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गुरूवार, अप्रैल 24, 2025

श्री गणपति स्तोत्रम्

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Ganpati Stotram

श्री गणपति स्तोत्रम्(Ganpati Stotram) एक पवित्र और शक्तिशाली स्तुति है जो भगवान गणेश की प्रशंसा और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए गायी जाती है। भगवान गणेश को हिंदू धर्म में “विघ्नहर्ता” यानी सभी बाधाओं को दूर करने वाले देवता माना जाता है, और किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में उनकी पूजा की जाती है। श्री गणपति स्तोत्रम् का पाठ भक्तों द्वारा गणेशजी की कृपा पाने और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

श्री गणपति स्तोत्रम् का महत्व Importance of Shri Ganpati Stotram

  1. विघ्नों का नाश: श्री गणपति स्तोत्रम् का पाठ करने से जीवन में आने वाली हर प्रकार की बाधाएं और कठिनाइयाँ दूर हो जाती हैं। गणेशजी को विघ्नहर्ता कहा जाता है, और उनका यह स्तोत्र सभी प्रकार के विघ्नों का नाश करता है।
  2. बुद्धि और ज्ञान का आशीर्वाद: भगवान गणेश को बुद्धि और ज्ञान का देवता माना जाता है। जो भी श्री गणपति स्तोत्रम् का नियमित पाठ करता है, उसे गणेशजी से बुद्धि, विवेक और ज्ञान का आशीर्वाद मिलता है।
  3. शुभ कार्यों की सफलता: किसी भी नए कार्य की शुरुआत से पहले श्री गणपति स्तोत्रम् का पाठ करने से कार्य में सफलता प्राप्त होती है। यह स्तोत्र विशेष रूप से महत्वपूर्ण कार्यों, परीक्षाओं, व्यवसाय या किसी अन्य महत्वपूर्ण कार्य से पहले किया जाता है।
  4. आध्यात्मिक उन्नति: यह स्तोत्र मानसिक शांति प्रदान करता है और साधक को आध्यात्मिक उन्नति की ओर प्रेरित करता है। गणेशजी की कृपा से साधक का मन स्थिर होता है और वह सही मार्ग पर चलता है।
  5. स्वास्थ्य और समृद्धि: गणेशजी की कृपा से स्तोत्र का पाठ करने वाले व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। उनका आशीर्वाद घर में सुख-समृद्धि और शांति लेकर आता है।
गणेश
गणेश चालीसा

श्री गणपति स्तोत्रम् का पाठ (Sri Ganpati Stotram)

द्विरदानन विघ्नकाननज्वलन त्वं प्रथमेशनंदन।
मदनपतिमाखुवाहन ज्वलनाभासितपिंगलोचन॥१॥

अहिबंधन रक्तचंदन प्रियदूर्वाङ्कुरभारपूजन॥
शशिभूषण भक्तपालन ज्वलनाक्षाsव निजान्निजावन॥२॥

विविधामरमर्त्यनायकः प्रथितस्त्वं भुवने विनायकः॥
तव कोपेपि हि नैव नायकस्तत एव त्वमजो विनायक॥३॥

बलिनिग्रह ईश केशवस्त्रिपुराख्यासुरनिग्रहे शिवः॥
जगदुद्भववनेsब्जसंभवः सकलान्जेतुमहो मनोभवः॥४॥

महिषासुरनिग्रहे शिवा भवमुक्त्यै मुनयो धुताशिवाः॥
यमपूजयदिष्टसिद्धये वरदो मे भव चेष्टसिद्धये॥५॥

गजकर्णक मूषकस्थिते वरदे त्वय्यभये हृदि स्थिते॥
जयलाभरमेष्टसंपदाः खलु सर्वत्र कुतो वदापदाः॥६॥

संकल्पितं कार्यमविघ्नमीश द्राक्सिद्धिमायातु ममाखिलेश॥
पापत्रयं मे हर सन्मतीश तापत्रयं मे हर शांत्यधीश॥७॥

गणाधीशो धीशो हरिहरविधीशोsभयकरो
गुणाधीशो धीशो विजयत उमाहृत्सुखकरः।

बुधाधीशो नीशो निजभजकविघ्नौघहरकः
मुदाधीशो पीशो यशस उभयर्धेश्च शरणम्॥८॥

इति श्री प. प. श्रीवासुदेवानन्दसरस्वतीविरचितं गणपतिस्तोत्रं संपूर्णम्॥

श्री गणपति स्तोत्रम् के लाभ Benefits of Shri Ganpati Stotram

  • आयुष्‍य वृद्धि: इसका नियमित पाठ आयुष्‍य और स्वास्थ्य में वृद्धि करता है।
  • धन और समृद्धि: भगवान गणेश को लक्ष्मी के भाई के रूप में भी पूजा जाता है, इसलिए उनका आशीर्वाद समृद्धि और आर्थिक वृद्धि लाता है।
  • विवाह संबंधी समस्याओं का निवारण: श्री गणपति का यह स्तोत्र विशेष रूप से विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए कारगर माना जाता है।
  • विद्यार्थियों के लिए लाभकारी: जो विद्यार्थी अध्ययन में अच्छे परिणाम चाहते हैं, उनके लिए यह स्तोत्र अत्यंत लाभकारी है।

श्री गणपति स्तोत्रम् पाठ का समय और विधि

  • इस स्तोत्र का पाठ प्रातःकाल स्नानादि के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर करना चाहिए।
  • भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठकर इस स्तोत्र का पाठ करें।
  • नियमित रूप से श्री गणपति स्तोत्रम् का पाठ करने से साधक की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

श्री गणपति स्तोत्रम् के विशेष अवसर

  1. गणेश चतुर्थी: यह स्तोत्र गणेश चतुर्थी के दिन विशेष रूप से पढ़ा जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने के बाद इस स्तोत्र का पाठ करने से भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  2. नए कार्य की शुरुआत: किसी भी नए कार्य की शुरुआत से पहले इस स्तोत्र का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  3. परीक्षा या प्रतियोगिता के पहले: विद्यार्थी परीक्षा या किसी प्रतियोगिता में जाने से पहले इस स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं।

श्री गणपति स्तोत्रम् पर पूछे जाने वाले प्रश्न

श्री गणपति स्तोत्र का पाठ करने के लाभ क्या हैं?

श्री गणपति स्तोत्र का नियमित पाठ करने से मन की शांति, बुराई से मुक्ति, और जीवन में सकारात्मकता आती है। यह स्वास्थ्य, धन और समृद्धि के लिए भी लाभकारी माना जाता है

श्री गणपति स्तोत्रम् क्या है?

श्री गणपति स्तोत्रम् भगवान गणेश का एक प्रमुख स्तोत्र है, जिसमें उनकी महिमा और कृपा का वर्णन किया गया है। यह भक्तों के लिए समर्पित एक साधना का माध्यम है जो उन्हें मनोकामनाओं की पूर्ति करता है

श्री गणपति स्तोत्र का पाठ करने के लाभ क्या हैं?

श्री गणपति स्तोत्र का नियमित पाठ करने से मन की शांति, बुराई से मुक्ति, और जीवन में सकारात्मकता आती है। यह स्वास्थ्य, धन और समृद्धि के लिए भी लाभकारी माना जाता है

कितनी बार श्री गणपति स्तोत्र का पाठ करना चाहिए?

श्रद्धालुओं के लिए सलाह दी जाती है कि वे इसका पाठ प्रतिदिन करें, विशेषकर सुबह के समय। नियमित पाठ से अनुग्रह प्राप्त होता है

श्री गणपति स्तोत्र का किस प्रकार से पाठ करना चाहिए?

भक्तों को चाहिए कि वे ध्यान से और उच्च स्वर में पाठ करें। इससे समर्पण और श्रद्धा दोनों बढ़ते हैं

श्री गणपति स्तोत्र का पाठ करने का सही समय क्या है?

प्रात:काल का समय इस स्तोत्र का पाठ करने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है, क्योंकि इस समय मन अधिक शुद्ध और एकाग्र होता है

 

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