22.3 C
Gujarat
रविवार, फ़रवरी 23, 2025

श्री काली चालीसा Shri Kali Chalisa

Post Date:

श्री काली चालीसा Shri Kali Chalisa Lyrics



श्री काली चालीसा देवी काली की स्तुति के लिए लिखा गया एक लोकप्रिय भक्ति पाठ है। इसमें 40 चौपाइयां होती हैं, इसलिए इसे चालीसा कहा जाता है। हिंदू धर्म में देवी काली को शक्ति, क्रोध, और समय की देवी माना जाता है। वे बुराई का नाश करने वाली और अपने भक्तों की रक्षा करने वाली हैं। काली चालीसा का पाठ करने से भय, शत्रु, और मानसिक अशांति से मुक्ति मिलती है। साथ ही, यह पाठ साधकों को आंतरिक शक्ति, साहस, और आत्मविश्वास प्रदान करता है।

काली चालीसा का महत्व: Importance of Kali Chalisa

  1. संकटों से मुक्ति: काली चालीसा का नियमित पाठ व्यक्ति को जीवन के संकटों से छुटकारा दिलाता है।
  2. शत्रुओं का नाश: इस चालीसा के पाठ से शत्रुओं और बुरी शक्तियों का नाश होता है।
  3. मन की शांति: जिन लोगों को मानसिक अशांति या भय होता है, उन्हें काली चालीसा से शांति और साहस मिलता है।
  4. आध्यात्मिक विकास: यह साधक को आध्यात्मिक रूप से मजबूत करता है और जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।
  5. सुरक्षा और शक्ति: देवी काली अपने भक्तों को सभी प्रकार की बुरी शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करती हैं और उन्हें मानसिक एवं शारीरिक शक्ति देती हैं।

काली चालीसा का पाठ विधि:

  1. किसी शांत और स्वच्छ स्थान पर बैठें।
  2. देवी काली की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीप जलाएं।
  3. अपनी मनोकामना को ध्यान में रखते हुए चालीसा का श्रद्धा पूर्वक पाठ करें।
  4. यह पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन मंगलवार और शनिवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
  5. यदि संभव हो, तो काले वस्त्र पहनकर और काले आसन पर बैठकर पाठ करें।

काली चालीसा का आरंभ:

काली चालीसा भगवान काली की स्तुति से शुरू होती है और साधक देवी से कृपा, सुरक्षा, और शांति की कामना करता है। यह 40 चौपाइयों में विभाजित होती है, जिसमें देवी के विभिन्न रूपों और गुणों का वर्णन किया जाता है। देवी काली का रूप क्रोधमय और अत्यंत शक्तिशाली है, लेकिन भक्तों के लिए वे अत्यंत करूणामयी और स्नेहिल होती हैं।

काली चालीसा का पाठ करने के लाभ: Benefits of reciting Kali Chalisa

  1. धार्मिक आस्था में वृद्धि: देवी काली की कृपा से भक्तों की धार्मिक आस्था और विश्वास मजबूत होता है।
  2. सकारात्मक ऊर्जा का संचार: पाठ से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और व्यक्ति के चारों ओर नकारात्मकता दूर होती है।
  3. साहस और आत्मबल: देवी काली की स्तुति से व्यक्ति के भीतर साहस और आत्मबल का विकास होता है, जो कठिन परिस्थितियों से लड़ने में मदद करता है।
  4. विघ्न-बाधाओं से मुक्ति: यह पाठ जीवन के सभी प्रकार के विघ्न-बाधाओं को दूर करने वाला है।
  5. अज्ञात भय से मुक्ति: काली चालीसा का पाठ व्यक्ति को सभी प्रकार के अज्ञात भय से मुक्ति दिलाता है।

काली चालीसा का पाठ कब करें?

काली चालीसा का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन शनिवार और अमावस्या के दिन विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं। इस दिन देवी काली की पूजा करने से साधक को देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

श्री काली चालीसा Shri Kali Chalisa

|| दोहा ||

जय काली जगदम्ब जय, हरनि ओघ अघ पुंज।
वास करहु निज दास के, निशदिन हृदय-निकुंज ॥
जयति कपाली कालिका, कंकाली सुख दानि ।
कृपा करहु वरदायिनी, निज सेवक अनुमानि ॥

॥ चौपाई ॥

जय, जय, जय काली कंकाली, जय कपालिनी, जयति कराली।
शंकर प्रिया, अपर्णा, अम्बा, जय कपर्दिनी, जय जगदम्बा।

आर्या, हला, अम्बिका, माया, कात्यायनी उमा जगजाया।
गिरिजा गौरी दुर्गा चण्डी, दाक्षाणायिनी शाम्भवी प्रचंडी।

पार्वती मंगला भवानी, विश्वकारिणी सती मृडानी।
सर्वमंगला शैल नन्दिनी, हेमवती तुम जगत वन्दिनी ।

ब्रह्मचारिणी कालरात्रि जय, महारात्रि जय मोहरात्रि जय।
तुम त्रिमूर्ति रोहिणी कालिका, कूष्माण्डा कार्तिकी चण्डिका।

तारा भुवनेश्वरी अनन्या, तुम्हीं छिन्नमस्ता शुचिधन्या ।
धूमावती षोडशी माता, बगला मातंगी विख्याता।

तुम भैरवी मातु तुम कमला, रक्तदन्तिका कीरति अमला।
शाकम्भरी कौशिकी भीमा, महातमा अग जग की सीमा।

चन्द्रघण्टिका तुम सावित्री, ब्रह्मवादिनी मां गायत्री।
रूद्राणी तुम कृष्ण पिंगला, अग्निज्वाल तुम सर्वमंगला।

मेघस्वना तपस्विनि योगिनी, सहस्त्राक्षि तुम अगजग भोगिनी।
जलोदरी सरस्वती डाकिनी, त्रिदशेश्वरी अजेय लाकिनी।

पुष्टि तुष्टि धृति स्मृति शिव दूती, कामाक्षी लज्जा आहूती।
महोदरी कामाक्षि हारिणी, विनायकी श्रुति महा शाकिनी।

अजा कर्ममोही ब्रह्माणी, धात्री वाराही शर्वाणी।
स्कन्द मातु तुम सिंह वाहिनी, मातु सुभद्रा रहहु दाहिनी।

नाम रूप गुण अमित तुम्हारे, शेष शारदा बरणत हारे।
तनु छवि श्यामवर्ण तव माता, नाम कालिका जग विख्याता।

अष्टादश तब भुजा मनोहर, तिनमहँ अस्त्र विराजत सुन्दर।
शंख चक्र अरू गदा सुहावन, परिघ भुशण्डी घण्टा पावन।

शूल बज्र धनुबाण उठाये, निशिचर कुल सब मारि गिराये।
शुंभ निशुंभ दैत्य संहारे, रक्तबीज के प्राण निकारे।

चौंसठ योगिनी नाचत संगा, मद्यपान कीन्हैउ रण गंगा।
कटि किंकिणी मधुर नूपुर धुनि, दैत्यवंश कांपत जेहि सुनि-सुनि।

कर खप्पर त्रिशूल भयकारी, अहै सदा सन्तन सुखकारी।
शव आरूढ़ नृत्य तुम साजा, बजत मृदंग भेरी के बाजा।

रक्त पान अरिदल को कीन्हा, प्राण तजेउ जो तुम्हिं न चीन्हा।
लपलपाति जिव्हा तव माता, भक्तन सुख दुष्टन दुःख दाता।

लसत भाल सेंदुर को टीको, बिखरे केश रूप अति नीको।
मुंडमाल गल अतिशय सोहत, भुजामाल किंकण मनमोहत।

प्रलय नृत्य तुम करहु भवानी, जगदम्बा कहि वेद बखानी।
तुम मशान वासिनी कराला, भजत तुरत काटहु भवजाला।

बावन शक्ति पीठ तव सुन्दर, जहाँ बिराजत विविध रूप धर।
विन्धवासिनी कहूँ बड़ाई, कहँ कालिका रूप सुहाई।

शाकम्भरी बनी कहँ ज्वाला, महिषासुर मर्दिनी कराला।
कामाख्या तव नाम मनोहर, पुजवहिं मनोकामना द्रुततर।

चंड मुंड वध छिन महं करेउ, देवन के उर आनन्द भरेउ।
सर्व व्यापिनी तुम माँ तारा, अरिदल दलन लेहु अवतारा।

खलबल मचत सुनत हुँकारी, अगजग व्यापक देह तुम्हारी।
तुम विराट रूपा गुणखानी, विश्व स्वरूपा तुम महारानी।

उत्पत्ति स्थिति लय तुम्हरे कारण, करहु दास के दोष निवारण।
माँ उर वास करहू तुम अंबा, सदा दीन जन की अवलंबा।

तुम्हारो ध्यान धेरै जो कोई, ता कहँ भीति कतहुँ नहिं होई।
विश्वरूप तुम आदि भवानी, महिमा वेद पुराण बखानी।

अति अपार तव नाम प्रभावा, जपत न रहन रंच दुःख दावा।
महाकालिका जय कल्याणी, जयति सदा सेवक सुखदानी।

तुम अनन्त औदार्य विभूषण, कीजिये कृपा क्षमिये सब दूषण।
दास जानि निज दया दिखावहु, सुत अनुमानित सहित अपनावहु।

जननी तुम सेवक प्रति पाली, करहु कृपा सब विधि माँ काली।
पाठ करै चालीसा जोई, तापर कृपा तुम्हारी होइ ।

|| दोहा ||

जय तारा, जय दक्षिणा, कलावती सुखमूल।
शरणागत ‘भक्त’ है, रहहु सदा अनुकूल ॥

श्री काली चालीसा देवी काली की भक्ति का एक सशक्त माध्यम है। इसका पाठ साधक के जीवन से भय, संकट, और शत्रुओं का नाश करता है। यह देवी की कृपा प्राप्त करने का एक सरल और प्रभावी उपाय है। जिन लोगों को अपने जीवन में साहस, आत्मविश्वास और शक्ति की आवश्यकता होती है, उनके लिए काली चालीसा अत्यंत लाभकारी सिद्ध होती है।

श्री काली चालीसा पर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs of Shri Kali Chalisa

  1. श्री काली चालीसा क्या है?

    श्री काली चालीसा देवी काली की स्तुति में लिखा गया एक धार्मिक स्तोत्र है, जिसमें 40 छंद होते हैं। इसे पढ़ने से भक्त देवी काली की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में शांति, शक्ति और सुरक्षा का अनुभव कर सकते हैं।

  2. श्री काली चालीसा का पाठ कब और कैसे करना चाहिए?

    श्री काली चालीसा का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन इसे विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार के दिन करना शुभ माना जाता है। इसे एकांत और शांत जगह पर, साफ मन और शुद्ध शरीर के साथ पाठ करना चाहिए। प्रातःकाल या संध्याकाल इसका आदर्श समय माना जाता है।

  3. श्री काली चालीसा पढ़ने के क्या लाभ हैं?

    श्री काली चालीसा का नियमित पाठ करने से मानसिक शांति, साहस, और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा प्राप्त होती है। यह भक्तों को जीवन की कठिनाइयों से उबरने में मदद करता है और दुश्मनों से रक्षा करता है। इसके अतिरिक्त, यह पाठ भक्तों को आत्मविश्वास और आंतरिक शक्ति प्रदान करता है।

  4. क्या श्री काली चालीसा को किसी विशेष उद्देश्य के लिए पढ़ा जाता है?

    हां, श्री काली चालीसा को नकारात्मक ऊर्जा, भय, और जीवन की बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए पढ़ा जाता है। इसे विशेष रूप से कठिन समय में मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करने के लिए किया जाता है। कई लोग इसे बुरी शक्तियों से बचाव और शत्रुओं से रक्षा के लिए भी पढ़ते हैं।

  5. क्या श्री काली चालीसा का पाठ केवल काली भक्त ही कर सकते हैं?

    नहीं, श्री काली चालीसा का पाठ कोई भी व्यक्ति कर सकता है, जो देवी काली की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करना चाहता है। हालांकि, यदि पाठ सच्ची श्रद्धा और समर्पण के साथ किया जाए, तो इसका प्रभाव और भी अधिक होता है। देवी काली अपने सभी भक्तों को प्रेम और सुरक्षा प्रदान करती हैं, चाहे वह किसी भी पंथ या धर्म के हों।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

Lakshmi Shataka Stotram

Lakshmi Shataka Stotramआनन्दं दिशतु श्रीहस्तिगिरौ स्वस्तिदा सदा मह्यम् ।या...

आज सोमवार है ये शिव का दरबार है

आज सोमवार है ये शिव का दरबार है -...

वाराही कवचम्

Varahi Kavachamवाराही देवी(Varahi kavacham) दस महाविद्याओं में से एक...

श्री हनुमत्कवचम्

Sri Hanumatkavachamश्री हनुमत्कवचम्(Sri Hanumatkavacham) एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है...