38.1 C
Gujarat
मंगलवार, मार्च 25, 2025

सेठ रामदास जी गुड़वाले

Post Date:

इतिहास के पन्नों में कहाँ हैं ये नाम??

सेठ रामदास जी गुड़वाले –
1857 के महान क्रांतिकारी,
दानवीर जिन्हें फांसी पर चढ़ाने से पहले अंग्रेजों
ने उन पर शिकारी कुत्ते छोड़े

जिन्होंने जीवित ही उनके शरीर को नोच खाया!

सेठ रामदास जी गुडवाला दिल्ली के अरबपति सेठ, बेंकर थे, वीरभोग्या वसुन्धरा
इनका जन्म दिल्ली में एक अग्रवाल परिवार में हुआ था,
इनके परिवार ने दिल्ली में पहली कपड़े की मिल की स्थापना की थी!

उनकी अमीरी की एक कहावत थी
“रामदास जी गुड़वाले के पास इतना सोना चांदी जवाहरात है की उनकी दीवारो से वो गंगा जी का पानी भी रोक सकते है” वीरभोग्या वसुन्धरा

जब 1857 में मेरठ से आरम्भ होकर क्रांति की चिंगारी जब दिल्ली पहुँच,

तो दिल्ली से अंग्रेजों की हार के बाद अनेक रियासतों की भारतीय सेनाओं ने दिल्ली में डेरा डाल दिया।

उनके भोजन, वेतन की समस्या पैदा हो गई! रामजीदास गुड़वाले बादशाह के गहरे मित्र थे! भारत महान्

रामदास जी को बादशाह की यह अवस्था देखी नहीं गई!

उन्होंने अपनी करोड़ों की सम्पत्ति बादशाह के हवाले कर दी,

“मातृभूमि की रक्षा होगी
तो धन फिर कमा लिया जायेगा “

रामजीदास ने केवल धन ही नहीं दिया,
सैनिकों को सत्तू,
आटा,
अनाज बैलों,
ऊँटों व घोड़ों के लिए चारे की व्यवस्था तक की!

सेठ जी जिन्होंने अभी तक केवल व्यापार ही किया था,

सेना व खुफिया विभाग के संघठन का कार्य भी प्रारंभ कर दिया

उनकी संघठन की शक्ति को देखकर अंग्रेज़ सेनापति भी हैरान हो गए!

सारे उत्तर भारत में उन्होंने जासूसों का जाल बिछा दिया,
अनेक सैनिक छावनियों से गुप्त संपर्क किया!

उन्होंने भीतर ही भीतर एक शक्तिशाली सेना व गुप्तचर संघठन का निर्माण किया!

देश के कोने कोने में गुप्तचर भेजे व छोटे से छोटे मनसबदार, राजाओं से प्रार्थना की इस संकट काल में सभी सँगठित हो!

देश को स्वतंत्र करवाएं!

रामदास जी की इस प्रकार की क्रांतिकारी गतिविधयिओं से अंग्रेज़ शासन व अधिकारी
बहुत परेशान होने लगे,

कुछ कारणों से दिल्ली पर अंग्रेजों का पुनः कब्जा होने लगा!

एक दिन उन्होंने चाँदनी चौक की दुकानों के आगे जगह-जगह जहर मिश्रित शराब की बोतलों की पेटियाँ रखवा दीं,

अंग्रेज सेना उनसे प्यास बुझाती,
वही लेट जाती ।

अंग्रेजों को समझ आ गया की भारत पे शासन करना है
तो रामदास जी का अंत बहुत ज़रूरी है!!

सेठ रामदास जी गुड़वाले को धोखे से पकड़ा गया
जिस तरह से मारा गया,,
वो क्रूरता की मिसाल है!!

पहले उन्हें रस्सियों से खम्बे में बाँधा गया
फिर उन पर शिकारी कुत्ते छुड़वाए गए
उसके बाद उन्हें उसी अधमरी अवस्था में दिल्ली के चांदनी चौक की कोतवाली के सामने फांसी पर लटका दिया गया!!

सुप्रसिद्ध इतिहासकार ताराचंद ने अपनी पुस्तक ‘हिस्ट्री ऑफ फ्रीडम मूवमेंट’ में लिखा है –

“सेठ रामदास गुड़वाला उत्तर भारत के सबसे धनी सेठ थे!!

अंग्रेजों के विचार से उनके पास असंख्य मोती, हीरे व जवाहरात व अकूत संपत्ति थी!!

सेठ रामदास जैसे अनेकों क्रांतिकारी इतिहास के पन्नों से गुम हो गए,,

क्या सेठ रामदास जैसे क्रांतिकारियों की शहादत का ऋण हम चुका पाए!!

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

मार्कण्डेयपुराण

Markandey Puranमार्कण्डेय पुराण(Markandey Puran) हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों...

Shodasha Bahu Narasimha Ashtakam In Hindi and Sanskrit

Shodasha Bahu Narasimha Ashtakam (श्री षोडश बाहु नृसिंह अष्टकम)श्री...

श्री गङ्गाष्टकम्

Ganga Ashtakam In Hindiश्री गङ्गाष्टकम् एक प्रसिद्ध संस्कृत स्तोत्र...

गोविन्दाष्टकम

https://youtu.be/YEiOXNodAEQ?si=Wn_JC_oWNZ3v7TvEगोविन्दाष्टकमश्री गोविन्दाष्टकम(Govindashtakam) एक प्रसिद्ध वैष्णव स्तोत्र है, जिसमें भगवान...