32.7 C
Gujarat
बुधवार, अगस्त 13, 2025

गोविन्दाष्टकम्

Post Date:

Govindashtakam In Hindi

गोविन्दाष्टकम्(Govindashtakam In Hindi) एक प्रसिद्ध संस्कृत स्तोत्र है, जिसे भगवान श्रीकृष्ण के गोविन्द रूप की स्तुति के रूप में गाया जाता है। यह स्तोत्र भगवान के विभिन्न दिव्य गुणों, लीलाओं और उनकी महिमा का गुणगान करता है। इसे आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा रचित माना जाता है।

गोविन्दाष्टकम् का अर्थ और महत्व

गोविन्दाष्टकम् का अर्थ “आठ श्लोकों में भगवान गोविन्द (श्रीकृष्ण) की स्तुति” है। इसमें श्रीकृष्ण की माधुर्य, लीलाएं, भक्ति, और उनकी कृपा का वर्णन किया गया है। यह स्तोत्र भक्तों में भक्ति, श्रद्धा और आध्यात्मिक शांति लाने के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।

इस स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में शांति, भक्ति, सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। यह मोह-माया से मुक्ति का मार्ग भी दिखाता है और जन्म-मरण के चक्र से मोक्ष दिलाने में सहायक माना जाता है।

गोविन्दाष्टकम् का पाठ करने के लाभ

  1. आध्यात्मिक उन्नति – गोविन्दाष्टकम् के नियमित पाठ से मन में शुद्धि आती है और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  2. मोक्ष की प्राप्ति – यह स्तोत्र जन्म-मरण के चक्र से मुक्त होने में सहायक होता है।
  3. सकारात्मक ऊर्जा – इसका पाठ करने से घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  4. मन की शांति – यह मानसिक शांति प्रदान करता है और तनाव को दूर करता है।
  5. भक्ति एवं श्रद्धा की वृद्धि – भगवान गोविन्द की भक्ति को दृढ़ करता है और भक्त के मन में ईश्वर के प्रति समर्पण भाव को बढ़ाता है।

गोविन्दाष्टकम् का पाठ करने की विधि

  • इस स्तोत्र का पाठ प्रातःकाल या संध्या के समय करना शुभ माना जाता है।
  • पाठ के दौरान भगवान गोविन्द का ध्यान करना चाहिए।
  • इसे शुद्ध मन और शांत वातावरण में करना अधिक लाभकारी होता है।
  • पाठ के पश्चात भगवान श्रीकृष्ण की आरती और भोग अर्पित करने से विशेष फल प्राप्त होता है।

गोविन्दाष्टकम् Govindashtakam In Hindi

सत्यं ज्ञानमनन्तं नित्यमनाकाशं परमाकाशम् ।
गोष्ठप्राङ्गणरिङ्खणलोलमनायासं परमायासम् ।
मायाकल्पितनानाकारमनाकारं भुवनाकारम् ।
क्ष्मामानाथमनाथं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम् ॥ १ ॥

मृत्स्नामत्सीहेति यशोदाताडनशैशव सन्त्रासम् ।
व्यादितवक्त्रालोकितलोकालोकचतुर्दशलोकालिम् ।
लोकत्रयपुरमूलस्तम्भं लोकालोकमनालोकम् ।
लोकेशं परमेशं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम् ॥ २ ॥

त्रैविष्टपरिपुवीरघ्नं क्षितिभारघ्नं भवरोगघ्नम् ।
कैवल्यं नवनीताहारमनाहारं भुवनाहारम् ।
वैमल्यस्फुटचेतोवृत्तिविशेषाभासमनाभासम् ।
शैवं केवलशान्तं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम् ॥ ३ ॥

गोपालं प्रभुलीलाविग्रहगोपालं कुलगोपालम् ।
गोपीखेलनगोवर्धनधृतिलीलालालितगोपालम् ।
गोभिर्निगदित गोविन्दस्फुटनामानं बहुनामानम् ।
गोपीगोचरदूरं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम् ॥ ४ ॥

गोपीमण्डलगोष्ठीभेदं भेदावस्थमभेदाभम् ।
शश्वद्गोखुरनिर्धूतोद्गत धूलीधूसरसौभाग्यम् ।
श्रद्धाभक्तिगृहीतानन्दमचिन्त्यं चिन्तितसद्भावम् ।
चिन्तामणिमहिमानं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम् ॥ ५ ॥

स्नानव्याकुलयोषिद्वस्त्रमुपादायागमुपारूढम् ।
व्यादित्सन्तीरथ दिग्वस्त्रा दातुमुपाकर्षन्तं ताः
निर्धूतद्वयशोकविमोहं बुद्धं बुद्धेरन्तस्थम् ।
सत्तामात्रशरीरं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम् ॥ ६ ॥

कान्तं कारणकारणमादिमनादिं कालधनाभासम् ।
कालिन्दीगतकालियशिरसि सुनृत्यन्तं मुहुरत्यन्तम् ।
कालं कालकलातीतं कलिताशेषं कलिदोषघ्नम् ।
कालत्रयगतिहेतुं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम् ॥ ७ ॥

बृन्दावनभुवि बृन्दारकगणबृन्दाराधितवन्देहम् ।
कुन्दाभामलमन्दस्मेरसुधानन्दं सुहृदानन्दम् ।
वन्द्याशेष महामुनि मानस वन्द्यानन्दपदद्वन्द्वम् ।
वन्द्याशेषगुणाब्धिं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम् ॥ ८ ॥

गोविन्दाष्टकमेतदधीते गोविन्दार्पितचेता यः ।
गोविन्दाच्युत माधव विष्णो गोकुलनायक कृष्णेति ।
गोविन्दाङ्घ्रि सरोजध्यानसुधाजलधौतसमस्ताघः ।
गोविन्दं परमानन्दामृतमन्तस्थं स तमभ्येति ॥

इति श्री शङ्कराचार्य विरचित श्रीगोविन्दाष्टकं समाप्तं

यदि आप अपने जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा, मानसिक शांति और भक्ति को बढ़ाना चाहते हैं, तो नियमित रूप से गोविन्दाष्टकम् का पाठ करें। 🙏💙

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

सर्व शिरोमणि विश्व सभा के आत्मोपम विश्वंभर के – Sarv Shiromani Vishv Sabhaake

सर्व शिरोमणि विश्व सभा के आत्मोपम विश्वंभर केसर्व-शिरोमणि विश्व-सभाके,...

सौंप दिये मन प्राण उसी को मुखसे गाते उसका नाम – Saump Diye Man Praan Useeko

सौंप दिये मन प्राण उसी को मुखसे गाते उसका...

भीषण तम परिपूर्ण निशीथिनि – Bheeshan Tamapariporn Nishethini

भीषण तम परिपूर्ण निशीथिनिभीषण तमपरिपूर्ण निशीथिनि, निविड निरर्गल झंझावात...

अनोखा अभिनय यह संसार

Anokha Abhinay Yah Sansarअनोखा अभिनय यह संसार ! रंगमंचपर...
error: Content is protected !!