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राहु कवचम् Rahu Kavacham

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राहु कवचम् Rahu Kavacham

राहु कवचम् हिंदू धर्म के एक महत्वपूर्ण स्तोत्रों में से एक है, जिसे राहु ग्रह के अशुभ प्रभावों को शांत करने और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए पढ़ा जाता है। राहु को नवग्रहों में से एक माना जाता है, और इसे ज्योतिष में छाया ग्रह के रूप में माना जाता है, जिसका सीधा असर व्यक्ति के जीवन, उसकी मानसिक स्थिति, और उसकी सफलताओं पर होता है।

राहु का महत्व: Importance of Rahu

राहु को सामान्यतः असाधारण, अप्रत्याशित और जीवन में अचानक आने वाली कठिनाइयों से जोड़ा जाता है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु की स्थिति अशुभ होती है, तो वह जीवन में मानसिक तनाव, दुर्घटनाएँ, कानूनी समस्याएँ, धन हानि और अपमान जैसी परेशानियों का सामना करता है। इस कारण राहु की शांति के लिए विशेष मंत्र, स्तोत्र और उपाय बताए गए हैं, जिसमें राहु कवचम् एक प्रमुख साधन है।

राहु कवचम् का उद्देश्य: Purpose of Rahu Kavacham

राहु कवचम् को नियमित रूप से पढ़ने से जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सकता है। यह कवच एक सुरक्षात्मक कवच की तरह काम करता है जो राहु के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए प्रभावी है। इसका पाठ राहु के दशा या महादशा में किया जाता है, विशेष रूप से जब राहु किसी की जन्मकुंडली में अशुभ स्थान पर स्थित हो।

राहु कवचम् का पाठ: Recitation of Rahu Kavacham

राहु कवचम् का नियमित पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, जीवन में स्थिरता और कठिन परिस्थितियों से निपटने की क्षमता मिलती है। यह कवच विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी होता है, जिनकी कुंडली में राहु की दशा चल रही हो या जिनका राहु कष्टकारी हो।

राहु कवचम् का पाठ कैसे करें: How to recite Rahu Kavacham

  • राहु कवचम् का पाठ मंगलवार या शनिवार को प्रारंभ करना सबसे शुभ माना जाता है।
  • इसे सुबह स्नान करके साफ वस्त्र पहनकर किसी शांत स्थान पर बैठकर करना चाहिए।
  • पाठ के समय राहु ग्रह की दिशा, अर्थात् दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए।
  • पाठ से पहले भगवान शिव या राहु देवता का ध्यान और प्रार्थना करना शुभ होता है, क्योंकि राहु भगवान शिव के भक्त माने जाते हैं।

राहु कवचम् का मंत्र: Mantra of Rahu Kavacham

यहां राहु कवचम् के कुछ प्रमुख श्लोक दिए जा रहे हैं:

ॐ अस्य श्रीराहुकवचस्तोत्रमन्त्रस्य। चन्द्रमा-ऋषिः।
अनुष्टुप् छन्दः। राहुर्देवता। रां बीजम्।

नमः शक्तिः।स्वाहा कीलकम्।
राहुकृतपीडानिवारणार्थेधनधान्यायुरारोग्यादिसमृद्धिप्राप्तयर्थे जपे विनियोगः।

प्रणमामि सदा राहुं शूर्पाकारं किरीटिनम्।
सैंहिकेयं करालास्यं लोकानामभयप्रदम्।

नीलाम्बरः शिरः पातु ललाटं लोकवन्दितः।
चक्षुषी पातु मे राहुः श्रोत्रे त्वर्धशरीरवान्।

नासिकां मे धूम्रवर्णः शूलपाणिर्मुखं मम।
जिह्वां मे सिंहिकासूनुः कण्ठं मे कठिनाङ्घ्रिकः।

भुजङ्गेशो भुजौ पातु नीलमाल्याम्बरः करौ।
पातु वक्षःस्थलं मन्त्री पातु कुक्षिं विधुन्तुदः।

कटिं मे विकटः पातु‌ चोरू मे सुरपूजितः।
स्वर्भानुर्जानुनी पातु जङ्घे मे पातु जाड्यहा।

गुल्फौ ग्रहपतिः पातु पादौ मे भीषणाकृतिः।
सर्वाण्यङ्गानि मे पातु नीलचन्दनभूषणः।

राहोरिदं कवचमृद्धिदवस्तुदं योभक्त्या पठत्यनुदिनं नियतः शुचिः सन्।
प्राप्नोति कीर्तिमतुलां श्रियमृद्धिमायु-रारोग्यमात्मविजयं च हि तत्प्रसादात्।

राहु कवचम् के लाभ: Benefits of Rahu Kavacham

  1. मानसिक शांति: राहु के अशुभ प्रभावों से उत्पन्न मानसिक अस्थिरता, चिंता और भय को शांत करता है।
  2. धन-संपत्ति की वृद्धि: जीवन में आर्थिक समस्याओं को दूर करने में मददगार होता है।
  3. शत्रुओं पर विजय: राहु कवचम् का पाठ व्यक्ति को अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में सहायता करता है।
  4. कानूनी समस्याओं से मुक्ति: राहु ग्रह के कारण उत्पन्न कानूनी अड़चनों से बचने के लिए यह कवच अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।
  5. सुरक्षा कवच: इसे पढ़ने से जीवन में अचानक होने वाली दुर्घटनाओं और बाधाओं से सुरक्षा मिलती है।

राहु कवचम् का ज्योतिषीय महत्व: Astrological significance of Rahu Kavacham

राहु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए इसका पाठ विशेष रूप से राहु के महादशा, अष्टम भाव में राहु की स्थिति या राहु की दृष्टि के कारण उत्पन्न परेशानियों के समय किया जाता है। राहु के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए यह कवच एक अद्भुत साधन माना गया है।

  1. मानसिक शांति: राहु के अशुभ प्रभावों से उत्पन्न मानसिक अस्थिरता, चिंता और भय को शांत करता है।
  2. धन-संपत्ति की वृद्धि: जीवन में आर्थिक समस्याओं को दूर करने में मददगार होता है।
  3. शत्रुओं पर विजय: राहु कवचम् का पाठ व्यक्ति को अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में सहायता करता है।
  4. कानूनी समस्याओं से मुक्ति: राहु ग्रह के कारण उत्पन्न कानूनी अड़चनों से बचने के लिए यह कवच अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।
  5. सुरक्षा कवच: इसे पढ़ने से जीवन में अचानक होने वाली दुर्घटनाओं और बाधाओं से सुरक्षा मिलती है।

राहु कवचम् का ज्योतिषीय महत्व: Astrological significance of Rahu Kavacham

राहु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए इसका पाठ विशेष रूप से राहु के महादशा, अष्टम भाव में राहु की स्थिति या राहु की दृष्टि के कारण उत्पन्न परेशानियों के समय किया जाता है। राहु के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए यह कवच एक अद्भुत साधन माना गया है।

राहु कवचम् पर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs of Rahu Kavacham

1.राहु कवचम् क्या है?

राहु कवचम् एक प्राचीन वैदिक स्तोत्र है जो राहु ग्रह के अशुभ प्रभावों को शांत करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह स्तोत्र राहु के कुप्रभाव से रक्षा करता है और जीवन में शांति, समृद्धि और उन्नति लाने में सहायक माना जाता है। इसे नियमित रूप से पाठ करने से राहु दोष का निवारण किया जा सकता है।

2. राहु कवचम् का पाठ कैसे किया जाता है?

राहु कवचम् का पाठ शुद्धता और ध्यान के साथ किया जाना चाहिए। इसे शुभ समय में या राहु काल के दौरान किया जाता है। प्रातःकाल स्नान के बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके शांति से राहु कवच का पाठ किया जाना चाहिए। यदि राहु दोष की समस्या हो, तो विशेषज्ञ की सलाह पर नियमित रूप से इसका पाठ करने की अनुशंसा की जाती है।

3. राहु कवचम् का पाठ किसके लिए लाभकारी होता है?

राहु कवचम् उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जिनकी कुंडली में राहु दोष या राहु की अशुभ स्थिति हो। यह उन लोगों के लिए भी उपयोगी है जो अचानक धन हानि, दुर्घटना, मानसिक तनाव, या सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी का सामना कर रहे हों। राहु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए यह स्तोत्र अत्यधिक प्रभावशाली माना जाता है।

4. राहु कवचम् का पाठ करने के लाभ क्या हैं?

राहु कवचम् का नियमित पाठ करने से राहु के कुप्रभावों को कम किया जा सकता है। यह जीवन में आने वाले अचानक संकटों, मानसिक अशांति, और स्वास्थ्य समस्याओं से रक्षा करता है। इसके अलावा, यह आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है और मानसिक शांति, सुख-समृद्धि, और जीवन में स्थिरता लाता है।

5. राहु कवचम् का पाठ करने का सही समय कौन सा है?

राहु कवचम् का पाठ राहु काल में करना सबसे प्रभावी माना जाता है। इसके अलावा, यदि किसी विशेष दिन राहु दोष का निवारण करना हो तो उस दिन राहु ग्रह की स्थिति के अनुसार इसका पाठ किया जा सकता है। मंगलवार और शनिवार का दिन भी राहु कवच के पाठ के लिए विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं।

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