35.7 C
Gujarat
मंगलवार, मई 13, 2025

राम राम रटु

Post Date:

ram
Ram Ram Ratu

राम राम रटु 

तुलसीदास भजन

Ram Ram Ratu Lyrics Hindi

राम राम रटु, राम राम रटु, राम राम जपु जीहा।
राम-नाम-नवनेह-मेहको, मन! हठि होहि पपीहा॥१॥

सब साधन-फल कूप सरित सर, सागर-सलिल निरासा।
राम-नाम-रति-स्वाति सुधा सुभ-सीकर प्रेम-पियासा॥२॥

गरजि तरजि पाषान बरषि, पबि प्रीति परखि जिय जानै।
अधिक-अधिक अनुराग उमँग उर, पर परमिति पहिचानै॥३॥

रामनाम-गत, रामनाम-मति, रामनाम अनुरागी।
ह्वै गये हैं जे होहिगे, त्रिभुवन, तेइ गनियत बड़भागी॥४॥

एक अंग मम अगम गवन कर, बिलमु न छिन-छिन छाहै।
तुलसी हित अपनो अपनी द्सि निरुपधि, नेम निबाहैं॥५॥

 

 

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

ऋग्वेद Rig veda In Hindi PDF

ऋग्वेद - भारतीय साहित्य का प्राचीनतम ग्रंथ (Rig veda...

रश्मिरथी – प्रथम सर्ग – भाग 1

"रश्मिरथी" (अर्थात रश्मियों का रथारूढ़), महाकवि रामधारी सिंह 'दिनकर'...

रश्मिरथी

रश्मिरथीरश्मिरथी, जिसका अर्थ "सूर्य की सारथी(सूर्यकिरण रूपी रथ का...

विघ्ननिवारकं सिद्धिविनायक स्तोत्रम्

Vighna Nivarakam Siddhivinayaka Stotramविघ्ननिवारकं सिद्धिविनायक स्तोत्रम् भगवान गणेश को...
error: Content is protected !!