32.4 C
Gujarat
गुरूवार, सितम्बर 25, 2025

Swarna Gauri Stotram

Post Date:

Swarna Gauri Stotram

स्वर्ण गौरी स्तोत्र देवी गौरी (माता पार्वती) की स्तुति का एक पवित्र संस्कृत स्तोत्र है, जो उनके दिव्य स्वरूप, सौंदर्य, करुणा और शक्ति की प्रशंसा करता है। यह स्तोत्र विशेष रूप से गौरी व्रत या हरतालिका तीज जैसे अवसरों पर पढ़ा जाता है, जहाँ महिलाएं माता पार्वती की पूजा कर अखंड सौभाग्य, सुखी वैवाहिक जीवन और संतान प्राप्ति की कामना करती हैं।

स्वर्ण गौरी स्तोत्र

वरां विनायकप्रियां शिवस्पृहानुवर्तिनीम्
अनाद्यनन्तसम्भवां सुरान्वितां विशारदाम्।
विशालनेत्ररूपिणीं सदा विभूतिमूर्तिकां
महाविमानमध्यगां विचित्रितामहं भजे।
निहारिकां नगेशनन्दनन्दिनीं निरिन्द्रियां
नियन्त्रिकां महेश्वरीं नगां निनादविग्रहाम्।
महापुरप्रवासिनीं यशस्विनीं हितप्रदां
नवां निराकृतिं रमां निरन्तरां नमाम्यहम्।

गुणात्मिकां गुहप्रियां चतुर्मुखप्रगर्भजां
गुणाढ्यकां सुयोगजां सुवर्णवर्णिकामुमाम्।
सुरामगोत्रसम्भवां सुगोमतीं गुणोत्तरां
गणाग्रणीसुमातरं शिवामृतां नमाम्यहम्।

रविप्रभां सुरम्यकां महासुशैलकन्यकां
शिवार्धतन्विकामुमां सुधामयीं सरोजगाम्।
सदा हि कीर्तिसंयुतां सुवेदरूपिणीं शिवां
महासमुद्रवासिनीं सुसुन्दरीमहं भजे।

पाठ की विशेषताएँ

स्वर्ण गौरी स्तोत्र में माता गौरी के विभिन्न दिव्य गुणों का वर्णन किया गया है, जैसे:

  1. उनकी दया, ममता और सौंदर्य का चित्रण।
  2. वे कैसे अपने भक्तों को संकट से उबारती हैं
  3. उनके शिव-पत्नी स्वरूप की महिमा।
  4. अष्टसिद्धियों और नव निधियों को प्रदान करने की क्षमता।
  5. उनके विवाह और व्रत कथा की स्मृति।

पाठ विधि

  1. प्रातःकाल स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. गौरी माता की मूर्ति या चित्र पर चंदन, फूल, अक्षत, दुर्वा और दीप अर्पित करें।
  3. पहले गणेश वंदना, फिर शिव वंदना, और उसके बाद स्वर्ण गौरी स्तोत्र का पाठ करें।
  4. शांत मन से ध्यानपूर्वक श्लोकों का उच्चारण करें।

व्रतों में उपयोग

  • हरतालिका तीज (भाद्रपद शुक्ल तृतीया) के दिन यह स्तोत्र विशेष रूप से पढ़ा जाता है।
  • गौरी पूजन में, खासकर कुमारी कन्याओं द्वारा यह स्तोत्र विवाह हेतु पढ़ा जाता है।
  • नवरात्रि के दौरान भी इस स्तोत्र का पाठ अत्यंत पुण्यदायक होता है।
पिछला लेख
अगला लेख

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

હો દેવી અન્નપૂર્ણા | Ho Devi Annapurna

હો દેવી અન્નપૂર્ણા | Ho Devi Annapurnaમાં શંખલ તે...

ऋग्वेद हिंदी में

ऋग्वेद हिंदी में | Rigveda in Hindiऋग्वेद (Rigveda in...

गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र – श्री विष्णु (Gajendra Moksham Stotram)

गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र - Gajendra Moksham Stotramश्रीमद्धागवतान्तर्गत गजेन्द्रकृत भगवानका...

श्री शनि चालीसा

Shani Chalisaशनि चालीसा हिंदू धर्म में एक लोकप्रिय प्रार्थना...
error: Content is protected !!