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मंगलवार, दिसम्बर 2, 2025

अब कित जाऊँजी हार कर सरणै थॉरै आयो Ab Kit Jaoonjee Haar Kar Saranai Thorai Aayo 

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अब कित जाऊँजी हार कर सरणै थॉरै आयो लीरिक्स

Ab Kit Jaoonjee Haar Kar Saranai Thorai Aayo Lyrics

( मारवाड़ी बोली )

अब कित जाऊँजी, हार कर सरणै थॉरै आयो ||

जबतक धनकी धूम रही घर भायाँ सेती छायो ।

साला-साढू भोत नीसरथा, नेड़ोइ साख बतायो ।।

अणगिणतीका बण्या भायला, प्रेम घणो दरसायो ।

एक एकसे बढ़कर बोल्यो, एकहि जीव बतायो ।॥

सभा-समाज, पंच पंचायत, ऊँचो भोत बिठायो ।

वाह-वाहकी धूम मचाई, स्याणो घणो बतायो ।।

घरका सभी, साख सबहीएँ, सबहीकै मन भायो ।

बाताँ सेती सभी पसीनै ऊपर खून बुहायो ।।

लक्ष्मी माता करी कृपा जद, चंचल रूप दिखायो ।

माया लई समेट, भरमको पड़दो दूर हटायो ।।

मात-पितानैं खारो लाग्यो, भायाँ मान, घटायो ।

साला-साढू सभी बीछड़या, कोइ न नेड़ो आयो ॥

‘एक जीवका’ भोत भायला, एक न आडो आयो ।

उलटी हँसी उडाई जगमैं, बेवकूफ बतलायो ।।

टूट्यो प्रेम, छुट्यो सँग सबसूँ, सब कोई छिटकायो ।

नाक चढाकर मुहसू बोल्या, सब जग हुयो परायो ॥

सुखको रूप समझकर जगनें, भोत दिना भरमायो ।

खुल गई पोल, रूप सगलाँको असली चौड़े आयो ।

मिटी भरमना सारी, थारै चरणाँ चित्त लगायो ।

नाथ ! अनाथ पतित पापीनें तुरत सनाथ बणायो ॥

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