जुगलकिशोर जी मंदिर के बारे में Jugal Kishore Ji Mandir
श्री राधा कृष्ण को समर्पित मध्य प्रदेश राज्य के पन्ना शहर में स्थित जुगल किशोर मंदिर इस शहर का एक बहुत ही प्रसिद्ध व प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर का आकर्षण मंदिर में विराजित श्री कृष्ण जी की भव्य एवं खूबसूरत प्रतिमा है। बुंदेलखंड में इस मंदिर को कृष्ण भक्तों का वृंदावन भी कहा जाता है। यहां की एक विशेषता यह भी है कि यहाँ विराजित भगवान् श्रीकृष्ण हीरों से जड़ित मुरली बजाते हैं। श्री राधा कृष्ण का यह रूप वर्षों से देश के कोने कोने से श्रधालुओं को अपनी और आकर्षित करता आया है भक्त भगवान की नयनाभिराम झांकी को देखकर अभिभूत हो जाते । लोगों की आस्था का केंद्र बना यह मंदिर बुंदेलखंड के राजा के रूप में भी जाना जाता है…जिनके दर्शन किये बिना इस स्थान के लोगों का दिन पूरा नहीं होता. जुगल किशोर जी का यह मंदिर शहर के व्यस्ततम इलाके में स्थित होने के कारण इस भव्य मंदिर में प्रवेश करने से पहले यहाँ बनी पूजा सामग्री व भोग प्रसाद की दुकानों से श्रद्धालु भगवान् कृष्ण का मनपसंद भोग व अन्य पूजा सामग्री खरीद कर मंदिर में प्रवेश करते हैं
जुगलकिशोर जी मंदिर का इतिहास
श्री श्री श्री 1008 जुगल किशोर जी मंदिर के इतिहास की बात करे तो उपलब्ध तथ्यों के आधार पर कहा जाता है कि यह करीब 300 वर्ष प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण पन्ना के चौथे बुंदेला राजा हिंदूपत सिंह ने अपने शासनकाल के दौरान 1756 ई. में करवाया था। किंवदंतियों के अनुसार, इस मंदिर के गर्भगृह में रखी गई श्री कृष्ण की अलौकिक प्रतिमा को ओरछा के रास्ते वृंदावन से लाया गया था । पन्ना में जुगल किशोर भगवान से जुड़ी कई प्रत्यक्षदर्शी घटनाएं प्रचलित है।
जुगलकिशोर जी मंदिर का गर्भग्रह
श्रद्धालु गण मंदिर परिसर से होते हुए गर्भग्रह की और जाने वाले मुख द्वार में प्रवेश करते हैं जो सिर्फ कुछ विशेष समयावधि के लिए ही खोला जाता है …इसमें प्रवेश करते ही सामने गर्भग्रह में विराजित भगवान् श्री राधा कृष्ण की दिव्य एवं आकर्षक प्रतिमा के दर्शन होते हैं ईश्वर की इस छवि के दर्शन मिलते ही श्रधालुओं द्वारा किये जाने वाले जयघोष से पूरा परिसर गूँज उठता है …कहा जाता है कि श्री कृष्ण जी की मुरली में सुंदर – प्राचीन हीरे लगे हुए है। भगवान के आभूषण और पोशाक बुंदेलखंडी शैली को दर्शाते हैं।
जुगलकिशोर जी मंदिर का मुरली से जुड़ा प्रसिद्ध गीत
श्री कृष्ण की मुरली में लगे हीरे से जुड़ा सुप्रसिद्ध लोक भजन “पन्ना के जुगल किशोर की मुरलिया में हीरा जड़े हैं” – पन्ना के ऐतिहासिक जुगल किशोर जी मंदिर की महिमा से जुड़ा हुआ है । यह लोक भजन बुंदेलखंड के हर गांव और घर में प्रत्येक शुभ कार्य में गाया और बजाया जाता है इतना ही नहीं यहाँ की एक जनमान्यता है कि चारों धाम की यात्रा की हो या किसी भी तीर्थ स्थल की यात्रा से लौटकर यहां हाजिरी न दी तो सारी यात्रा निष्फल होती है।
श्री जुगल किशोर जी प्रतिमा का प्राकट्य
श्री जुगल किशोर या युगल किशोर जी की प्रतिमा के प्राकट्य से जुड़ी एक किवदंती के अनुसार – एक बार प्रसिद्ध संत विशाखा सखी अवतार स्वामी श्री हरिराम व्यास जी के स्वप्न में ठाकुर जी (भगवान कृष्ण) आए और वह कहने लगे कि मुझे इस कुएं से निकालो और स्थापित करो तब श्री हरिराम व्यास जी ने वि. संवत् 1620 (1563 ई.) की माघ शुक्ल एकादशी को जुगल किशोर जी की प्रतिमा कुए से निकालकर किशोरवन नामक स्थान पर प्रतिष्ठित किया। बाद में ओरछा के राजा मधुकर शाह ने किशोरवन के पास मंदिर बनवाया। इस मंदिर में भगवान श्री जुगलकिशोर जी अनेक वर्षों तक विराजे किन्तु मुगलिया हमले के समय जुगल किशोर जी के भक्त उन्हें ओरछा के पास पन्ना ले आये । और यहाँ ठाकुर जी आज भी पन्ना के पुराने जुगलकिशोर मंदिर मे अपने भक्तों को दर्शन दे रहे है ।
श्री जुगल किशोर जी की आरती
आरती जुगलकिशोर की कीजै।
तन मन धन न्यौछावर कीजै।
रवि शशि कोटि बदन की शोभा।
ताहि निरखि मेरी मन लोभा।