श्री यमुनाजी को हिंदू धर्म में देवी के रूप में पूजा जाता है। यमुना नदी, जो उनके नाम से जानी जाती है, भारत की प्रमुख और पवित्र नदियों में से एक है। यमुना का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है, और उन्हें भगवान कृष्ण की बहन और सूर्य देव की पुत्री माना जाता है। यमुनाजी को जीवनदायिनी देवी के रूप में प्रतिष्ठित किया जाता है, और उनकी पूजा भक्तों के लिए पापों से मुक्ति और मोक्ष प्राप्ति का साधन मानी जाती है।
यमुनाजी की पौराणिक कथा:
पौराणिक कथाओं के अनुसार, यमुनाजी सूर्य देव और उनकी पत्नी संज्ञा की पुत्री हैं। उनकी एक कथा के अनुसार, यमुनाजी और यमराज भाई-बहन हैं। यमराज मृत्यु के देवता माने जाते हैं, और यमुनाजी को जीवन देने वाली देवी के रूप में देखा जाता है। इसी कारण से, दिवाली के दूसरे दिन यम द्वितीया या भाई दूज के रूप में मनाया जाता है, जब यमुनाजी और यमराज का पुनर्मिलन हुआ था।
भगवान कृष्ण और यमुनाजी:
भगवान कृष्ण का यमुना नदी से विशेष संबंध है। मथुरा और वृंदावन के आसपास की क्षेत्रीय कथा के अनुसार, बालकृष्ण ने यमुनाजी के तट पर अपनी लीलाएं की थीं। यमुनाजी को भी उनकी प्रमुख लीलाओं का साक्षी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यमुनाजी ने भगवान कृष्ण को विशेष कृपा दी थी, और इसलिए वे कृष्ण भक्तों के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।
यमुनाजी की धार्मिक महिमा:
यमुना नदी को वैदिक युग से ही पवित्र माना जाता है। इसे गंगा के साथ मिलाकर मोक्षदायिनी नदी माना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, यमुनाजी में स्नान करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं, और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी वजह से, यमुना के तट पर स्नान करना और उनकी पूजा करना धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल है।
यमुनाजी का आध्यात्मिक महत्व:
हिंदू धर्म में नदियों को जीवनदायिनी देवियों के रूप में पूजा जाता है। यमुनाजी की पूजा विशेष रूप से वृंदावन, मथुरा और द्वारका में होती है। कार्तिक माह में यमुनाजी का विशेष उत्सव मनाया जाता है, जब भक्त यमुनाजी की आराधना करके उनसे पापों से मुक्ति और जीवन में शुद्धता की कामना करते हैं। यमुनाजी को ‘कालिंदी’ के नाम से भी जाना जाता है, और उनके जल को शीतल और शांतिपूर्ण माना जाता है।
श्री यमुनाजी की आरती Yamuna Aarti
जय कालिंदी, हरिप्रिया जय।
जय रवि तवया, तपोमयी जय॥ जय ..
जय श्यामा, अति अभिराम जय।
जय सुखदा, श्रीहरि रामा जय॥ जय ..
जय ब्रज मण्डलवासिनि जय-जय।
जय द्वारकानिवासिनि जय-जय॥ जय ..
जय कलि कलुष नसावनि जय-जय।
जय यमुने जय पावनि, जय-जय॥ जय ..
जय निर्वाण प्रदायिनि जय-जय।
जय हरि प्रेमदायिनी जय-जय॥ जय ..
जय जय श्री यमुना – यमुनाजी की आरती – Yamuna Aarti
जय जय श्री यमुना, माँ जय जय श्री यमुना
जोतां जनम सुधार्यो -२
धन्य धन्य श्री यमुना, माँ जय जय श्री यमुना
Jai Jai Shri Yamuna, Maa Jai Jai Shri Yamuna,
Jotaa Janam Sudhaaryo,
Dhanya Dhanya Shri Yamuna, Maa Jai Jai Shri Yamuna
शामलडी सुरत मा मूरत माधुरी, मा मूरत माधुरी
प्रेम सहित पटराणी -२
पराक्रमे पूरां, माँ जय जय श्री यमुना
Shamaladi Surat Ma Murat Madhuri, Ma Murat Madhuri,
Prem Sahit Patrani,
Parakrame Pura, Maa Jai Jai Shri Yamuna
गहेवर वन चाल्या, मा गंभीरे घेर्या, मा गंभीरे घेर्या
चुंदड़ीये चटकाणां -२
पहेर्या ने लहेर्या, माँ जय जय श्री यमुना
Gahevar Van Chalya Ma Gambhire Gherya, Ma Gambhire Gherya,
Chundadiye Chatkana
Paherya Ne Laherya, Maa Jai Jai Shri Yamuna
भुज कंकण रूडां, मा गुजरीया चूडी, मा गुजरीया चूडी,
बाजुबंध ने बेरखा -२
पहोंची रत्न जड़ी, माँ जय जय श्री यमुना
Bhuj Kankan Ruda Ma Gujariya Chudi, Ma Gujariya Chudi,
Baju Bandh Ne Berkha,
Pahonchi Ratna Jadi, Maa Jai Jai Shri Yamuna
झांझरने झमके, मा विछीयाने ठमके, मा विछीयाने ठमके
नेपूरने नादे मा-२
घूघरी ने घमके, माँ जय जय श्री यमुना
Jhaanjhar Ne Jhamke Ma Vichhiyane Thamke, Ma Vichhiyane Thamke
Nepoor Ne Naade Ma,
Ghugari Ne Ghamke, Maa Jai Jai Shri Yamuna
सोणे शणगार सज्या, मा नकवेसर मोती, मा नकवेसर मोती
आभूषणमां ओपो-२
दर्पण मुख जोतां, माँ जय जय श्री यमुना
Sone Shangaar Sajyaa Ma Nakvesar Moti, Ma Nakvesar Moti
Aabhushanma Opo,
Darpan Mukh Jotaa, Maa Jai Jai Shri Yamuna
तट अंतर रूणां, मा शोभित जल भरीयां, मा शोभित जल भरीयां
मनवांछित मुरलीधर-२
सुंदर वर वरियां, माँ जय जय श्री यमुना
Tat Antar Runaa Ma Shobhit Jal Bhariya, Ma Shobhit Jal Bhariya
Manvanchhit Murlidhar,
Sundar Var Variya, Maa Jai Jai Shri Yamuna
लाल कमल लपटया, मा जोवाने ग्याता, मा जोवाने ग्याता
कहे ‘माधव’ परिक्रमा – २
व्रजनी करवाने ग्याता, माँ जय जय श्री यमुना
Laal Kamal Lapatya Ma Jovane Gyata, Ma Jovane Gyata,
Kahe Madhav Parikrama,
Vraj Ni Karavane Gyata, Maa Jai Jai Shri Yamuna
श्री यमुनाजी नी आरती, विश्राम घाटे थाय, मा विश्राम घाटे थाय
तेञीस करोड देवता – २
मा दर्शन करवा जाय, माँ जय जय श्री यमुना
Shri Yamunaji Ni Aarti, Vishraam Ghate Thaay, Ma Vishraam Ghate Thaay
Tetris Karod Devata,
Ma Darshan Karva Jaay, Maa Jai Jai Shri Yamuna
श्री यमुनाजी नी आरती जे कोई गाशे, मा जे भावे गाशे
तेना जनम जनमना संकट सर्वे दूर थाशे, तेनो व्रजमां वास थाशे
Shri Yamunaji Ni Aarti Je Koi Gashe, Ma Je Bhave Gashe,
Tena Janam Janamna Sankat,
Sarve Dur Thashe, Teno Vraj Ma Vaas Thashe
जय जय श्री यमुना, माँ जय जय श्री यमुना
जोतां जनम सुधार्यो -२
धन्य धन्य श्री यमुना, माँ जय जय श्री यमुना
Jai Jai Shri Yamuna, Maa Jai Jai Shri Yamuna,
Jotaa Janam Sudhaaryo,
Dhanya Dhanya Shri Yamuna, Maa Jai Jai Shri Yamuna