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मंगलवार, नवम्बर 4, 2025

प्रभु तुम अपनो बिरद सँभारो – Prabhu Tum Apano Birad Sanbhaaro

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प्रभु  तुम अपनो बिरद सँभारो – प्रार्थना | Prabhu Tum Apano Birad Sanbhaaro Lyrics

प्रभु ! तुम अपनो बिरद सँभारो ।

अधम-उधारन नाम धरायो अब मत ताहि बिसारो ।।

मोसों अधिक अधम को जगमहूँ, पापिनमहँ सरदारो ।

ढूँढ़ ढूँढ़ जग अघ अति कीन्हे गनत न आवै पारो ॥

मोरे अघकौं लिखत लिखावत, चित्रगुप्त पचि हारो ।

तऊ न आयो अंत अघनको,छाड़ी कलम बिचारो ।।

अबलों अधम अनेक उधारे, हारो । बिचारो ।।

मो सों पल्लो डारो । राखो लाज नाम अपनेकी, मत खोबो पतियारो ।।

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