Gopala Stuti In Hindi
गोपाल स्तुति(Gopala Stuti) भगवान श्री कृष्ण की विशेष स्तुति है, जिसे भक्तों द्वारा भगवान कृष्ण के विभिन्न स्वरूपों की महिमा का गुणगान करने के लिए गाया जाता है। ‘गोपाल’ नाम का अर्थ है ‘गोपियों का पालन करने वाला’ और ‘गोपों का रक्षक’। यह स्तुति प्रमुख रूप से कृष्ण भक्ति में महत्वपूर्ण स्थान रखती है और भक्तों द्वारा प्रेम, श्रद्धा और आस्था के साथ की जाती है।
गोपाल स्तुति का महत्व Importance of Gopala Stuti
गोपाल स्तुति का पाठ भक्तों को आत्मिक सुख और शांति प्रदान करता है। यह स्तुति भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं, उनके जीवन के विभिन्न किस्सों और उनके दिव्य गुणों का वर्णन करती है। इसे पढ़ने और सुनने से भक्तों के मन में कृष्ण के प्रति प्रेम और भक्ति की भावना और प्रबल होती है।
गोपाल स्तुति के लाभ Benifits of Gopala Stuti
- आध्यात्मिक उन्नति: गोपाल स्तुति का पाठ करने से भक्तों की आध्यात्मिक उन्नति होती है और वे भगवान के निकट अनुभव कर पाते हैं।
- धैर्य व शांति: इसका नियमित पाठ करने से मन में धैर्य और शांति का अनुभव होता है।
- कष्टों का निवारण: भक्त जब गोपाल स्तुति का पाठ करते हैं, तो भगवान उन्हें अपने आशीर्वाद के रूप में कष्टों से मुक्त करते हैं।
गोपाल स्तुति के विषय में शास्त्रों का उल्लेख
गोपाल स्तुति का उल्लेख कई प्रमुख हिन्दू ग्रंथों में मिलता है, जैसे कि भगवद गीता और श्रीमद भागवत पुराण। इन ग्रंथों में श्री कृष्ण के चरित्र, उनकी लीलाएँ और भक्तों के प्रति उनकी अनुकंपा का विस्तार से वर्णन किया गया है।
गोपाल स्तुति का पाठ कहाँ और कैसे करें
- स्थल: गोपाल स्तुति का पाठ घर में या मंदिर में किया जा सकता है।
- समय: इसे सुबह या शाम के समय करना अधिक लाभकारी माना जाता है।
- पाबंदियाँ: पाठ करते समय ध्यान, शुद्धता और भक्तिभाव बनाए रखना आवश्यक है। यदि संभव हो, तो तुलसी के पत्तों या अन्य पवित्र वस्तुएं का प्रयोग करें।

गोपाल स्तुति
नमो विश्वस्वरूपाय विश्वस्थित्यन्तहेतवे।
विश्वेश्वराय विश्वाय गोविन्दाय नमो नमः॥
नमो विज्ञानरूपाय परमानन्दरूपिणे।
कृष्णाय गोपीनाथाय गोविन्दाय नमो नमः॥
नमः कमलनेत्राय नमः कमलमालिने।
नमः कमलनाभाय कमलापतये नमः॥
बर्हापीडाभिरामाय रामायाकुण्ठमेधसे।
रमामानसहंसाय गोविन्दाय नमो नमः॥
कंसवशविनाशाय केशिचाणूरघातिने।
कालिन्दीकूललीलाय लोलकुण्डलधारिणे॥
वृषभध्वज-वन्द्याय पार्थसारथये नमः।
वेणुवादनशीलाय गोपालायाहिमर्दिने॥
बल्लवीवदनाम्भोजमालिने नृत्यशालिने।
नमः प्रणतपालाय श्रीकृष्णाय नमो नमः॥
नमः पापप्रणाशाय गोवर्धनधराय च।
पूतनाजीवितान्ताय तृणावर्तासुहारिणे॥
निष्कलाय विमोहाय शुद्धायाशुद्धवैरिणे।
अद्वितीयाय महते श्रीकृष्णाय नमो नमः॥
प्रसीद परमानन्द प्रसीद परमेश्वर।
आधि-व्याधि-भुजंगेन दष्ट मामुद्धर प्रभो॥
श्रीकृष्ण रुक्मिणीकान्त गोपीजनमनोहर।
संसारसागरे मग्नं मामुद्धर जगद्गुरो॥
केशव क्लेशहरण नारायण जनार्दन।
गोविन्द परमानन्द मां समुद्धर माधव॥
गोपाल स्तुति पर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs Gopala Stuti
गोपाल स्तुति क्या है?
गोपाल स्तुति भगवान श्री कृष्ण की स्तुति करने वाला एक भजन है, जिसमें उनके दिव्य गुणों और कार्यों की प्रशंसा की जाती है। इसे भक्ति भाव से गाया जाता है और यह भक्तों के लिए आध्यात्मिक अनुभव का माध्यम है
गोपाल स्तुति का पाठ क्यों करना चाहिए?
गोपाल स्तुति का पाठ करने से भक्तों को भगवान श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है, और उनके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। यह स्तुति विशेष रूप से उन बच्चों के लिए भी पूजा जाता है जिनके लिए माता-पिता संतान सुख की इच्छा रखते हैं
गोपाल स्तुति के प्रमुख लाभ क्या हैं?
गोपाल स्तुति का पाठ करने से भक्त को मानसिक और आध्यात्मिक शांति मिलती है, संतान सुख, समस्याओं का समाधान और जीवन में सकारात्मकता का अनुभव होता है
गोपाल स्तुति का पाठ कैसे करें?
गोपाल स्तुति का पाठ एक शांत और पवित्र स्थान पर ध्यान और एकाग्रता के साथ करना चाहिए। इसके पाठ के दौरान भगवान श्री कृष्ण की छवि के सामने बैठकर भक्ति भाव से गाना या पढ़ना उचित है
क्या गोपाल स्तुति का पाठ विशेष दिन या अवसर पर करना चाहिए?
गोपाल स्तुति का पाठ शुभ अवसरों जैसे जन्माष्टमी, हनुमान जयंती, या विशेष पूजा पाठ जैसे समयों पर करना अधिक फलदायी माना जाता है, खासकर जब भक्त संतान सुख की कामना करते हैं
क्या गोपाल स्तुति सुनने से भी लाभ होता है?
हाँ, गोपाल स्तुति को सुनने से भी भक्तों को मानसिक शांति और दिव्य अनुभव होता है। इसके श्रवण से मन में सकारात्मकता और भक्ति का संचार होता है