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शुक्रवार, अगस्त 15, 2025

आरती माँ महाकाली

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आरती माँ महाकाली Aarti Shri Mahakali ji 

‘मंगल’ की सेवा, सुन मेरी देवा, हाथ जोड़, तेरे द्वार खड़े।
पान सुपारी, ध्वजा, नारियल, ले ज्वाला तेरी भेंट धरे।
सुन जगदम्बे, कर न विलम्बे, संतन के भण्डार भरे।
संतन-प्रतिपाली, सदा खुशहाली, मैया जै काली कल्याण करे ॥
बुद्धि विधाता, तू जग माता, मेरा कारज सिद्ध करे।
चरण कमल का लिया आसरा, शरण तुम्हारी आन परे।
जब-जब भीर पड़ी भक्तन पर, तब-तब आय सहाय करे ॥
बार-बार तें सब जग मोहयो, तरुणी रूप अनूप धरे।
माता होकर पुत्र खिलावे, कहीं भार्या भोग करे।
सन्तन सुखदाई सदा सहाई, सन्त खड़े जयकार करे ॥
ब्रह्मा विष्णु महेश सहसफण लिए, भेंट देन तेरे द्वार खड़े।
अटल सिंहासन बैठी मेरी माता, सिर सोने का छत्र फिरे।
वार शनिश्चर कुंकुम बरणो, जब लूँकड़ पर हुकुम करे ॥
खड्ग खप्पर त्रिशूल हाथ लिए, रक्त बीज को भस्म करे।
शुंभ निशुंभ को क्षण में मारे, महिषासुर को पकड़ दले।
‘आदित’ वारी आदि भवानी, जन अपने का कष्ट कुपित होय के दानव मारे।
चण्ड मुण्ड सब चूर जब तुम देखी दया रूप हो, पल में संकट दूर हरे ॥ करे। करे।
सौम्य स्वभाव धरयो मेरी माता जन की अर्ज कबूल करे ॥
सात बार की महिमा बरनी, सब गुण कौन बखान करे।
सिंह पीठ पर चढ़ी भवानी, अटल भवन में राज करे।
दर्शन पावें मंगल गावें, सिद्ध साधक तेरी भेंट धरे ॥
ब्रह्मा वेद पढ़े तेरे द्वारे, शिव शंकर ध्यान धरे।
इन्द्र कृष्ण तेरी करे आरती, चंवर कुबेर डुलाय रहे।
जय जननी जय मातु भवानी, अचल भवन में राज करे ॥
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली, मैया जय काली कल्याण करे ॥


माँ महाकाली की आरती हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जो विशेष रूप से माँ काली को समर्पित होती है। माँ काली को शक्ति, विनाश और पुनर्जन्म की देवी माना जाता है। आरती के माध्यम से भक्त अपनी श्रद्धा और भक्ति प्रकट करते हैं और माँ काली से आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं। माँ महाकाली की आरती का आयोजन विशेष रूप से नवरात्रि, काली पूजा, दीवाली, और अमावस्या के दिनों में किया जाता है, लेकिन भक्त इसे नियमित पूजा के दौरान भी कर सकते हैं।

माँ काली की आरती का महत्व

  1. भय से मुक्ति: माँ काली को तामसिक शक्तियों का संहार करने वाली देवी माना जाता है। उनकी आरती करने से भक्तों के मन से भय दूर होता है और वे आत्मबल प्राप्त करते हैं।
  2. नकारात्मकता का नाश: माँ काली को विनाशकारी शक्ति के रूप में जाना जाता है, जो नकारात्मक ऊर्जा, बुराई और संकटों का नाश करती हैं। आरती करने से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं और घर में शांति और समृद्धि आती है।
  3. भक्तों की रक्षा: माँ काली अपनी आराधना करने वाले भक्तों की रक्षा करती हैं और उन्हें जीवन की कठिनाइयों से मुक्त करती हैं। आरती के दौरान माँ काली से सुरक्षा की प्रार्थना की जाती है।
  4. शक्ति और साहस: माँ काली की आराधना से भक्तों को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। वे साहस के साथ जीवन के संघर्षों का सामना करने में सक्षम होते हैं।

माँ काली की आरती करना न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक अनुभव भी है, जो भक्तों को माँ काली के दिव्य रूप का अनुभव करने और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।

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