20.8 C
Gujarat
गुरूवार, नवम्बर 21, 2024

गिरिराज जी की आरती Shri Giriraj Ji Ki Aarti

Post Date:

ॐ जय जय जय गिरिराज, स्वामी जय जय जय गिरिराज।
संकट में तुम राखौ, निज भक्तन की लाज ॥ ॐ जय ॥

इन्द्रादिक सब सुर मिल तुम्हरौं ध्यान धरें।
रिषि मुनिजन यश गावें, ते भवसिन्धु तरें ॥ ॐ जय ॥

सुन्दर रूप तुम्हारौ श्याम सिला सोहें।
वन उपवन लखि-लखि के भक्तन मन मोहें ॥ ॐ जय ॥

मध्य मानसी गङ्गा कलि के मल तापै दीप जलावें।
उत्तरें हरनी वैतरनी ॥ ॐ जय ॥

नवल अप्सरा कुण्ड सुहावन-पावन सुखकारी।
बायें राधा-कुण्ड नहावें महा पापहारी ॥ ॐ जय ॥

तुम्ही मुक्ति के दाता कलियुग के स्वामी।
दीनन के हो रक्षक प्रभु अन्तरयामी ॥ ॐ जय ॥

हम हैं शरण तुम्हारी, गिरिवर गिरधारी।
देवकीनंदन कृपा करो, हे भक्तन हितकारी ॥ ॐ जय ॥

जो नर दे परिकम्मा पूजन पाठ करें।
गावें नित्य आरती पुनि नहिं जनम धरें ॥ ॐ जय ॥

 

 

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

अंगारक नामावली स्तोत्रम् Angaraka Namavali Stotram

अंगारक नामावली स्तोत्रम् Angaraka Namavali Stotramhttps://youtu.be/YIwnTBfgG6c?si=x85GbFT0sA-aHA13अंगारक नामावली स्तोत्रम् एक...

चंद्र कवचम् Chandra Kavacham

चंद्र कवचम् Chandra Kavachamhttps://youtu.be/J9ejFmCLzWI?si=KTCgWqu5p7tWj5G5गौतम ऋषि द्वारा रचित चंद्र कवचम्...

बुध कवचम् Budha Kavacham

बुध कवचम् Budha Kavachamबुध कवचम् एक महत्वपूर्ण वैदिक स्तोत्र...

बृहस्पति कवचम् Brihaspati Kavacham

बृहस्पति कवचम् Brihaspati Kavachamबृहस्पति कवचम् एक धार्मिक स्तोत्र है,...
error: Content is protected !!