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रश्मिरथी – तृतीय सर्ग – भाग 5 | Rashmirathi Third Sarg Bhaag 5
यह खंड रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा रचित रश्मिरथी के तीसरे सर्ग का पाँचवाँ भाग है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण और कर्ण के बीच कुरुक्षेत्र युद्ध...
रश्मिरथी – तृतीय सर्ग – भाग 4 | Rashmirathi Third Sarg Bhaag 4
यह अंश रश्मिरथी के तीसरे सर्ग का अत्यंत शक्तिशाली और मार्मिक भाग है, जिसमें कर्ण का अद्भुत आत्मगौरव, उसका आंतरिक तेज और दुर्योधन के...
रश्मिरथी – तृतीय सर्ग – भाग 3 | Rashmirathi Third Sarg Bhaag 3
"रश्मिरथी" के तृतीय सर्ग के भाग 3 में रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने महाभारत की उस ऐतिहासिक और भावनात्मक घटना का चित्रण किया है जिसमें...
रश्मिरथी – तृतीय सर्ग – भाग 2 | Rashmirathi Third Sarg Bhaag 2
"रश्मिरथी" के तृतीय सर्ग का यह भाग 2 महाकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा रचित एक अद्वितीय प्रेरणास्पद खंड है, जिसमें कर्ण की संघर्षशीलता, त्याग,...
रश्मिरथी – तृतीय सर्ग – भाग 1 | Rashmirathi Third Sarg Bhaag 1
यह अंश रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा रचित रश्मिरथी महाकाव्य के तृतीय सर्ग (तीसरे अध्याय) का प्रथम भाग है। यह खंड उस समय की पृष्ठभूमि...
रश्मिरथी – द्वितीय सर्ग – भाग 10 | Rashmirathi Second Sarg Bhaag 10
"रश्मिरथी" के द्वितीय सर्ग का यह अंश महाकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा रचित काव्य का एक अत्यंत मार्मिक और गूढ़ भावों से युक्त भाग...
रश्मिरथी – द्वितीय सर्ग – भाग 9 | Rashmirathi Second Sarg Bhaag 9
महाभारत के पात्र कर्ण को ब्रह्मास्त्र विद्या सीखने की तीव्र लालसा थी। परंतु उस समय समाज में जातीय व्यवस्था इतनी कठोर थी कि परशुराम...
रश्मिरथी – द्वितीय सर्ग – भाग 8 | Rashmirathi Second Sarg Bhaag 8
"रश्मिरथी" द्वितीय सर्ग – भाग 8 महाकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा रचित महाकाव्य का अत्यंत मार्मिक और भावनात्मक अंश है, जिसमें कर्ण के समर्पण,...
रश्मिरथी – द्वितीय सर्ग – भाग 7 | Rashmirathi Second Sarg Bhaag 7
"रश्मिरथी" के द्वितीय सर्ग के भाग 7 में रामधारी सिंह 'दिनकर' ने कर्ण की सामाजिक पीड़ा, उसके आत्मसंघर्ष और समाज की रूढ़ियों पर एक...
रश्मिरथी – द्वितीय सर्ग – भाग 6 | Rashmirathi Second Sarg Bhaag 6
"रश्मिरथी" महाकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा रचित महाकाव्य है, जिसमें कर्ण के जीवन की गाथा को अत्यंत ओज और भावप्रवण भाषा में प्रस्तुत किया...
रश्मिरथी – द्वितीय सर्ग – भाग 5 | Rashmirathi Second Sarg Bhaag 5
"रश्मिरथी" द्वितीय सर्ग – भाग 5 एक अत्यंत महत्वपूर्ण और वैचारिक खंड है, जिसमें कवि रामधारी सिंह 'दिनकर' समाज के पतन, नीति, और सत्ताधारियों...
रश्मिरथी – द्वितीय सर्ग – भाग 4 | Rashmirathi Second Sarg Bhaag 4
"रश्मिरथी" द्वितीय सर्ग के भाग 4 में रामधारी सिंह 'दिनकर' उस सामाजिक, राजनीतिक और नैतिक संघर्ष की गूंज प्रस्तुत करते हैं जो ब्राह्मणों और...
रश्मिरथी – द्वितीय सर्ग – भाग 3 | Rashmirathi Second Sarg Bhaag 3
"रश्मिरथी" के द्वितीय सर्ग का भाग 3, रामधारी सिंह 'दिनकर' की अद्भुत काव्य-रचना का वह अंश है जो गुरु परशुराम और कर्ण के संबंधों...
रश्मिरथी – द्वितीय सर्ग – भाग 2 | Rashmirathi Second Sarg Bhaag 2
रश्मिरथी द्वितीय सर्ग का भाग 2 दिनकर की विलक्षण काव्यदृष्टि का परिचायक है, जिसमें वे एक साथ आश्चर्य, श्रद्धा, वीरता और तप का संयोजन...
रश्मिरथी – द्वितीय सर्ग – भाग 1 | Rashmirathi Second Sarg Bhaag 1
रश्मिरथी के द्वितीय सर्ग के प्रथम भाग में रामधारी सिंह 'दिनकर' हमें एक शांत, प्राकृतिक, पवित्र और तपोमय वातावरण का चित्र प्रस्तुत करते हैं।...
रश्मिरथी – प्रथम सर्ग – भाग 6 | Rashmirathee Pratham Sarg Bhaag 6
रश्मिरथी" प्रथम सर्ग, भाग 6 रामधारी सिंह 'दिनकर' की कालजयी कृति का एक महत्वपूर्ण अंश है, जिसमें कर्ण के रंगभूमि में आगमन के बाद...
रश्मिरथी – प्रथम सर्ग – भाग 7 | Rashmirathee Pratham Sarg Bhaag 7
"रश्मिरथी" के प्रथम सर्ग के भाग 7 में रामधारी सिंह 'दिनकर' महाभारत के प्रसंगों को अपनी दृष्टि से प्रस्तुत करते हैं। यह भाग विशेष...
रश्मिरथी – प्रथम सर्ग – भाग 5 | Rashmirathee Pratham Sarg Bhaag 5
“रश्मिरथी” के प्रथम सर्ग के भाग 5 में रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने महाभारत के उस अत्यंत महत्वपूर्ण क्षण को काव्यात्मक और भावनात्मक विस्तार दिया...
रश्मिरथी – प्रथम सर्ग – भाग 4 | Rashmirathee Pratham Sarg Bhaag 4
यह अंश रामधारी सिंह 'दिनकर' के महाकाव्य “रश्मिरथी” के प्रथम सर्ग का चौथा भाग है, जो महाभारत के उस ऐतिहासिक प्रसंग का सजीव चित्रण...
रश्मिरथी – प्रथम सर्ग – भाग 3 | Rashmirathee Pratham Sarg Bhaag 3
"रश्मिरथी" के प्रथम सर्ग के भाग 3 में रामधारी सिंह 'दिनकर' ने उस प्रसिद्ध प्रसंग का चित्रण किया है जहाँ कर्ण को पहली बार...