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शुक्रवार, अक्टूबर 24, 2025

वाग्देवी स्तव

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वाग्देवी स्तव

Vagdevi Stava एक ऐसा स्तोत्र है जो माँ वाग्देवी, अर्थात् वाणी की देवी की स्तुति में रचित है। माँ वाग्देवी को ज्ञान, कला, संगीत, साहित्य और शुद्ध अभिव्यक्ति का स्रोत माना जाता है। यह स्तोत्र उनके दिव्य गुणों, सुंदरता, बुद्धिमत्ता और प्रेरणादायक स्वरूप का वर्णन करता है।

स्तव के लाभ

  • विद्या व बुद्धिमत्ता में वृद्धि:
    माँ वाग्देवी के स्तोत्र का पाठ करने से ज्ञान की प्राप्ति होती है, जिससे विद्यार्थी और शोधकर्ता अपनी पढ़ाई एवं अनुसंधान में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
  • रचनात्मकता और कला में प्रगति:
    कवि, लेखक, कलाकार एवं संगीतकारों को इस स्तव का पाठ प्रेरणा प्रदान करता है, जिससे उनकी रचनात्मक क्षमताओं में निखार आता है।
  • शुद्ध अभिव्यक्ति:
    यह स्तव शुद्ध और स्पष्ट वाणी के महत्व को दर्शाता है। नियमित पाठ से व्यक्ति के विचारों में स्पष्टता आती है और संवाद में सुधार होता है।
  • मानसिक शांति एवं सकारात्मक ऊर्जा:
    देवी की स्तुति करने से मन शांत रहता है, नकारात्मक विचार दूर होते हैं और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है।

Vagdevi Stava

वादे शक्तिप्रदात्री प्रणतजनततेः सन्ततं सत्सभायां
प्रश्नानां दुस्तराणामपि लघु सुसमाधानमाश्वेव वक्तुम् ।
वागीशाद्यैः सुराग्र्यौर्विविधफलकृते सन्ततं पूज्यमाना
वाग्देवी वाञ्छितं मे वितरतु तरसा भृङ्गभूभृन्निवासा ॥

व्याख्यामुद्राक्षमालाकलशसुलिखितै राजदम्भोजपाणिः
काव्यालङ्कारमुख्येष्वपि निशितधियं सर्वशास्त्रेषु तूर्णम् ।
मूकेभ्योऽप्यार्द्रचित्ता दिशति करुणया या जवात्सा कृपाब्धि-
र्वाग्देवी वाञ्छितं मे वितरतु तरसा श‍ृङ्गभूभृन्निवासा ॥

जाड्यध्वान्तार्कपङ्क्तिस्तनुजितरजनीकान्तगर्वागमानां
शीर्षैः संस्तूयमाना मुनिवरनिकरैः सन्ततं भक्तिनम्रैः ।
कारुण्यापारवारान्निधिरगतनयासिन्धुकन्याभिवाद्या
वाग्देवी वाञ्छितं मे वितरतु तरसा श‍ृङ्गभूभृन्निवासा ॥

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