Durga Ashtakam In Hindi
दुर्गाष्टकम्(Durga Ashtakam) देवी दुर्गा की स्तुति में रचित एक प्रसिद्ध स्तोत्र है। इसे आदि शंकराचार्य द्वारा रचित माना जाता है। दुर्गाष्टकम् में देवी दुर्गा की महिमा, उनके रूप, शक्ति और कृपा का वर्णन किया गया है। इस स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को भय, रोग, कष्ट और संकटों से मुक्ति मिलती है।
दुर्गाष्टकम् का महत्त्व
दुर्गाष्टकम् का पाठ भक्तों को देवी दुर्गा के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने और उनसे कृपा प्राप्त करने का माध्यम है। माना जाता है कि इसका नियमित पाठ करने से मनुष्य के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। यह स्तोत्र विशेष रूप से नवरात्रि और अन्य पर्वों पर पढ़ा जाता है।
दुर्गाष्टकम् का पाठ और फल
दुर्गाष्टकम् का पाठ श्रद्धा और भक्ति भाव से किया जाना चाहिए। इसे प्रातःकाल में, स्वच्छ स्थान पर बैठकर या मंदिर में देवी दुर्गा के समक्ष किया जाता है। इसका पाठ करने से मन शांत होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
दुर्गाष्टकम् का पाठ करने के लाभ
- भय से मुक्ति मिलती है।
- शत्रुओं का नाश होता है।
- रोग और संकट दूर होते हैं।
- मन और आत्मा को शांति मिलती है।
- भौतिक और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
श्री दुर्गाष्टकम्
वन्दे निर्बाधकरुणामरुणां शरणावनीम्।
कामपूर्णजकाराद्यश्रीपीठान्तर्निवासिनीम्।
प्रसिद्धां परमेशानीं नानातनुषु जाग्रतीम्।
अद्वयानन्दसन्दोहमालिनीं श्रेयसे श्रये।
जाग्रत्स्वप्नसुषुप्त्यादौ प्रतिव्यक्ति विलक्षणाम्।
सेवे सैरिभसम्मर्दरक्षणेषु कृतक्षणाम्।
तत्तत्कालसमुद्भूतरामकृष्णादिसेविताम्।
एकधा दशधा क्वापि बहुधा शक्तिमाश्रये।
स्तवीमि परमेशानीं महेश्वरकुटुम्बिनीम्।
सुदक्षिणामन्नपूर्णां लम्बोदरपयस्विनीम्।
मेधासाम्राज्यदीक्षादिवीक्षारोहस्वरूपिकाम्।
तामालम्बे शिवालम्बां प्रसादरूपिकाम्।
अवामा वामभागेषु दक्षिणेष्वपि दक्षिणा।
अद्वयापि द्वयाकारा हृदयाम्भोजगावतात्।
मन्त्रभावनया दीप्तामवर्णां वर्णरूपिणीम्।
परां कन्दलिकां ध्यायन् प्रसादमधिगच्छति।
दुर्गाष्टकम् पर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
दुर्गाष्टकम् क्या है?
उत्तर: दुर्गाष्टकम् एक प्रसिद्ध भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो देवी दुर्गा की आठ श्लोकों में स्तुति करता है। इसे भगवान राम के भक्त ‘तुलसीदास’ जी द्वारा लिखा गया है और इसे दुर्गा पूजा और नवरात्रि में विशेष रूप से पढ़ा जाता है।
दुर्गाष्टकम् का महत्व क्या है?
उत्तर: दुर्गाष्टकम् का अपार महत्व है क्योंकि यह देवी दुर्गा की शक्ति और महिमा का बखान करता है। इसे पढ़ने से श्रद्धालु को मानसिक शांति, शक्ति, और भक्ति की अनुभूति होती है। इसे संकट के समय में संकटमोचन के रूप में भी माना जाता है।
क्या दुर्गाष्टकम् का पाठ करने के विशेष नियम हैं?
उत्तर: हाँ, दुर्गाष्टकम् का पाठ करते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए, जैसे कि स्वच्छता का ध्यान रखना, एकाग्रता से ध्यान लगाना और श्रद्धा के साथ पाठ करना। इसे नवरात्रि और अन्य शुभ अवसरों पर पढ़ने की विशेष अनुष्ठानिक विधियाँ भी होती हैं।
दुर्गाष्टकम् का पाठ किस समय करना चाहिए?
उत्तर: दुर्गाष्टकम् का पाठ सुबह के समय या सूर्यास्त के समय करना शुभ माना जाता है। विशेषकर नवरात्रि में इसकी नियमित पाठ और आराधना करने की परंपरा है।