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बुधवार, नवम्बर 12, 2025

जर्यात देव जयति देव जय दयालु देवा – Jaryaat Dev Jayati Dev Jay Dayaalu Deva

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जर्यात देव जयति देव जय दयालु देवा लीरिक्स – Jaryaat Dev Jayati Dev Jay Dayaalu Deva

जर्यात देव, जयति देव, जय दयालु देवा ।

परम गुरु, परम पुज्य, परम देव, देवा ।।

सत्र विधि तव चरन सरन आइ परयो दासा ।

दीन, हीन, मति-मलीन, तर्दाप सरन-आमा ।।

पातक अपार किंतु दयाको भिखारी ।

दुखित जानि राखु मरन पाप-पुंज-हारी ।।

अवलोंके मकल दोष छमा करहु स्वामी ।

ऐसा कम, जाते पुनि हौं न कुपथगामी ।।

पात्र हौं, कुपात्र हों, भन्ने अनधिकारी ।

तदपि हीं तुम्हागे, अव लेहु मोहि उवारी ।।

लोग कहत तुम्हरो मच, मनहु कहत साई ।

कग्यि मत्य मंाइ नाथ भव-भ्रम सत्र स्वाई ।।

मारि और जनि निहारि देखिय निज तनहीं ।

हट करि मोहि गखिय हरि  संतत तन्य पनही ।।

कहीं कहा वारवार जानहु मय भेत्रा ।

जयति, जर्यात, जय दयालु, जय दयालु देवा ।।

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