ऊधौ तुम तो बड़े बिरागी
Udhau Tum to Bade Biraagee Lyrics
ऊधौ ! तुम तो बड़े बिरागी ।
हम तो निपट गँवारि ग्वालिनी, स्याम-रूप अनुरागी ।।
जेहि छिन प्रथमस्याम-छबि देखी, तेहि छिन हृदय समानी निकसत नहिं अब कौनेहू बिधि, रोम-रोम उरझानी ॥
आठों जाम मगन मन निरखत स्याम मुरति निजमाहीं। दृग नहिं पेखत अन्य वस्तु जग, बुद्धि बिचारत नाहीं ।।
ऊधौ ! तुम्हरो ग्यान निरंतर होउ तुमहिं सुखकारी । हम तौ सदा स्याम-रँग राचीं ताहि न सकहिं उतारी ।।
ऊधौ तुम तो बड़े बिरागी Udhau Tum to Bade Biraagee
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