होम स्तोत्र लघु राघवेन्द्र स्तोत्र

लघु राघवेन्द्र स्तोत्र

0

लघु राघवेन्द्र स्तोत्र Laghu Raghavendra Stotra

पूज्याय राघवेंद्राय सत्यधर्मरताय च ।
भजतां कल्पवृक्षाय नमतां कामधेनवे ॥१॥

दुर्वादिध्वांतरवये वैष्णवींदीवरींदवे ।
नमो श्री राघवेंद्रगुरवे नमोऽत्यंतदयाळुवे ॥२॥

श्रीसुधींद्राब्धिसंभूतान् राघवेंद्रकलानिधीन् ।
सेवे सज्ञानसौख्यार्थं संतापत्रय शांतये ॥३॥

अघं द्रावयते यस्माद्वेंकारो वाञ्छितप्रदः ।
राघवेंद्रयतिस्तस्माल्लोके ख्यातो भविष्यति ॥४॥

व्यासेन व्याप्तबीजः श्रुतिभुवि भगवत्पादलब्धाङ्कुरश्रीः ।
प्रत्नैरीषत्प्रभिन्नोऽजनि जयमुनिना सम्यगुद्भिन्नशाखः ॥५॥

मौनीशव्यासराजादुदित किसलयः पुष्टितोऽयं जयेंद्राद् ।
अद्य श्री राघवेंद्राद्विलसति फलितो मध्वसिद्धांतशाखी ॥६॥
इति श्री लघुराघवेंद्रस्तुतिः संपूर्णम्

॥भारतीरमणमुख्यप्राणांतर्गत श्रीकृष्णार्पणमस्तु ॥

लघु राघवेन्द्र स्तोत्र के लाभ:

  1. मानसिक शांति: इसका नियमित पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है और जीवन में संतुलन बना रहता है।
  2. कठिनाइयों का समाधान: जीवन की सभी प्रकार की समस्याओं और कठिनाइयों से मुक्ति के लिए यह स्तोत्र अत्यधिक प्रभावशाली माना जाता है।
  3. राघवेन्द्र स्वामी की कृपा: भक्तजन विश्वास करते हैं कि इस स्तोत्र का पाठ करने से राघवेन्द्र स्वामी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  4. सकारात्मकता: यह स्तोत्र जीवन में सकारात्मकता और आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाता है।

लघु राघवेन्द्र स्तोत्र का पाठ कैसे करें:

  1. यह स्तोत्र सूर्योदय के समय शांत मन और शुद्ध आत्मा के साथ किया जाना चाहिए।
  2. श्रद्धा और भक्ति के साथ प्रतिदिन इसका पाठ करने से राघवेन्द्र स्वामी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  3. पाठ करते समय शांत और एकाग्रचित्त होकर भगवान राघवेन्द्र स्वामी का ध्यान करें।

error: Content is protected !!
Exit mobile version