Shasta Stuti In Hindi
शास्ता स्तुति एक प्रसिद्ध संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शास्ता (भगवान अय्यप्पा) की स्तुति के लिए रचा गया है। यह स्तोत्र भक्तों द्वारा विशेष रूप से दक्षिण भारत में श्रद्धा के साथ गाया जाता है। इसमें भगवान शास्ता की महिमा, शक्ति, करुणा और भक्तों को दिए गए आशीर्वाद का वर्णन किया गया है।
भगवान शास्ता कौन हैं?
भगवान शास्ता, जिन्हें भगवान अय्यप्पा के रूप में भी जाना जाता है, एक दिव्य देवता हैं जिनकी पूजा मुख्य रूप से केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में की जाती है। वे हरिहरपुत्र कहलाते हैं क्योंकि वे भगवान शिव और भगवान विष्णु (मोहिनी रूप में) के पुत्र माने जाते हैं। भगवान शास्ता धर्म, न्याय और सच्चाई के प्रतीक हैं।
शास्ता स्तुति का महत्त्व
शास्ता स्तुति का पाठ भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है और उनकी मनोकामनाएँ पूर्ण करने में सहायक माना जाता है। इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ पढ़ने से जीवन में शांति, सुख, समृद्धि और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
शास्ता स्तुति का पाठ करने के लाभ
- मन की शांति – इस स्तुति का नियमित पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है।
- सभी बाधाओं से मुक्ति – जीवन की कठिनाइयों और बाधाओं से राहत मिलती है।
- सकारात्मक ऊर्जा – इस स्तुति का जाप करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- भय का नाश – नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है और भय का नाश होता है।
- सौभाग्य और समृद्धि – भगवान शास्ता की कृपा से जीवन में सौभाग्य और समृद्धि आती है।
शास्ता स्तुति का पाठ करने की विधि
- इस स्तुति का पाठ सुबह और शाम स्नान करके करना चाहिए।
- दीप जलाकर भगवान शास्ता की प्रतिमा या चित्र के सामने बैठकर श्रद्धा से पाठ करें।
- प्रत्येक श्लोक को सही उच्चारण के साथ पढ़ें और ध्यान करें।
- मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से इस स्तुति का जाप करने से शीघ्र फल प्राप्त होता है।
शास्ता स्तुति Shasta Stuti In Hindi
विनतभक्तसदार्तिहरं परं
हरसुतं सततप्रियसुव्रतम्।
कनकनौलिधरं मणिशोभितं
परमशास्तृपदं प्रणमाम्यहम्।
सुकृतसिद्धकृताभिधविग्रहं
मुदितपूर्णसुधांशुशुभाननम्।
अमरमाश्रयदं सकलोन्नतं
परमशास्तृपदं प्रणमाम्यहम्।
कुसुमकाननराजितमव्ययं
विधिहरीन्द्रसुरादिभिरर्चितम्।
पतितपावनमम्बुजलोचनं
परमशास्तृपदं प्रणमाम्यहम्।
विरतलोकफलं वनवासिनं
स्मितमुखं सुरसेव्यपदाम्बुजम्।
सुजनधीजयदं परमक्षरं
परमशास्तृपदं प्रणमाम्यहम्।
शरशरासनधारिणमुत्तमं
जनिमृतिस्थितिकालविमोचनम्।
परमनिर्भरमेध्यसुमानसं
परमशास्तृपदं प्रणमाम्यहम्।
सुकविभिर्मुनिभिश्च महीकृतं
गिरिशनन्दनमेकमनामयम्।
अतुलयौवनभावसुसंयुतं
परमशास्तृपदं प्रणमाम्यहम्।
Shasta Stuti In English
Vinatabhaktasadaartiharam Param
Harasutam Satatapriyasuvratam.
Kanakanaulidharam Manishobhitam
Paramashaastri’padam Pranamaamyaham.
Sukri’tasiddhakri’taabhidhavigraham
Muditapoorna- Sudhaamshushubhaananam.
Amaramaashrayadam Sakalonnatam
Paramashaastri’padam Pranamaamyaham.
Kusumakaananaraajitamavyayam
Vidhihareendrasuraadibhirarchitam.
Patitapaavanamambujalochanam
Paramashaastri’padam Pranamaamyaham.
Viratalokaphalam Vanavaasinam
Smitamukham Surasevyapadaambujam.
Sujanadheejayadam Paramaksharam
Paramashaastri’padam Pranamaamyaham.
Sharasharaasanadhaarinamuttamam
Janimri’tisthitikaalavimochanam.
Paramanirbharamedhyasumaanasam
Paramashaastri’padam Pranamaamyaham.
Sukavibhirmunibhishcha Maheekri’tam
Girishanandanamekamanaamayam.
Atulayauvanabhaavasusamyutam
Paramashaastri’padam Pranamaamyaham.