.1 C
Gujarat
रविवार, मार्च 9, 2025

सिद्धि विनायक स्तोत्रम्

Post Date:

सिद्धि विनायक स्तोत्रम् Siddhi Vinayaka Stotram

 

विघ्रेश विघ्रचयखण्डननामघेय शीशड्करात्मज सुराधिपवन्द्यपाद ।
दुर्गामहाव्रतफलाखिलमड्र्लात्मन् विघ्रं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम् ॥१॥

सत्पद्‍मरागमणिवर्णशरीरकान्ति: श्रीसिद्धिबुद्धिपरिचर्चितकुड्‍कुमश्री: ।
दक्षस्तने वलयितातिमनोज्ञशुण्डो विघ्रं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम् ॥२॥

पाशाड्‍कुशाब्जपरशूंश्च दधच्चतुर्भिर्दोर्भिश्च शोणकुसुमस्त्रगुमाड्रजात: ।
सिन्दूरशोभितल्लाटविधुप्रकाशो विघ्रं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम् ॥३॥

कार्येषु विघ्रचयभीतविरञ्चिमुख्यै: सम्पूजित: सुरवरैरपि मोदकाद्यै: ।
सर्वैषुव च प्रथममेच सुरेषु पूज्यो विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम् ॥४॥

शीघ्राञ्चनस्खलन- तुड्ररवोर्धकण्ठस्थूलेन्दुरुद्रगणहासितदेवसड्‍घ: ।
सृर्पश्रुतिश्च पृथवर्तुलतुड्रतुन्दो विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक तवम् ॥५॥

यज्ञोपवीतपदलम्बितनागराजो मासा दिपुण्यददृशीकृतऋक्षराज: ।
भक्ताभयपद दयालय विघ्रराज विघ्नं ममापहार सिद्धिविनायक त्वम् ॥६॥

सद्रत्नसारततिराजितसत्किरीट: कौसुम्भचारुवसनद्वय ऊर्जितश्री: ।
सर्वत्रमड्रलकरस्मरणप्रतापो विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम् ॥७॥

देवान्तकाद्यसुरभीतसुरार्तिहर्ता विज्ञानबोधनवरेण तमोऽपहर्ता ।
आनन्दितत्रिभुवनेश कुमारबन्धो विध्नं मामापहर सिद्धिविनायक त्वम् ॥८॥

इति श्रीमुद्रलपुराणे विघ्रनिवारकं श्रीसिद्धिविनायकस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

संकटमोचन हनुमानाष्टक

Sankatmochan Hanuman Ashtak In Hindiसंकटमोचन हनुमानाष्टक(Sankatmochan Hanuman Ashtak) भगवान...

ब्राह्मण और बिच्छूकी कथा

ब्राह्मण और बिच्छूकी कथा - Brahman Aur Bichchho ki...

सकल जग हरिको रूप निहार

Sakal Jag Hariko Roop Niharसकल जग हरिको रूप निहार...

आज मेरे श्याम की शादी है

Aaj Mere Shyam Kee Shade Hai आज मेरे श्याम की...