शनि कवचम्(Shani Kavacham) एक विशेष मंत्र है, जो भगवान शनि की शरण में जाकर उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह मंत्र शनि ग्रह के कष्टों को दूर करने, जीवन में सुख-समृद्धि लाने और शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए उपयोगी माना जाता है। शनि ग्रह को न्याय का देवता और कर्मफल दाता माना जाता है। जब शनि के अशुभ प्रभाव के कारण व्यक्ति को जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ता है, तो शनि कवच का जाप प्रभावी हो सकता है।
शनि कवच का महत्व Importance of Shani Kavacham
शनि ग्रह का प्रभाव प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में अलग-अलग होता है। शनि की स्थिति यदि कुंडली में कमजोर होती है या शनि के अशुभ ग्रह स्थितियों का सामना करना पड़ता है, तो शनि कवच का जाप इन समस्याओं से बचने के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। शनि कवच का उद्देश्य शनि के दुष्प्रभावों से बचाव करना और शनि देव की कृपा प्राप्त करना है। यह कवच व्यक्ति को शनि के साथ-साथ अन्य ग्रहों के दोषों से भी मुक्ति दिलाने में सहायक होता है।
शनि कवच का पाठ करने के लाभ Benifits of Shani Kavacham
- शनि दोष निवारण: यह कवच शनि दोष से मुक्त करने में मदद करता है।
- कष्टों में कमी: शनि के प्रभाव से उत्पन्न मानसिक और शारीरिक कष्टों में कमी आती है।
- कर्मों का सही फल: शनि देवता न्यायप्रिय हैं, इसलिए यह कवच उन सभी कर्मों के सही फल को दिलाने में मदद करता है।
- धन-संपत्ति में वृद्धि: शनि देव की कृपा से व्यक्ति के धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
- मानसिक शांति: यह कवच मानसिक शांति और संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है।
शनि कवच का सही तरीका
- सही समय: शनि कवच का जाप विशेष रूप से शनिवार के दिन किया जाता है, क्योंकि शनिवार शनि देव का दिन होता है।
- स्नान के बाद: यह कवच सुबह स्नान करके स्वच्छ मन से और शुद्ध वातावरण में पढ़ें।
- द्रव्य का दान: शनि देव की पूजा के समय काले तिल, लोहे की वस्तु, काले गुड़, तेल का दान करना शुभ होता है।
- मंत्र जाप: शनि कवच का जाप 108 बार करें। यह संख्या अत्यधिक प्रभावशाली मानी जाती है।
- ध्यान और आस्था: जाप के दौरान शुद्ध मन से शनि देव की उपासना करें और उनका ध्यान करें।
शनि कवच का असर
यह कवच व्यक्ति की हर प्रकार की समस्याओं से रक्षा करता है, जैसे:
- सांसारिक परेशानियाँ: नौकरी, व्यापार, पारिवारिक जीवन, आदि में आने वाली समस्याएँ।
- व्यक्तिगत कष्ट: स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें, मानसिक तनाव और शारीरिक बीमारियाँ।
- वित्तीय संकट: धन की कमी, संपत्ति की समस्या आदि।
शनि कवचम्
नीलाम्बरो नीलवपुः किरीटी
गृध्रस्थितस्त्रासकरो धनुष्मान्।
चतुर्भुजः सूर्यसुतः प्रसन्नः
सदा मम स्यात् परतः प्रशान्तः।
ब्रह्मोवाच-
श्रुणुध्वमृषयः सर्वे शनिपीडाहरं महत्।
कवचं शनिराजस्य सौरेरिदमनुत्तमम्।
कवचं देवतावासं वज्रपञ्जरसंज्ञकम्।
शनैश्चरप्रीतिकरं सर्वसौभाग्यदायकम्।
ओं श्रीशनैश्चरः पातु भालं मे सूर्यनन्दनः।
नेत्रे छायात्मजः पातु पातु कर्णौ यमानुजः।
नासां वैवस्वतः पातु मुखं मे भास्करः सदा।
स्निग्धकण्ठश्च मे कण्ठं भुजौ पातु महाभुजः।
स्कन्धौ पातु शनिश्चैव करौ पातु शुभप्रदः।
वक्षः पातु यमभ्राता कुक्षिं पात्वसितस्तथा।
नाभिं ग्रहपतिः पातु मन्दः पातु कटिं तथा।
ऊरू ममान्तकः पातु यमो जानुयुगं तथा।
पादौ मन्दगतिः पातु सर्वाङ्गं पातु पिप्पलः।
अङ्गोपाङ्गानि सर्वाणि रक्षेन्मे सूर्यनन्दनः।
इत्येतत् कवचं दिव्यं पठेत् सूर्यसुतस्य यः।
न तस्य जायते पीडा प्रीतो भवति सूर्यजः।
व्ययजन्मद्वितीयस्थो मृत्युस्थानगतोऽपि वा।
कलत्रस्थो गतो वाऽपि सुप्रीतस्तु सदा शनिः।
अष्टमस्थे सूर्यसुते व्यये जन्मद्वितीयके।
कवचं पठते नित्यं न पीडा जायते क्वचित्।
इत्येतत् कवचं दिव्यं सौरेर्यन्ननिर्मितं पुरा।
द्वादशाष्टमजन्मस्थ- दोषान् नाशयते सदा।
जन्मलग्नस्थितान् दोषान् सर्वान् नाशयते प्रभुः।
शनि कवचम् पर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs of Shani Kavacham
शनि कवचम् क्या है?
शनि कवचम् एक धार्मिक स्तोत्र है जो शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए पढ़ा जाता है। यह कवच भक्तों को शनि ग्रह के अशुभ प्रभावों से बचाने और जीवन में सुख, समृद्धि एवं शांति प्रदान करने में सहायक माना जाता है। इसमें शनि देव की महिमा और उनकी कृपा का वर्णन है।
शनि कवचम् का पाठ करने का सही समय और विधि क्या है?
शनि कवचम् का पाठ शनिवार के दिन करना सबसे शुभ माना जाता है। पाठ के लिए प्रातः स्नान करके साफ कपड़े पहनकर, शनि देव की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएं। शांत मन से, एकाग्रता के साथ शनि कवचम् का पाठ करें। इसे 11, 21 या 108 बार पढ़ना लाभकारी होता है।
शनि कवचम् पाठ के लाभ क्या हैं?
शनि कवचम् का नियमित पाठ करने से व्यक्ति को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:
1.शनि के अशुभ प्रभावों का निवारण।
2.मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि।
3.व्यापार, करियर और स्वास्थ्य में सुधार।
4.नकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं से सुरक्षा।क्या शनि कवचम् का पाठ करने के लिए किसी विशेष मंत्र दीक्षा की आवश्यकता है?
शनि कवचम् का पाठ करने के लिए किसी विशेष दीक्षा की आवश्यकता नहीं है। इसे कोई भी व्यक्ति श्रद्धा और विश्वास के साथ पढ़ सकता है। हालांकि, गुरु से मार्गदर्शन लेना पाठ के प्रभाव को और बढ़ा सकता है।
शनि कवचम् का पाठ किन लोगों को करना चाहिए?
शनि कवचम् का पाठ उन लोगों को करना चाहिए जो:
1.शनि की महादशा या अंतरदशा के प्रभाव में हैं।
2.कुंडली में शनि के अशुभ योग से परेशान हैं।
3.अपने जीवन में बार-बार आने वाली कठिनाइयों और समस्याओं से राहत चाहते हैं।
4.शनि देव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं।