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गुरूवार, अगस्त 21, 2025

Kamala Stotram

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Kamala Stotram

कमला स्तोत्रम् (Kamala Stotram) एक अत्यंत प्रभावशाली और भक्तिपूर्ण स्तोत्र है, जो देवी लक्ष्मी के “कमला” स्वरूप की स्तुति करता है। कमला, देवी लक्ष्मी का वह रूप है जो विशेष रूप से सौंदर्य, धन, ऐश्वर्य, शुभता और सद्गुणों की अधिष्ठात्री हैं। यह स्तोत्र वैदिक और तांत्रिक दोनों दृष्टिकोणों से अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है।

‘कमला’ शब्द संस्कृत में कमल पुष्प से जुड़ा हुआ है और लक्ष्मी जी को यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि वे कमल के समान सुंदर, कोमल, पवित्र और शीतल प्रभाव वाली हैं। वे कमल पर विराजमान रहती हैं, और उन्हें कमलनयनी, कमलासन, पद्मा जैसे अनेक नामों से भी जाना जाता है।

कमला स्तोत्रम् का पाठ देवी के इन विशेष गुणों का स्मरण कर उन्हें प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इसका श्रवण, पाठ और चिंतन व्यक्ति के जीवन में धन, वैभव, संतुलन, आध्यात्मिक उन्नति और कर्मफल की प्राप्ति में सहायक होता है।

कमला स्तोत्रम् की रचना आदि शंकराचार्य द्वारा मानी जाती है, जो देवी उपासना के महान संत और अद्वैत वेदांत के प्रवर्तक थे। यह स्तोत्र संस्कृत भाषा में रचा गया है और देवी लक्ष्मी के “दश महाविद्या” स्वरूप में अंतिम रूप कमला देवी की स्तुति करता है।

Kamala Stotram

सर्ववेदागमज्ञानपारगां परमेश्वरीम्|
दुष्टकष्टप्रदां वन्दे कमलामिष्टसिद्धिदाम्|
निधीनां स्वामिनीं नित्यां विष्णुवक्षःस्थलस्थिताम्|
शिष्टसौख्यप्रदां वन्दे कमलामिष्टदेवताम्|
भक्तिसाध्यां भवाराध्यामक्षयां धनदायिनीम्|
सुराऽसुराऽऽनतां वन्दे कमलां सुन्दराननाम्|
शेषनागे शयानस्य दयितां जगतां पतेः|
क्षीराब्धितनयां वन्दे कमलां श्रीहरिप्रियाम्|
भक्तहृद्व्योममध्यस्थां सिद्धिबुद्द्यृद्धिदायिनीम्|
विष्णुहृन्मन्दिरां वन्दे कमलामिन्दिरां रमाम्|
कमलापञ्चकस्तोत्रराजो नित्यं हि पठ्यताम्|
सुजनैर्विष्णुभक्तैश्च भक्तिज्ञानधनाप्तये|

Benefits of Kamala Stotram

कमला स्तोत्रम् का नियमित पाठ करने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:

🔹 जीवन में धन और ऐश्वर्य का आगमन होता है।
🔹 ऋण मुक्ति और आर्थिक संकटों का समाधान मिलता है।
🔹 चन्द्र और शुक्र ग्रह दोष दूर होते हैं।
🔹 शांति, सुंदरता, सौभाग्य और परमार्थ की प्राप्ति होती है।
🔹 शत्रु बाधा, दरिद्रता, मानसिक तनाव समाप्त होते हैं।
🔹 विशेषकर कार्तिक मास, दीपावली, शुक्रवार को पाठ अत्यधिक शुभ होता है।

पाठ विधि

  1. सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. देवी लक्ष्मी या कमला देवी के चित्र/मूर्ति के समक्ष दीपक, पुष्प और सुगंधित धूप अर्पण करें।
  3. “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः” इस बीज मंत्र से पूजा आरंभ करें।
  4. फिर श्रद्धा से कमला स्तोत्रम् का पाठ करें।
  5. पाठ के बाद आरती करें और नैवेद्य अर्पित करें।

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