24.9 C
Gujarat
बुधवार, नवम्बर 5, 2025

हे स्वामी अनन्य अवलम्बन मेरे जीवन आधार He Svaamee Anany Avalamban Mere Jeevan Aadhaar

Post Date:

हे स्वामी अनन्य अवलम्बन मेरे जीवन आधार लीरिक्स

He Svaamee Anany Avalamban Mere Jeevan Aadhaar Lyrics

हे स्वामी ! अनन्य अवलम्बन, मेरे जीवन-आधार ।

तेरी दया अहैतुक पर निर्भर कर आन पड़ा हूँ द्वार ।। १ ।।

जाऊँ कहाँ, जगतमें तेरे सिवा न शरणद है कोई।

भटका, परख चुका सबको, कुछ मिला न, अपनी पत खोई ॥ २ ॥

रखना दूर, किसीने मुझसे अपनी नजर नहीं जोड़ी।

अति हित किया सत्य समझाया, सत्र मिथ्या प्रतीति तोड़ी ॥ ३ ॥

हुआ निराश, उदास, गया विश्वास जगतके भोगोंका ।

जिनके लिये खो दिया जीवन, पता लगा उन लोगोंका ।॥ ४ ॥

अब तो नहीं दीखता मुझको तेरे सिवा सहारा और ।

जल-जहाजका कौआ जैसे पाता नहीं दूसरी ठौर ॥ ५ ॥

करुणाकर ! करुणा कर सत्वर अब तो दे मंदिर-पट खोल ।

बाँकी झाँकी नाथ ! दिखाकर तनिक सुना दे मीठे बोल ।। ६ ।।

गूँज उठे प्रत्येक रोममें परम मधुर वह दिव्य स्वर ।

इत्-तंत्री बज उठे साथ ही मिला उसीमें अपना सुर ॥ ७ ॥

तन पुलकित हो, सु-मन-जलजकी खिल जायें सारी कलियाँ ।

चरण मृदुल बन मधुप उसीमें करते रहें रंगरलियाँ ।। ८ ।।

हो जाऊँ उन्मत्त, भूल जाऊँ तन-मनकी सुधि सारी ।

देखूँ फिर कण-कणमें तेरी छबि नव-नीरद-घन प्यारी ॥ ९ ॥

हे स्वामिन् ! तेरा सेवक बन तेरे बल होऊँ बलवान ।

पाप-ताप छिप जायें हो भयभीत मुझे तेरा जन जान ॥१०॥

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

धन्वन्तरिस्तोत्रम् | Dhanvantari Stotram

धन्वन्तरिस्तोत्रम् | Dhanvantari Stotramॐ नमो भगवते धन्वन्तरये अमृतकलशहस्ताय,सर्वामयविनाशनाय, त्रैलोक्यनाथाय...

दृग तुम चपलता तजि देहु – Drg Tum Chapalata Taji Dehu

दृग तुम चपलता तजि देहु - राग हंसधुन -...

हे हरि ब्रजबासिन मुहिं कीजे – He Hari Brajabaasin Muhin Keeje

 हे हरि ब्रजबासिन मुहिं कीजे - राग सारंग -...

नाथ मुहं कीजै ब्रजकी मोर – Naath Muhan Keejai Brajakee Mor

नाथ मुहं कीजै ब्रजकी मोर - राग पूरिया कल्याण...
error: Content is protected !!