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रविवार, फ़रवरी 23, 2025

खाटू श्याम की आरती

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खाटू श्याम जी की आरती(Khatu Shyam Aarti) हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण और श्रद्धा से की जाने वाली आरती है। खाटू श्याम को भगवान श्रीकृष्ण का अवतार माना जाता है, और उनकी पूजा विशेष रूप से राजस्थान के खाटू नगरी में की जाती है। कहा जाता है कि खाटू श्याम जी को ‘बर्बरीक’ नाम से भी जाना जाता था, जो महाभारत के वीर योद्धा थे।

खाटू श्याम जी की आरती को करने से भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। यह आरती विशेष अवसरों, जैसे श्याम बाबा के मेलों, पूजा-अर्चना या रोज़ाना की भक्ति में गाई जाती है।

खाटू श्याम जी की आरती के बोल:

ॐ जय श्रीश्याम हरे, प्रभु जय श्रीश्याम हरे।
निज भक्तन के तुमने पूरण काम करे ॥

हरि ॐ जय श्रीश्याम हरे, गल पुष्पों की माला, सिर पर मुकट धरे।
हरि ॐ जय श्रीश्याम हरे, हरि ॐ जय श्रीश्याम हरे, पीत बसन पीताम्बर, कुण्डल कर्ण पड़े ॥

रत्नसिंहासन राजत, सेवक भक्त खड़े।
खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जरे ।।

मोदक खीर चूरमा, सुवर्ण थाल भरे।
हरि ॐ जय श्रीश्याम हरे, झांझ, सेवक भोग लगावत, सिर पर चंवर दुरे ।।

नागारा और घड़ियावल, शंख मृदंग घुरे ।
भक्त आरती गावें, जय जयकार करे ॥

हरि ॐ जय श्रीश्याम हरे, जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे । उचरे ।।
सेवक जब निज मुख से, श्रीश्याम श्याम हरि ॐ जय श्रीश्याम हरे,

श्रीश्याम बिहारीजी की आरती, जो कोई नर गावे।
गावत दासमनोहर, मन वान्छित फल पावे ॥


खाटू श्याम जी की आरती करने का महत्व:

  1. शांति और समृद्धि: खाटू श्याम की आरती करने से मन की शांति और घर में समृद्धि आती है। यह माना जाता है कि बाबा श्याम सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं और जीवन के संकटों को दूर करते हैं।
  2. भक्ति और श्रद्धा: बाबा की आरती में श्रद्धा भाव से सम्मिलित होने से भक्तों का ईश्वर के प्रति प्रेम और अधिक गहरा हो जाता है। यह ईश्वर की निकटता का अनुभव कराती है।
  3. सकारात्मक ऊर्जा: आरती करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जिससे मानसिक और शारीरिक थकावट दूर होती है। बाबा की कृपा से जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह आता है।

खाटू श्याम जी की आरती की विधि:

  1. साफ-सफाई और पवित्रता: आरती से पहले मंदिर या पूजा स्थान को साफ और पवित्र करना आवश्यक है। धूप, दीप और फूलों से बाबा को सजाएं।
  2. घी का दीपक जलाएं: आरती के समय घी के दीपक को जलाकर बाबा श्याम के सामने रखें। दीपक की लौ को अपने मन की भावना के साथ भगवान को अर्पित करें।
  3. भक्ति भाव से गाएं: आरती गाते समय पूरे भक्तिभाव के साथ श्याम बाबा के नाम का स्मरण करें। इस दौरान किसी भी तरह का भटकाव मन में न लाएं और पूरे ध्यान से बाबा की आरती करें।
  4. प्रसाद अर्पण करें: आरती के बाद खाटू श्याम जी को भोग अर्पित करें, जिसे बाद में प्रसाद के रूप में भक्तों में बांटा जाता है।

खाटू श्याम मंदिर:

राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां हर साल लाखों भक्त बाबा के दर्शन के लिए आते हैं। विशेष रूप से फाल्गुन महीने में यहां भव्य मेला लगता है, जिसे ‘फाल्गुन मेला’ कहा जाता है। भक्त यहां आकर बाबा श्याम से अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं और बाबा की कृपा से उन्हें पूर्ण भी करते हैं।

खाटू श्याम की आरती भक्तों को उनके साथ आध्यात्मिक रूप से जुड़ने का एक सशक्त साधन प्रदान करती है। बाबा के भक्त उनके नाम का स्मरण करके जीवन में शांति, समृद्धि और भक्ति का अनुभव करते हैं।

 

 

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