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बुधवार, फ़रवरी 5, 2025

श्रीकृष्ण द्वादश नाम स्तोत्रम्

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Krishna Dwadasa Nama Stotram In Hindi

श्रीकृष्ण द्वादश नाम स्तोत्रम्(Krishna Dwadasa Nama Stotram) भगवान श्रीकृष्ण के 12 पवित्र नामों का वर्णन करता है। यह स्तोत्र भक्तों को श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने और जीवन के कष्टों से मुक्ति पाने का एक प्रभावशाली माध्यम है। इन नामों का स्मरण और उच्चारण करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, भक्ति, और आध्यात्मिक बल मिलता है।

श्रीकृष्ण द्वादश नाम स्तोत्रम् का उद्देश्य भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का गुणगान करना और उनके विभिन्न स्वरूपों को पहचानकर उनकी आराधना करना है। यह स्तोत्र भक्तों को ध्यान, भक्ति और जीवन के कर्तव्यों में संतुलन बनाने में सहायक है।

श्रीकृष्ण द्वादश नाम स्तोत्रम् Krishna Dwadasa Nama Stotram

किं ते नामसहस्रेण विज्ञातेन तवाऽर्जुन।
तानि नामानि विज्ञाय नरः पापैः प्रमुच्यते।

प्रथमं तु हरिं विन्द्याद् द्वितीयं केशवं तथा।
तृतीयं पद्मनाभं च चतुर्थं वामनं स्मरेत्।

पञ्चमं वेदगर्भं तु षष्ठं च मधुसूदनम्।
सप्तमं वासुदेवं च वराहं चाऽष्टमं तथा।

नवमं पुण्डरीकाक्षं दशमं तु जनार्दनम्।
कृष्णमेकादशं विन्द्याद् द्वादशं श्रीधरं तथा।

एतानि द्वादश नामानि विष्णुप्रोक्ते विधीयते।
सायं प्रातः पठेन्नित्यं तस्य पुण्यफलं श‍ृणु।

चान्द्रायणसहस्राणि कन्यादानशतानि च।
अश्वमेधसहस्राणि फलं प्राप्नोत्यसंशयः।

अमायां पौर्णमास्यां च द्वादश्यां तु विशेषतः।
प्रातःकाले पठेन्नित्यं सर्वपापैः प्रमुच्यते।

श्रीकृष्ण द्वादश नाम स्तोत्रम् महत्व

  1. भक्तों के लिए विशेष:
    श्रीकृष्ण द्वादश नाम स्तोत्रम् का पाठ सुबह-शाम करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आत्मिक शांति मिलती है।
  2. कष्टों का निवारण:
    इसे श्रद्धा और भक्ति से पढ़ने से व्यक्ति के दुख, मानसिक तनाव, और भौतिक परेशानियां कम होती हैं।
  3. आध्यात्मिक लाभ:
    यह स्तोत्र व्यक्ति को मोक्ष और भगवान की कृपा प्राप्त करने का मार्ग प्रदान करता है।

श्रीकृष्ण द्वादश नाम स्तोत्रम् पाठ विधि

  1. पाठ करने से पहले स्वच्छता का ध्यान रखें।
  2. पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  3. भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीपक जलाएं।
  4. शांत मन से ध्यान करें और पूरे भक्ति भाव से इन 12 नामों का जाप करें।

श्रीकृष्ण द्वादश नाम स्तोत्रम् एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है, जो श्रीकृष्ण के प्रेम, कृपा और उनकी लीलाओं का स्मरण कराता है। इसका नियमित पाठ न केवल आध्यात्मिक लाभ देता है, बल्कि भौतिक जीवन में भी सुख-शांति लाने वाला है। यह स्तोत्र सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए उपयुक्त है और श्रीकृष्ण की भक्ति में डूबने का श्रेष्ठ मार्ग है।

श्रीकृष्ण द्वादश नाम स्तोत्रम् पर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. श्रीकृष्ण द्वादश नाम स्तोत्रम् क्या है?

    उत्तर: श्रीकृष्ण द्वादश नाम स्तोत्रम् एक पवित्र स्तोत्र है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के बारह दिव्य नामों का वर्णन किया गया है। इसे भगवान श्रीकृष्ण की महिमा, शक्ति और कृपा का गुणगान करने के लिए पढ़ा जाता है। इस स्तोत्र के पाठ से भक्तों को मानसिक शांति और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं।

  2. श्रीकृष्ण द्वादश नाम स्तोत्रम् का पाठ कब और कैसे करना चाहिए?

    उत्तर: इस स्तोत्र का पाठ प्रातःकाल और संध्याकाल में किया जा सकता है। पाठ से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए और भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र के सामने दीप प्रज्वलित कर ध्यानपूर्वक पाठ करना चाहिए। मन को एकाग्र रखते हुए श्रद्धा और भक्ति के साथ इसका जाप करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं।

  3. श्रीकृष्ण द्वादश नाम स्तोत्रम् के बारह नाम कौन-कौन से हैं?

    उत्तर: श्रीकृष्ण द्वादश नाम स्तोत्रम् में भगवान श्रीकृष्ण के बारह प्रमुख नामों का उल्लेख है:
    1.कृष्ण
    2.वासुदेव
    3.संकर्षण
    4.अनिरुद्ध
    5.प्रद्युम्न
    6.पुरुषोत्तम
    7.विष्णु
    8.नारायण
    9.श्रीधर
    10.मधुसूदन
    11.गोविंद
    12.दामोदर

  4. श्रीकृष्ण द्वादश नाम स्तोत्रम् का पाठ करने के क्या लाभ हैं?

    उत्तर: इस स्तोत्र का पाठ करने से भक्त को मानसिक शांति, आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। यह स्तोत्र व्यक्ति को भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति पाने में मदद करता है। इसके अलावा, यह भक्ति भाव को बढ़ाने, आध्यात्मिक उन्नति और जीवन में सफलता प्राप्त करने का माध्यम भी है।

  5. क्या श्रीकृष्ण द्वादश नाम स्तोत्रम् का पाठ किसी विशेष दिन या अवसर पर करना अधिक लाभकारी है?

    उत्तर: श्रीकृष्ण द्वादश नाम स्तोत्रम् का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन यह विशेष रूप से जन्माष्टमी, एकादशी, और श्रीकृष्ण से जुड़े अन्य पर्वों पर अधिक शुभ और फलदायी माना जाता है। इसके अतिरिक्त, संकट के समय या किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए भी इसका पाठ किया जा सकता है।



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