28.4 C
Gujarat
मंगलवार, जुलाई 22, 2025

सुरेश्वरी स्तुति

Post Date:

सुरेश्वरी स्तुति

सुरेश्वरी स्तुति एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो देवी गंगा के विभिन्न रूपों और गुणों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र विशेष रूप से गंगा सप्तमी और गंगा दशहरा जैसे पर्वों पर पढ़ा जाता है, लेकिन इसे किसी भी दिन श्रद्धा और भक्ति के साथ पाठ किया जा सकता है।

Sureshwari Stuti

महिषासुरदैत्यजये विजये
भुवि भक्तजनेषु कृतैकदये।

परिवन्दितलोकपरे सुवरे
परिपाहि सुरेश्वरि मामनिशम्।

कनकादिविभूषितसद्वसने
शरदिन्दुसुसुन्दरसद्वदने।

परिपालितचारुजने मदने
परिपाहि सुरेश्वरि मामनिशम्।

वृतगूढसुशास्त्रविवेकनिधे
भुवनत्रयभूतिभवैकविधे।

परिसेवितदेवसमूहसुधे
परिपाहि सुरेश्वरि मामनिशम्।

जगदादितले कमले विमले
शिवविष्णुकसेवितसर्वकले।

कृतयज्ञजपव्रतपुण्यफले
परिपाहि सुरेश्वरि मामनिशम्।

सुरेश्वरी स्तुति का महत्व

यह स्तोत्र देवी गंगा की महिमा का गुणगान करता है, जो त्रिभुवन (तीनों लोकों) को तारने वाली हैं। देवी गंगा को सुरेश्वरी (देवताओं की अधिष्ठात्री), भगवती (सर्वशक्तिमान देवी), और विमला (शुद्ध) के रूप में वर्णित किया गया है। इस स्तोत्र का पाठ करने से पापों का नाश होता है, बुद्धि शुद्ध होती है, और व्यक्ति जीवन-मरण के बंधन से मुक्त हो सकता है।

सुरेश्वरी स्तुति पाठ और लाभ

सुरेश्वरी स्तुति का नियमित पाठ करने से भक्तों को मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति और देवी गंगा की कृपा प्राप्त होती है। यह स्तोत्र विशेष रूप से उन भक्तों के लिए उपयोगी है जो देवी गंगा की आराधना करते हैं।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

प्रियतम न छिप सकोगे

प्रियतम न छिप सकोगे | Priyatam Na Chhip Sakogeप्रियतम...

राहु कवच

राहु कवच : राहु ग्रह का असर खत्म करें...

Rahu Mantra

Rahu Mantraराहु ग्रह वैदिक ज्योतिष में एक छाया ग्रह...

ऋग्वेद हिंदी में

ऋग्वेद (Rig veda in Hindi PDF) अर्थात "ऋचाओं का...
error: Content is protected !!