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शनिवार, दिसम्बर 21, 2024

चंद्र ग्रह स्तुति Chandra Graha Stuti

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चंद्र ग्रह स्तुति का महत्व भारतीय संस्कृति और धर्म में विशेष स्थान रखता है। चंद्रमा, जिसे हिंदी में चंद्र या सोम कहा जाता है, का उल्लेख वेदों, पुराणों और अन्य धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। चंद्रमा को शांति, प्रेम, भक्ति, और भावनाओं का प्रतीक माना जाता है। इसे मन की शांति और मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

चंद्र ग्रह की महिमा

चंद्रमा को नवग्रहों में एक विशेष स्थान प्राप्त है। यह चित्त को शीतलता प्रदान करता है और मन के विकारों को दूर करने में सहायक होता है। चंद्रमा की स्थिति हमारे जीवन में कई तरह के प्रभाव डालती है, जैसे कि मनोदशा, भावनाएं, और स्वास्थ्य। ज्योतिष में चंद्रमा का गहरा संबंध हमारे मानसिक स्वास्थ्य से है। यदि चंद्रमा कुंडली में शुभ स्थान पर हो, तो व्यक्ति शांत और सुसंस्कृत होता है।

चंद्र ग्रह स्तुति

चंद्र ग्रह स्तुति, जिसे चंद्र स्तुति या सोम स्तुति भी कहा जाता है, एक प्रार्थना है जो चंद्रमा की महिमा का गुणगान करती है। इसका पाठ करने से व्यक्ति को चंद्रमा से संबंधित सकारात्मक प्रभाव प्राप्त होते हैं। यह स्तुति विशेष रूप से उन लोगों द्वारा की जाती है, जिनकी चंद्रमा की स्थिति कमजोर होती है या जो चंद्रमा के अशुभ प्रभावों का सामना कर रहे हैं।

चंद्र ग्रह स्तुति का पाठ:

चंद्र ग्रह स्तुति का पाठ निम्नलिखित मंत्रों के द्वारा किया जाता है:

  1. ऊं सोम सोमाय नमः
    इस मंत्र का जाप करते समय चंद्रमा के सौम्य स्वरूप को ध्यान में रखना चाहिए।
  2. चंद्रं पूष्णं सोमं शंकरं चन्दनाध्यं चन्द्रमौलेन चन्द्रं त्वं भद्रं विद्याम देहि मे
    इस मंत्र के द्वारा व्यक्ति चंद्रमा से भलाई और ज्ञान की प्रार्थना करता है।
  3. शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
    यह मंत्र चंद्रमा को शांत और शुभ स्वरूप में देखने की प्रार्थना है।

चंद्र ग्रह की पूजा

चंद्रमा की पूजा विशेष रूप से पूर्णिमा के दिन की जाती है। इस दिन लोग चंद्रमा को देख कर पूजा करते हैं और उसके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं। चंद्रमा की पूजा करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखा जाता है:

  • स्नान: पूजा से पहले स्नान करना चाहिए।
  • उपवास: चंद्रमा की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए उपवास रखा जाता है।
  • दीप जलाना: चंद्रमा को दूध, चावल और जौ से बनी मिठाई का भोग अर्पित करना चाहिए।
  • मंत्र जप: पूजा के दौरान चंद्र ग्रह स्तुति का पाठ करें।

चंद्रमा का प्रभाव

ज्योतिष में चंद्रमा का विभिन्न राशियों पर गहरा प्रभाव होता है। इसका प्रभाव निम्नलिखित है:

  • कर्क राशि: चंद्रमा की स्थिति कर्क राशि में व्यक्ति को भावनात्मक रूप से संवेदनशील बनाती है।
  • मीन राशि: मीन राशि में चंद्रमा होने पर व्यक्ति में कल्पनाशीलता और संवेदनशीलता बढ़ती है।
  • तुला राशि: इस राशि में चंद्रमा होने से व्यक्ति में संतुलन और सहयोग की भावना विकसित होती है।

चंद्र ग्रह स्तुति Chandra Graha Stuti

चन्द्रः कर्कटकप्रभुः सितनिभश्चात्रेयगोत्रोद्भवो
ह्याग्नेयश्चतुरस्रवास्तु सुमुखश्चापोऽप्युमाधीश्वरः।

षट्सप्तानिदशैकशोभनफलः शौरिप्रियोऽर्को गुरुः
स्वामी यामुनदेशजो हिमकरः कुर्यात्सदा मङ्गलम्।


आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम् ।
पूजाविधिं न हि जानामि मां क्षमस्व निशाकर।


मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कलानिधे।
यत्पूजितं मया देव परिपूर्णं तदस्तु मे।


रोहणीश सुधामूर्ते सुधारूप सुधाशन।
सोम सौम्य भवाऽस्माकं सर्वारिष्टं निवारय।


चंद्र ग्रह स्तुति पर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs of Chandra Graha Stuti

चंद्र ग्रह स्तुति क्या है?

चंद्र ग्रह स्तुति एक भक्ति गीत है, जिसे भगवान चंद्रमा की आराधना करने के लिए गाया जाता है। यह स्तुति चंद्रमा के सकारात्मक प्रभावों को आकर्षित करने और उसके द्वारा दी जाने वाली ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए की जाती है। इसे नियमित रूप से पढ़ने या गाने से मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।

चंद्र ग्रह स्तुति का पाठ कब करना चाहिए?

चंद्र ग्रह स्तुति का पाठ मुख्य रूप से सोमवार के दिन करना लाभकारी माना जाता है। सोमवार को चंद्रमा का दिन माना जाता है, और इस दिन इसकी आराधना से विशेष फल प्राप्त होते हैं। इसके अलावा, पूर्णिमा या चंद्रमा के अन्य शुभ अवसरों पर भी इसका पाठ किया जा सकता है।

चंद्र ग्रह स्तुति का क्या महत्व है?

चंद्र ग्रह स्तुति का महत्व मानसिक और भावनात्मक संतुलन में है। चंद्रमा मन का कारक होता है, और इसकी आराधना से मन की शांति, संतुलन और सकारात्मकता में वृद्धि होती है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो मानसिक तनाव या चिंता से ग्रस्त होते हैं।

क्या चंद्र ग्रह स्तुति का पाठ करने से कोई विशेष लाभ होते हैं?

हाँ, चंद्र ग्रह स्तुति का नियमित पाठ करने से कई लाभ होते हैं। यह मानसिक तनाव को कम करने, आत्मविश्वास बढ़ाने, और संतान सुख को बढ़ावा देने में मदद करता है। इसके अलावा, यह जीवन में शुभता और समृद्धि लाने में भी सहायक होता है।

चंद्र ग्रह स्तुति को किस प्रकार किया जा सकता है?

चंद्र ग्रह स्तुति को एकाग्रता के साथ और भक्ति भाव से पढ़ना चाहिए। इसे किसी शांत स्थान पर बैठकर, उच्चारण करते हुए पढ़ें। यदि संभव हो तो, चंद्रमा की दृष्टि में या चांदनी रात में इसका पाठ करना अधिक प्रभावी होता है। साथ ही, आप अपने इष्ट देवता की तस्वीर के सामने दीपक जलाकर भी इसे कर सकते हैं।

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