20.9 C
Gujarat
बुधवार, दिसम्बर 24, 2025

मूढ केहि बलपर तू इतरात – Moodh Kehi Balapar Too Itaraat  

Post Date:

मूढ केहि बलपर तू इतरात

Moodh Kehi Balapar Too Itaraat Lyrics

मूढ ! केहि बलपर तू इतरात ।

करत न सीधी बात काहुसौं, सदा रहत अठलात ।

जा दिन प्रान देह तजि जैहैं, कोउ न पूछिर्दै बात ।।

जेहि तनुके सुख-साज सँवारन संतत सबहिं सतात ।

सो तनु सहज धूरि मिलि जैदै छार होहिं सब गात ॥

जेहि धन-संचै हेतु भूलि हरि, डोलत सब दिन-रात ।

धरम-करम तजि सदा गीध ज्यों मांस-हेतु ललचात ।।

सबसौं रारि करत, नहिं मानत बंधु-पूज्य, पितु-मात ।

सो धन-सरबस एहि यल रहिहै, संग न दमरी जात ।।

माल-मिलकियत सब रहि जैहैं, सबै टूटिहैं नात ।

सगे-सहोदर, पुत्र-पा हुने, तजिहैं जननी-तात ।।

राम-नामको जाप करत खल, पंचन माँहिं लजात ।

‘रामनाम सत’ सबै बोलिहैं तोहि मसानु लै जात ।।

रात-दिवस भटकत केहि कारन, नहिं कछु भेद लखात ।

भूलि भगतवत्सल भगवानहिं नर-तनु वृथा गँवात ।।

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

गोकुल अष्टकं

गोकुल अष्टकं - Shri Gokul Ashtakamश्रीमद्गोकुलसर्वस्वं श्रीमद्गोकुलमंडनम् ।श्रीमद्गोकुलदृक्तारा श्रीमद्गोकुलजीवनम्...

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् एक अत्यंत पवित्र...

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम् (Lakshmi Sharanagati Stotram) एक...

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रं

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रंलक्ष्मीभर्तुर्भुजाग्रे कृतवसति सितं यस्य रूपं...
error: Content is protected !!