33.4 C
Gujarat
शनिवार, मई 24, 2025

अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं

Post Date:

Achyutam Kesavan Krishna Damodaram Lyrics

यह भजन भगवान श्री कृष्ण की भक्ति और श्रद्धा का एक सुंदर और मधुर भजन है। यह भजन भगवान श्री कृष्ण के विभिन्न रूपों और उनके चरित्र का वर्णन करता है। भजन के प्रारंभ में भगवान श्री कृष्ण के अचल, अविनाशी और सुंदर रूप का वर्णन करता है। और उसके बाद प्रभु श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण को स्मरण कराता है।

इसके बाद, भजन में कुछ प्रश्न उठाए जाते हैं, जैसे “कौन कहते हैं भगवान आते नहीं?”, “कौन कहते हैं भगवान खाते नहीं?”, “कौन कहते हैं भगवान सोते नहीं?”, और “कौन कहते हैं भगवान नाचते नहीं?”। और भक्त अगली पंक्ति में इन प्रश्नों का उत्तर स्वयं देता है। भक्त का कहना है कि भगवान मीरा के जैसे बुलाए जाने पर आते हैं, शबरी के बेर खाते हैं, माँ यशोदा के जैसे सुलाए जाते हैं, और गोपियों के साथ नाचते हैं।

और अंत में श्री कृष्ण और राम की पुनरावृत्ति के साथ समाप्त होता है, जो भगवान श्री कृष्ण और भगवान राम के प्रति भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है।

Krishna1 1

Achyutam Kesavan Krishna Damodaram Bhajan Lyrics

अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम ॥१॥
अर्थ:
अचल, अविनाशी और सुंदर केशव (जो के भगवान का एक और नाम है) रूपी भगवान कृष्ण, और राम, सीता और लक्ष्मण की त्रिमूर्ति की मैं वंदना करता हूँ।


कौन कहता हे भगवान आते नहीं,
तुम भक्त मीरा के जैसे बुलाते नहीं ॥ २ ॥
अर्थ:
यह पंक्ति में कहा गया के की भक्ति में इतनी सकती होती है की मीराबाई जेसे भक्त अगर बुलाये तो कौन कहता है कि भगवान नहीं आते? वे तो मीरा के जैसे बुलाए जाने पर अवश्य आते हैं।


कौन कहता है भगवान खाते नहीं,
बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं ॥ ३ ॥
अर्थ:
यह पंक्ति ये कहती है की कौन कहता है कि भगवान नहीं खाते? अगर सबरी जेसी निस्वार्थ और सच्ची भक्ति हो तो वे तो शबरी के जूठे बेर भी बड़े प्रेम से खाते हैं।


कौन कहता है भगवान सोते नहीं,
माँ यशोदा के जैसे सुलाते नहीं ॥ ४ ॥
अर्थ:
कौन कहता है कि भगवान नहीं सोते? वे तो माँ यशोदा के जैसे गोद में प्यार से सो जाते हैं।


कौन कहता है भगवान नाचते नहीं,
गोपियों की तरह तुम नचाते नहीं ॥ ५ ॥
अर्थ:
कौन कहता है कि भगवान नहीं नाचते? वे तो गोपियों के साथ रासलीला में बड़े मधुरता से नाचते हैं।


नाम जपते चलो काम करते चलो,
हर समय कृष्ण का ध्यान करते चलो ॥ ६ ॥
अर्थ:
हर समय प्रभु श्री कृष्ण का ध्यान करते रहो और नाम जपते रहो और अपना कम करे रहो ।


याद आएगी उनको कभी ना कभी,
कृष्ण दर्शन तो देंगे कभी ना कभी ॥ ७ ॥
अर्थ:
यदि ये काम किया तो प्रभु को कभी न कभी हमारी याद जरुर आएगी और कभी न कभी वे अवस्य दर्शन देगे ।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

रश्मिरथी – षष्ठ सर्ग – भाग 13 | Rashmirathi Sixth Sarg Bhaag 13

रश्मिरथी - षष्ठ सर्ग - भाग 13 | Rashmirathi...

रश्मिरथी – षष्ठ सर्ग – भाग 12 | Rashmirathi Sixth Sarg Bhaag 12

रश्मिरथी - षष्ठ सर्ग - भाग 12 | Rashmirathi...

रश्मिरथी – षष्ठ सर्ग – भाग 11 | Rashmirathi Sixth Sarg Bhaag 11

रश्मिरथी - षष्ठ सर्ग - भाग 11 | Rashmirathi...

रश्मिरथी – षष्ठ सर्ग – भाग 9 | Rashmirathi Sixth Sarg Bhaag 9

रश्मिरथी - षष्ठ सर्ग - भाग 9 | Rashmirathi...
error: Content is protected !!