30.8 C
Gujarat
बुधवार, अगस्त 13, 2025

संकष्टनाशनविष्णुस्तोत्रम् (पद्मपुराणान्तर्गतम्)

Post Date:

संकष्टनाशनविष्णुस्तोत्रम् (पद्मपुराणान्तर्गतम्) Sankasht Nashan Vishnu Stotram

नारद उवाच-

पुनर्दैत्यान् समायातान् दृष्ट्वा देवा सवासवाः ।
भयात्प्रकंपिताः सर्वे विष्णुं स्तोतुं प्रचक्रमुः ॥१॥

देवा ऊचुः-

नमो मत्स्यकूर्मादिनानास्वरूपै-
स्सदा भक्तकार्योद्यतायार्तिहन्त्रे ।
विधात्रादि सर्गस्थितिध्वंसकर्त्रे
गदाशंखपद्मारिहस्ताय तेऽस्तु ॥२॥

रमावल्लभायाऽसुराणां निहन्त्रे
भुजंगारियानाय पीताम्बराय ।
मखादि क्रिया पाककर्त्रे विकर्त्रे
शरण्याय तस्मै नतास्मो नतास्म ॥३॥

नमो दैत्यसन्तापितामर्त्यदुःखा-
चलध्वंसदंभोलये विष्णवे ते ।
भुजंगेशतल्पेशयानायाऽर्कचन्द्र-
द्विनेत्राय तस्मै नतास्मो नतास्म ॥४॥

संष्टनाशनं नाम स्तोत्रमेतत्पठेन्नरः ।
स कदाचित् न संकष्टैः पीड्यते कृपया हरेः ॥५॥

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

सर्व शिरोमणि विश्व सभा के आत्मोपम विश्वंभर के – Sarv Shiromani Vishv Sabhaake

सर्व शिरोमणि विश्व सभा के आत्मोपम विश्वंभर केसर्व-शिरोमणि विश्व-सभाके,...

सौंप दिये मन प्राण उसी को मुखसे गाते उसका नाम – Saump Diye Man Praan Useeko

सौंप दिये मन प्राण उसी को मुखसे गाते उसका...

भीषण तम परिपूर्ण निशीथिनि – Bheeshan Tamapariporn Nishethini

भीषण तम परिपूर्ण निशीथिनिभीषण तमपरिपूर्ण निशीथिनि, निविड निरर्गल झंझावात...

अनोखा अभिनय यह संसार

Anokha Abhinay Yah Sansarअनोखा अभिनय यह संसार ! रंगमंचपर...
error: Content is protected !!