नरहरि अष्टकम एक प्रसिद्ध भक्ति स्तोत्र है, जो भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार को समर्पित है। यह स्तोत्र उन भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो भगवान नृसिंह की आराधना करते हैं। इस अष्टकम में भगवान नृसिंह के रूप, गुण, और उनकी कृपा का वर्णन मिलता है। इसे संस्कृत भाषा में लिखा गया है और इसे पढ़ने-सुनने से भक्त को आध्यात्मिक शांति और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
नरहरि अष्टकम के रचयिता आचार्य आदिशंकराचार्य माने जाते हैं। आदिशंकराचार्य ने विभिन्न स्तोत्रों और भजनों की रचना की, जिनमें ईश्वर के विभिन्न रूपों की महिमा का गान है। नरहरि अष्टकम भी उन्हीं की रचनाओं में से एक माना जाता है।
अष्टकम का अर्थ Meaning of Ashtakam
“अष्टकम” शब्द का अर्थ है आठ पदों का समूह। नरहरि अष्टकम में आठ श्लोक हैं, जिनमें भगवान नृसिंह की स्तुति की गई है। यह स्तोत्र भगवान की शक्ति, उनके दिव्य रूप, और उनकी दया का वर्णन करता है।
नरहरि अष्टकम Narahari Ashtakam
यद्धितं तव भक्तानामस्माकं नृहरे हरे।
तदाशु कार्यं कार्यज्ञ प्रलयार्कायुतप्रभ।
रणत्सठोग्रभ्रुकुटीकटोग्रकुटिलेक्षण।
नृपञ्चास्यज्वलज्ज्वालोज्ज्वलास्यारीन् हरे हर।
उन्नद्धकर्णविन्यासविकृताननभीषण।
गतदूषण मे शत्रून् हरे नरहरे हर।
हरे शिखिशिखोद्भास्वदुरःक्रूरनखोत्कर।
अरीन् संहर दंष्ट्रोग्रस्फुरज्जिह्व नृसिंह मे।
जठरस्थजगज्जालकरकोट्युद्यतायुध।
कटिकल्पतटित्कल्पवसनारीन् हरे हर।
रक्षोध्यक्षबृहद्वक्षोरूक्षकुक्षिविदारण।
नरहर्यक्ष मे शत्रुकक्षपक्षं हरे दह।
विधिमारुतशर्वेन्द्रपूर्वगीर्वाणपुङ्गवैः।
सदा नताङ्घ्रिद्वन्द्वारीन् नरसिंह हरे हर।
भयङ्करोर्वलङ्कारभयहुङ्कारगर्जित।
हरे नरहरे शत्रून् मम संहर संहर।
नरहरि अष्टकम के लाभ Benifits of Narahari Ashtakam
- भय का नाश: इसे पढ़ने से मन से सभी प्रकार के भय दूर होते हैं।
- सुरक्षा और शांति: भगवान नृसिंह की कृपा से भक्त की हर प्रकार की बुरी शक्तियों से रक्षा होती है।
- भक्ति और श्रद्धा: यह स्तोत्र भक्त के हृदय में ईश्वर के प्रति भक्ति और विश्वास को मजबूत करता है।
- कठिनाइयों से मुक्ति: भगवान की कृपा से जीवन की कठिनाइयाँ सरल हो जाती हैं।
नरहरि अष्टकम पाठ का समय और विधि
नरहरि अष्टकम का पाठ प्रातःकाल और सायंकाल के समय करना शुभ माना जाता है। पाठ करते समय स्वच्छता और ध्यान का विशेष महत्व है। भगवान नृसिंह की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाकर और उनकी आरती के साथ स्तोत्र का पाठ करने से विशेष फल मिलता है।
नरहरि अष्टकम पर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs for Narahari Ashtakam
नरहरि अष्टकम क्या है?
नरहरि अष्टकम एक भक्ति स्तोत्र है जो भगवान नरसिंह को समर्पित है। इसे आठ श्लोकों में लिखा गया है और इसमें भगवान नरसिंह के दिव्य गुणों, उनकी शक्ति और उनके भक्तों के प्रति प्रेम का वर्णन किया गया है। यह स्तोत्र वैष्णव परंपरा में अत्यधिक लोकप्रिय है।
नरहरि अष्टकम की रचना किसने की?
नरहरि अष्टकम की रचना आदि शंकराचार्य द्वारा की गई है। उन्होंने इस स्तोत्र को भगवान नरसिंह के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने के लिए लिखा था।
नरहरि अष्टकम का पाठ करने से क्या लाभ होता है?
नरहरि अष्टकम का पाठ करने से भक्त को भय, नकारात्मकता और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। यह भगवान नरसिंह की कृपा प्राप्त करने, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रभावशाली माना जाता है।
नरहरि अष्टकम का पाठ कैसे करना चाहिए?
नरहरि अष्टकम का पाठ शुद्ध मन और एकाग्रता के साथ करना चाहिए। इसे सुबह के समय या भगवान नरसिंह के विशेष दिनों जैसे नरसिंह चतुर्दशी पर करना शुभ माना जाता है। भक्त इसे मंदिर में या अपने घर के पूजा स्थल पर पाठ कर सकते हैं।
नरहरि अष्टकम से जुड़ी कोई विशेष कथा क्या है?
नरहरि अष्टकम भगवान नरसिंह की कथा से प्रेरित है, जिसमें उन्होंने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए हिरण्यकश्यप का वध किया था। यह स्तोत्र भगवान नरसिंह की करुणा, शक्ति और भक्तों के प्रति उनकी सुरक्षा के गुणों को रेखांकित करता है।