29.6 C
Gujarat
रविवार, जुलाई 20, 2025

वाग्वादिनी शतक स्तोत्रम्

Post Date:

वाग्वादिनी शतक स्तोत्रम्

वाग्वादिनी शतक स्तोत्रम् एक अत्यंत पावन और शक्तिशाली स्तोत्र है, जिसे देवी वाग्वादिनी की स्तुति में रचित किया गया है। ‘वाग्वादिनी’ का अर्थ है – वह देवी जो वाणी, भाषण और ज्ञान का स्रोत हैं। यह स्तोत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी माना जाता है जो ज्ञान, साहित्य, संगीत तथा कला के क्षेत्र में उन्नति की कामना रखते हैं। ‘शतक’ शब्द का अर्थ है 100 श्लोकों का संग्रह, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह स्तोत्र बहुत विस्तारपूर्वक देवी के गुणों का वर्णन करता है।

Vagvadini Shatka Stotram

वरदाप्यहेतुकरुणाजन्मावनिरपि पयोजभवजाये ।
किं कुरुषेन कृपां मयि वद वद वाग्वादिनि स्वाहा ॥

किं वा ममास्ति महती पापततिस्तत्प्रभेदने तरसा ।
किं वा न तेऽस्ति शक्तिर्वद वद वाग्वादिनि स्वाहा ॥

किं जीवः परमशिवाद्भिन्नोऽभिन्नोऽथ भेदश्च ।
औपाधिकः स्वतो वा वद वदवाग्वादिनि स्वाहा ॥

वियदादिकं जगदिदं सर्वं मिथ्याऽथवा सत्यम् ।
मिथ्यात्वधीः कथं स्याद्वद वद वाग्वादिनि स्वाहा ॥

ज्ञानं कर्म च मिलितं हेतुर्मोक्षेऽथवा ज्ञानम् ।
तज्ज्ञानं केन भवेद्वद वदवाग्वादिनि स्वाहा ॥

ज्ञानं विचारसाध्यं किं वा योगेन कर्मसाहस्रैः ।
कीदृक्सोऽपि विचारो वद वद वाग्वादिनि स्वाहा ॥

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

राहु कवच

राहु कवच : राहु ग्रह का असर खत्म करें...

Rahu Mantra

Rahu Mantraराहु ग्रह वैदिक ज्योतिष में एक छाया ग्रह...

ऋग्वेद हिंदी में

ऋग्वेद (Rig veda in Hindi PDF) अर्थात "ऋचाओं का...

Pradosh Stotram

प्रदोष स्तोत्रम् - Pradosh Stotramप्रदोष स्तोत्रम् एक महत्वपूर्ण और...
error: Content is protected !!