21.2 C
Gujarat
बुधवार, दिसम्बर 3, 2025

बिनती सुण म्हारी सुमरो सुखकारी हरिके नामनैं Binatee Sun Mhaaree Sumaro Sukhakaaree Harike Naamanain

Post Date:

बिनती सुण म्हारी सुमरो सुखकारी हरिके नामनैं

Binatee Sun Mhaaree Sumaro Sukhakaaree Harike Naamanain

( मारवाड़ी)

बिनती सुण म्हारी, सुमरो सुखकारी हरिके नामनैं ।

भटकत फिरथो जुण चौरासी लाख महा दुखदाई ।

बिन कारण कर दया नाथ फिर मिनख-देह बकसाई।।

गरभमायँ माताके आकर पाया दुःख अनेक ।

अरजी करी प्रभूसे, बाहर काढो, राखो टेक ॥

करी प्रतिग्या गरभमायँ मैं सुमरण करस्यूँ थारो ।

नहीं लगाऊँ मन बिषयाँमैं, प्रभुजी मर्ने उबारो ॥

जलम लेय जगमायँ चित्तनै विषयाँ मायँ लगायो ।

जलम-मरण-दुख-हरण रामको पावन नाम भुलायो ||

खोई उमर ब्रथा भोगाँकै सुख-सुपनेकै माँई ।

सुख नहिं मिल्यो, बढ्यो दुख दिन-दिन, रह्यो सोग मन छाई ।।

मृग-तृस्नाकी धरतीमैं जो समझै भ्रमसैं पाणी ।

उसकी प्यास नहीं मिटणैकी, निश्चै लीज्यो जाणी ॥

यूँ इण संसारी भोगाँमैं नहीं कदे सुख पायो ।

दुःखरूप सुख देवै किस बिध, मूरख मन भरमायो ।।

कर विचार, मन हटा विषयसै प्रभु चरणॉमैं ल्याओ ।

करो कामना त्याग, हरीको नाम प्रेमसैं गाओ ।॥

सुख-दुखमें संतोष करो अब, सगळी इच्छा छोड़ो ।

‘मैं’ और ‘मेरो’ त्याग हरीके रूप माय चित जोड़ो ।।

मिलै सांति, दुख कदे न ब्यापै, आवै आनंद भारी ।

प्रेममगन हो नाम हरीको जपो सदा सुखकारी ॥

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् एक अत्यंत पवित्र...

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम् (Lakshmi Sharanagati Stotram) एक...

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रं

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रंलक्ष्मीभर्तुर्भुजाग्रे कृतवसति सितं यस्य रूपं...

द्वादश ज्योतिर्लिंङ्ग स्तोत्रम्

द्वादश ज्योतिर्लिंङ्ग स्तोत्रम्द्वादशज्योतिर्लिंगस्तोत्र एक प्रसिद्ध स्तोत्र है जिसमें भगवान...
error: Content is protected !!