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मंगलवार, नवम्बर 19, 2024

बुध कवचम् Budha Kavacham

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बुध कवचम् Budha Kavacham

बुध कवचम् एक महत्वपूर्ण वैदिक स्तोत्र है जो बुध ग्रह की शांति और कृपा प्राप्त करने के लिए पढ़ा जाता है। बुध को ज्योतिष में बौद्धिक क्षमता, व्यापार, संवाद, और लेखन कौशल का कारक माना गया है। बुध कवचम् का पाठ बुध ग्रह के बुरे प्रभावों को शांत करने के साथ-साथ अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस कवच को विशेष रूप से उन लोगों के लिए प्रभावी माना जाता है जिनकी कुंडली में बुध ग्रह कमजोर स्थिति में है या अशुभ फल दे रहा है।

ऋषि कश्यप के बारे में:

बुध कवचम् का ऋषि कश्यप हैं। कश्यप ऋषि एक प्रमुख वैदिक ऋषि और देवताओं व असुरों के पूर्वज माने जाते हैं। ऋषि कश्यप को सप्तर्षियों में से एक माना जाता है। उनका नाम ‘कश्यप’ होने का कारण यह बताया जाता है कि वे एक महान दूरदर्शी थे और उनका ज्ञान व्यापक था। वे संसार के विभिन्न जीवों और ब्रह्मांड की उत्पत्ति के संबंध में कई महत्वपूर्ण योगदान देने वाले ऋषियों में से एक हैं।

बुध ग्रह के बारे में:

बुध ग्रह को संस्कृत में ‘बुध’ कहा जाता है, जो भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। बुध ग्रह का दिन बुधवार है, और यह ग्रह व्यापार, बुद्धिमत्ता, विज्ञान, भाषा, और तर्कशक्ति का कारक माना जाता है। कुंडली में बुध की स्थिति व्यक्ति की संवाद शैली, उसकी तर्कशक्ति और निर्णय लेने की क्षमता पर प्रभाव डालती है। बुध ग्रह से जुड़े उपायों में बुध कवच का पाठ प्रमुख रूप से किया जाता है।

बुध कवचम् के लाभ:

  1. बुद्धिमत्ता में वृद्धि: बुध ग्रह को बुद्धि और तर्कशक्ति का कारक माना जाता है। इस कवच के पाठ से व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होती है।
  2. वाणी की शुद्धि: बुध वाणी का भी कारक है। कवच का नियमित पाठ वाणी में शुद्धि लाता है और व्यक्ति की संवाद क्षमता को बेहतर बनाता है।
  3. व्यापार में सफलता: बुध ग्रह व्यापार का भी प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए व्यापार में उन्नति और सफलता के लिए इसका पाठ लाभकारी माना जाता है।
  4. शत्रुओं से रक्षा: बुध कवचम् का पाठ व्यक्ति को शत्रुओं से बचाने में सहायक होता है। इसे सुरक्षा कवच की तरह माना गया है।
  5. पारिवारिक शांति: यह कवच पारिवारिक जीवन में शांति और सद्भाव लाने में भी मदद करता है।

बुध कवचम् का पाठ: Budha Kavacham

बुध कवचम् को विशेष रूप से बुधवार के दिन पढ़ा जाता है। इसका पाठ करने से पहले स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए और एक शांत स्थान पर बैठकर इसे विधिपूर्वक पढ़ना चाहिए।

बुध कवचम् के श्लोक इस प्रकार हैं:

अस्य श्रीबुधकवचस्तोत्रमन्त्रस्य। कश्यप ऋषिः।
अनुष्टुप् छन्दः। बुधो देवता। बुधप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः।

बुधस्तु पुस्तकधरः कुङ्कुमस्य समद्युतिः।
पीताम्बरधरः पातु पीतमाल्यानुलेपनः।

कटिं च पातु मे सौम्यः शिरोदेशं बुधस्तथा।
नेत्रे ज्ञानमयः पातु श्रोत्रे पातु निशाप्रियः।

घ्राणं गन्धप्रियः पातु जिह्वां विद्याप्रदो मम।
कण्ठं पातु विधोः पुत्रो भुजौ पुस्तकभूषणः।

वक्षः पातु वराङ्गश्च हृदयं रोहिणीसुतः।
नाभिं पातु सुराराध्यो मध्यं पातु खगेश्वरः।

जानुनी रौहिणेयश्च पातु जङ्घेऽखिलप्रदः।
पादौ मे बोधनः पातु पातु सौम्योऽखिलं वपुः।

एतद्धि कवचं दिव्यं सर्वपापप्रणाशनम्।
सर्वरोगप्रशमनं सर्वदुःखनिवारणम्।

आयुरारोग्यशुभदं पुत्रपौत्रप्रवर्धनम्।
यः पठेच्छृणुयाद्वापि सर्वत्र विजयी भवेत्

बुध ग्रह की कृपा प्राप्त करने के लिए इस कवच का पाठ विधिपूर्वक और ध्यानपूर्वक करना चाहिए।

बुध कवचम् पर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs for Budha Kavacham

  1. बुध कवचम् क्या है?

    बुध कवचम् एक वैदिक स्तोत्र है जो बुध ग्रह की शांति और अनुकूलता प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह कवच संस्कृत में लिखा गया है और इसमें बुध देव की स्तुति की गई है, जिससे व्यक्ति की बुध ग्रह से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं और जीवन में बुद्धि, व्यापार, शिक्षा और संवाद में सफलता प्राप्त होती है।

  2. बुध कवचम् का पाठ कब और कैसे करना चाहिए?

    बुध कवचम् का पाठ विशेष रूप से बुधवार के दिन करना शुभ माना जाता है। इसे सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर और शुद्ध मन से किया जाना चाहिए। पाठ के दौरान पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए और धूप-दीप जलाकर बुध देव का ध्यान करते हुए इसका पाठ करना चाहिए।

  3. बुध कवचम् का पाठ करने के लाभ क्या हैं?

    बुध कवचम् का नियमित पाठ करने से कई लाभ होते हैं:
    बुध ग्रह की अनुकूलता प्राप्त होती है।
    वाणी और संवाद में सुधार होता है।
    व्यापार और शिक्षा में सफलता मिलती है।
    बौद्धिक क्षमता बढ़ती है और स्मरण शक्ति मजबूत होती है।
    जीवन में समृद्धि और शांति का अनुभव होता है।

  4. क्या बुध कवचम् का पाठ करने से बुध ग्रह के दोष दूर हो सकते हैं?

    हां, बुध कवचम् का पाठ करने से बुध ग्रह के दोष शांत हो सकते हैं। यदि कुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थिति में हो या बुध ग्रह के कारण किसी भी प्रकार की समस्याएं हो रही हों, तो बुध कवच का नियमित पाठ करके ग्रह दोषों का निवारण किया जा सकता है।

  5. बुध कवचम् का पाठ किसे करना चाहिए?

    बुध कवचम् का पाठ उन सभी लोगों के लिए लाभकारी है जिनकी कुंडली में बुध ग्रह कमजोर हो या बुध से जुड़ी समस्याएं हों। यह उन लोगों के लिए भी उपयोगी है जो व्यापार, शिक्षा, लेखन, संवाद या बुद्धि के क्षेत्र में उन्नति करना चाहते हैं।

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