32.7 C
Gujarat
शुक्रवार, अक्टूबर 18, 2024

श्री महालक्ष्मी चालीसा Shri Mahalaxmi Chalisa

Post Date:

श्री महालक्ष्मी चालीसा Shri Mahalaxmi Chalisa Lyrics

माता लक्ष्मी को धन और वैभव की देवी माना जाता है। उनकी पूजा से धन-संपत्ति की कभी कोई कमी नहीं रहती है। इस लेख में हम आपके साथ श्री महालक्ष्मी चालीसा का पाठ करने जा रहे हैं।

दोहा

जय जय श्री महालक्ष्मी करूँ मात तव ध्यान।
सिद्ध काज मम कीजिए निज शिशु सेवक जान ॥

॥ चौपाई ॥

नमो महा लक्ष्मी जय माता, तेरो नाम जगत विख्याता।
आदि शक्ति हो मात भवानी, पूजत सब नर मुनि ज्ञानी।

जगत पालिनी सब सुख करनी, निज जनहित भण्डारन भरनी।
श्वेत कमल दल पर तव आसन, मात सुशोभित है पद्मासन।

श्वेताम्बर अरु श्वेता भूषन, श्वेतहि श्वेत सुसज्जित पुष्पन।
शीश छत्र अति रूप विशाला, गल सौहे मुक्तन की माला।

सुन्दर सोहे कुंचित केशा, विमल नयन अरू अनुपम भेषा।
कमलनाल समभुज तवचारी, सुरनर मुनिजनहित सुखकारी।

अद्भुत छटा मात तवबानी, सकलविश्व कीन्हो सुखखानी।
शांतिस्वभाव मृदुलतव भवानी, सकल विश्वकी हो सुखखानी।

महालक्ष्मी धन्य हो माई, पंच तत्व में सृष्टि रचाई।
जीव चराचर तुम उपजाए, पशु पक्षी नर नारि बनाए।

क्षितितल अगणित वृक्ष जमाए, अमितरंग फल फूल सुहाए।
छवि बिलोक सुरमुनि नरनारी, करे सदा तव जय-जय कारी।

सुरपति औ नरपत सब ध्यावैं, तेरे सम्मुख शीश नवावें।
चारहु वेदन तव यश गाया, महिमा अगम पार नहिं पाया।

जापर करहु मातु तुम दाया, सोई जग में धन्य कहाया।
पल में राजााहि रंक बनाओ, रंक राव कर बिलम न लाओ।

जिन घर करहु माततुम बासा, उनका यश हो विश्व प्रकाशा।
जो ध्यावै सो बहु सुख पावै, विमुख रहे हो दुख उठावै।

महालक्ष्मी जन सुख दाई, ध्याऊं तुमको शीश नवाई।
निजजन जानिमोहिं अपनाओ, सुखसम्पति दे दुख नसाओ।

ॐ श्री श्री जयसुखकी खानी, रिद्धिसिद्ध देउ मात जनजानी।
ॐ ह्रीं ॐ ह्रीं सब ब्याधिहटाओ, जनउन बिमल दृष्टिदर्शाओ।

ॐक्लीं-ॐ क्लीं शत्रुन क्षयकीजै, जनहित मात अभय वरदीजै।
ॐ जयजयति जयजननी, सकल काज भक्तन के सरनी।

ॐ नमो नमो भवनिधि तारनी, तरणि भंवर से पार उतारनी।
सुनहु मात यह विनय हमारी, पुरवहु आशन करहु अबारी।

ऋणी दुखी जो तुमको ध्यावै, सो प्राणी सुख सम्पत्ति पावै।
रोग ग्रसित जो ध्यावै कोई, ताकी निर्मल काया होई।

विष्णु प्रिया जय-जय महारानी, महिमा अमित न जाय बखानी।
पुत्रहीन जो ध्यान लगावै, पाये सुत अतिहि हुलसावै।

त्राहि त्राहि शरणागत तेरी, करहु मात अब नेक न देरी।
आवहु मात विलम्ब न कीजै, हृदय निवास भक्त बर दीजै।

जानूँ जप तप का नहिं भेवा, पार करौ भवनिध बन खेवा।
बिनवों बार-बार कर जोरी, पूरण आशा करहु अब मेरी।

जानि दास मम संकट टारौ, सकल व्याधि से मोहिं उबारौ।
जो तव सुरति रहे लव लाई, सो जग पावै सुयश बड़ाई।

छायो यश तेरा संसारा, पावत शेष शम्भु नहिं पारा ।
गोविंद निशदिन शरण तिहारी, करहु पूरण अभिलाष हमारी।

|| दोहा ||

महालक्ष्मी चालीसा पढ़े सुनै चित लाय।
ताहि पदारथ मिलै अब कहै वेद अस गाय।

Mahalaxmi Chalisa Videos



Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

आदित्य हृदय स्तोत्र Aditya Hridaya Stotra

आदित्य हृदय स्तोत्र Aditya Hridaya Stotra आदित्य हृदय स्तोत्र संस्कृत...

गणाध्यक्ष स्तोत्रं Ganaadhyaksha Stotram

ईक्ष्वाकुकृत गणाध्यक्ष स्तोत्रं - भरद्वाज उवाच  Ikshvakukrita Ganaadhyaksha Stotram   कथं...

शंकरादिकृतं गजाननस्तोत्रम् Shankaraadi Kritam Gajanan Stotram

शंकरादिकृतं गजाननस्तोत्रम् - देवा ऊचुः  Shankaraadi Kritam Gajanan Stotram   गजाननाय...

गजानन स्तोत्र देवर्षय ऊचुः Gajanan Stotra

गजानन स्तोत्र - देवर्षय ऊचुः Gajanan Stotra गजानन स्तोत्र: देवर्षय...
error: Content is protected !!